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इन दो योजनाओं में बेहतर काम करने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों की दिल्ली में सराहना - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार

भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन में बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए, इस योजना के अनुभवों को सांझा करने के लिए चुना गया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और हिम केयर योजना प्रदेशवासियों को बेहतर व निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाने की दिशा में वरदान सिद्ध हो रही है.

नई दिल्ली में दो दिवसीय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर आयोजित कान्फ्रेंस
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Published : Oct 1, 2019, 9:24 PM IST

शिमला: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने आज नई दिल्ली में दो दिवसीय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर आयोजित कान्फ्रेंस के समापन सत्र में भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सत्र की अध्यक्षता की.

कार्यक्रम के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए, विपिन परमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज उपलब्ध करवाने में देश का शीर्ष राज्य बन गया है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत 28.57 प्रतिशत परिवारों को लाया गया है, जबकि 31.42 प्रतिशत परिवारों को हिम केयर के अंतर्गत लाया गया है. उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत परिवार स्थाई/सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं, 14.29 प्रतिशत परिवारों को ईएसआई के अंतर्गत लाया गया है, जबकि 2.86 प्रतिशत परिवार केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत लाए गए हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भी प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रयासों की सराहना की है.

2 day conference organized on Ayushman Bharat Prime Minister Jan Arogya Yojana
नई दिल्ली में दो दिवसीय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर आयोजित कान्फ्रेंस

विपिन परमार ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कार्ड जारी करने की प्रक्रिया चल रही है और 62 प्रतिशत परिवारों को अभी तक गोल्डन कार्ड जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 33961 लाभार्थियों को इस योजना के तहत 32.56 करोड़ रुपये का निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया गया है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत देश के किसी भी पंजीकृत अस्पताल में पांच लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है और इस कार्य के लिए प्रदेश में अभी तक 199 अस्पताल पंजीकृत किए गए हैं जिनमें 52 निजी अस्पताल भी शामिल हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो लोग आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं उनके लिए 1 जनवरी, 2019 से हिम केयर योजना शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अभी तक 40100 लाभार्थियों को 39.93 करोड़ रुपये का निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया गया है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने इस सम्मेलन में प्रदेश में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के बारे में विस्तार में प्रस्तुति दी. भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन में बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए, इस योजना के अनुभवों को सांझा करने के लिए चुना गया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और हिम केयर योजना प्रदेशवासियों को बेहतर व निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाने की दिशा में वरदान सिद्ध हो रही है.

ये भी पढ़ें- हाये ये बेरोजगारी! 42 पदां पर 14 हजार बेरोजगारें किता आवेदन

शिमला: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने आज नई दिल्ली में दो दिवसीय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर आयोजित कान्फ्रेंस के समापन सत्र में भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सत्र की अध्यक्षता की.

कार्यक्रम के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए, विपिन परमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज उपलब्ध करवाने में देश का शीर्ष राज्य बन गया है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत 28.57 प्रतिशत परिवारों को लाया गया है, जबकि 31.42 प्रतिशत परिवारों को हिम केयर के अंतर्गत लाया गया है. उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत परिवार स्थाई/सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं, 14.29 प्रतिशत परिवारों को ईएसआई के अंतर्गत लाया गया है, जबकि 2.86 प्रतिशत परिवार केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत लाए गए हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भी प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रयासों की सराहना की है.

2 day conference organized on Ayushman Bharat Prime Minister Jan Arogya Yojana
नई दिल्ली में दो दिवसीय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर आयोजित कान्फ्रेंस

विपिन परमार ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कार्ड जारी करने की प्रक्रिया चल रही है और 62 प्रतिशत परिवारों को अभी तक गोल्डन कार्ड जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 33961 लाभार्थियों को इस योजना के तहत 32.56 करोड़ रुपये का निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया गया है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत देश के किसी भी पंजीकृत अस्पताल में पांच लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है और इस कार्य के लिए प्रदेश में अभी तक 199 अस्पताल पंजीकृत किए गए हैं जिनमें 52 निजी अस्पताल भी शामिल हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो लोग आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं उनके लिए 1 जनवरी, 2019 से हिम केयर योजना शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अभी तक 40100 लाभार्थियों को 39.93 करोड़ रुपये का निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया गया है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने इस सम्मेलन में प्रदेश में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के बारे में विस्तार में प्रस्तुति दी. भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन में बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए, इस योजना के अनुभवों को सांझा करने के लिए चुना गया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और हिम केयर योजना प्रदेशवासियों को बेहतर व निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाने की दिशा में वरदान सिद्ध हो रही है.

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Intro:Body:आयुष्मान भारत और हिम केयर योजनाओं में बेहतर कार्य करने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना
शिमला. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने आज नई दिल्ली में दो दिवसीय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर आयोजित कान्फ्रेंस के समापन सत्र में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सत्र की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम के उपरांत मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए, विपिन परमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज उपलब्ध करवाने में देश का शीर्ष राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत 28.57 प्रतिशत परिवारों को लाया गया है जबकि 31.42 प्रतिशत परिवारों को हिम केयर के अंतर्गत लाया गया है। उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत परिवार स्थाई/सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी है, 14.29 प्रतिशत परिवारों को ईएसआई के अंतर्गत लाया गया है जबकि 2.86 प्रतिशत परिवार केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत लाए गए हंै। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भी प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रयासों की सराहना की है।
परमार ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत काॅर्ड जारी करने की प्रक्रिया चल रही है और 62 प्रतिशत परिवारों को अभी तक गोल्डन कार्ड जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 33961 लाभार्थियों को इस योजना के तहत 32.56 करोड़ रुपये का निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत देश के किसी भी पंजीकृत अस्पताल में पांच लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है और इस कार्य के लिए प्रदेश में अभी तक 199 अस्पताल पंजीकृत किए गए हैं जिनमें 52 निजी अस्पताल भी शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो लोग आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं उनके लिए 1 जनवरी, 2019 से हिम केयर योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अभी तक 40100 लाभार्थियों को 39.93 करोड़ रुपये का निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया गया है।
इससे पूर्व, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान ने इस सम्मेलन में प्रदेश में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के बारे में विस्तार में प्रस्तुति दी। भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन में बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए, इस योजना के अनुभवों को सांझा करने के लिए चुना गया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और हिम केयर योजना प्रदेशवासियों को बेहतर व निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवाने की दिशा में वरदान सिद्ध हो रही हैं।
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