शिमला: राजधानी शिमला में आत्महत्या का मामला सामने आया है. छोटा शिमला थाना के तहत पड़ने वाले मच्छी वाली कोठी के समीप एक घर में युवक ने आत्महत्या कर ली है. मृतक की पहचान गर्भ सिंह (37) के रूप में हुई है. यह मूलत: चंबा जिला का रहने वाला था. पिछले करीब 17 सालों से यह यहां पर केयर टेकर का काम करता था. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना छोटा शिमला थाना पुलिस को दी. पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए आईजीएमसी अस्पताल भिजवाया है. फिलहाल आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. पुलिस ने मौके से साक्ष्य जुटाकर जांच के लिए एफएसएल लैब जुन्गा भेज दिए हैं. पुलिस ने मामला दर्ज कर आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है. स्वजनों को भी पुलिस ने इसको लेकर सूचित कर दिया है.
5 महीनों में 32 ने की आत्महत्या: जिला शिमला में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले पांच महीनों में 32 लोगों ने आत्महत्या की है. आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर युवा शामिल हैं. युवा वर्ग में ज्यादा आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक है. पुलिस रिकार्ड के अनुसार जनवरी से अप्रैल तक 32 लोगों ने आत्महत्या की है. इनमें 23 पुरुष व नौ महिलाएं व युवतियां भी शामिल हैं.
बता दें कि जनवरी में 11 आत्महत्या के मामले सामने आए, जिनमें सात पुरुषों और चार महिलाओं, फरवरी में छह मामलों में चार पुरुषों और दो महिलाओं, मार्च में छह मामलों में चार पुरुषों और दो महिलाओं और अप्रैल में भी छह मामलों में पांच पुरुषों व एक महिला ने आत्महत्या की. आत्महत्या के मामले बढ़ने काफी चिंता का विषय भी है. शिमला में जून व जुलाई महीने में 4 मामले आत्महत्या के सामने आ चुके हैं.
लक्षण दिखने पर करवानी चाहिए काउंसलिंग: मनोचिकित्सक की मानें तो आत्महत्या के कई कारण हैं. इनमें मानसिक तनाव, दबाव या अन्य कारण हैं. इसमें लोग आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं जो आत्महत्या करते हैं उनमें कुछ दिन पहले ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं. ऐसी स्थिति में स्वजन, दोस्त या परिवार के अन्य सदस्यों को चाहिए कि वे समय पर ऐसे व्यक्ति को इलाज व काउंसलिंग के लिए डॉक्टर के पास ले जाएं.
बाय-बाय शिमला का स्टेट्स डाल किया था सुसाइड: 22 फरवरी को कुफ्टाधार में 24 साल के युवक ने आत्महत्या की थी. मृतक की पहचान रोहित के तौर पर की गई थी जो सिरमौर जिले के शिलाई का रहने वाला था. यह एमए की पढ़ाई कर रहा था. सुसाइड से एक दिन पहले उसने अपने फेसबुक पेज पर स्टेट्स डाला था बाय-बाय शिमला. वह शिमला में पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब भी करता था.
ये है कानूनी प्रक्रिया: आत्महत्या के मामले में पहले पुलिस 174 सीआरपीसी के तहत मामला दर्ज करती है. यदि परिवार का कोई सदस्य आत्महत्या में किसी तरह के शक की आशंका जताता है तभी अन्य पहलुओं से भी जांच की जाती है. कई मामलों में यह भी सामने आया है कि दबाव के चलते आत्महत्या की गई है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील नेगी ने कहा कि आत्महत्या के मामले बढ़ना चिंता का विषय है. सभी मामलों में 174 सीआरपीसी के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई है. स्वजन यदि आत्महत्या के उकसाने की शिकायत करते हैं तब पुलिस मामले की अन्य पहलुओं के तहत जांच करती है. कई बार लोग पारिवारिक माहौल और तनाव के कारण भी आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं. हालांकि पुलिस फिर भी हर मामले की गहराई से जांच करती है.