करसोग: करवाचौथ पर अनूठी पहल करते हुए करसोग की महिलाओं ने खुद को सजाने के साथ धरती मां का भी श्रृंगार किया. महिलाओं ने देहरी के सिद्ध पीठ शिव मंदिर परिसर में खाली पड़ी जगह पर आम, अनार सहित कई किस्मों के फलदार पौधों को रोपा.
करसोग की इन महिलाओं को वास्तव में प्रकृति का सजग प्रहरी कहा जा सकता है. महिला मंडल की सभी सदस्यों ने करवाचौथ के व्रत पर पहले खुद को सजाया और फिर सभी महिलाओं ने मंदिर एकत्रित होकर पहले परिसर के चारों और साफ सफाई की इसके बाद कई किस्मों के फलदार पौधे रोपे. करसोग में करवाचौथ के दिन प्रकृति को बचाने के लिए प्रेणादायक पहल है. यहां करवाचौथ जैसे पवित्र पर्व पर पर्यावरण को बचाने के लिए किए गए महिलाओं के किए गए प्रयास को सभी लोग सराहना कर रहे हैं.
महिलाएं खुद करेंगी अपने लगाए पौधे की देखभाल:
महिला मंडल ने मंदिर परिसर में रोपे गए पौधों को बचाने का भी संकल्प लिया है. यह महिलाएं अपने-अपने लगाए गए पौधों की खुद ही देखभाल करेंगी. इन पौधों को पूजा के बाद रोजाना पानी देने के साथ पशुओं से भी इन पौधों की रक्षा की जाएगी. महिलाओं का कहना है कि करवाचौथ को यादगार बनाने की लिए उन्होंने इस तरह की पहल की है.
पेयजल स्त्रोतों के आसपास भी लगाए जाएंगे पौधे:
आने वाले कल के लिए धरती पर जल को बचाने का भी महिलाओं ने संकल्प लिया है. इसके लिए महिला मंडल की सभी सदस्य करसोग के आसपास के प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों को बचाने के लिए भी कार्य करेगी. इसके लिए पेयजल स्त्रोतों के चारों और सदाबहार पौधे रोपे जाएंगे. जिससे गर्मियों में इन पेयजल स्त्रोतों के आसपास हरियाली बचाई जा सके.
स्वच्छ वातावरण सबसे जरूरी: बनीता
महिला मंडल देहरी की प्रधान बनीता शर्मा का कहना है कि पति की दीर्धायु के लिए जहां महिलाओं ने खुद का श्रृंगार किया, वहीं पर्यावरण स्वच्छ रहे, इसके लिए महिला मंडल ने मंदिर परिसर में पौध रोपण किया. जिसकी देखभाल महिलाएं खुद करेंगी.