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भूतनाथ मंदिर में रीवा महामृत्युंजय महादेव के दर्शन, शिवलिंग पर चढ़ चुका है 50 किलो माखन

बाबा भूतनाथ मंदिर स्थित शिवलिंग पर चढ़ाए मक्खन से शुक्रवार को मध्यप्रदेश के रीवा स्थित महामृत्युंजय महादेव के रूप का श्रृंगार किया गया.पिंडी पर अब तक करीब 50 किलो माखन चढ़ाया जा चुका है. मक्खन पर रोजाना बाबा के विभिन्न स्वरूपों का श्रृंगार किया जा रहा है. बाबा के विभिन्न भक्तों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

Mahamrityunjaya Mahadev in Rewa
मंडी में हुए रीवा स्थित महामृत्युंजय महादेव के दर्शन.
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Published : Jan 31, 2020, 1:58 PM IST

मंडी: ऐतिहासिक बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग का रीवा महामृत्युंजय महादेव के रूप का श्रृंगार किया गया. रीवा महामृत्युंजय महादेव का मंदिर मध्यप्रदेश में स्थित है. महामृत्युंजय महादेव के दर्शनों के लिए भक्तों की कतारें लगी रहीं. पिंडी पर अब तक करीब 50 किलो मक्खन चढ़ाया जा चुका है. मक्खन से बने शिवलिंग की उंचाई करीब तीन फुट तक पहुंच गई है.

बाबा भूतनाथ के पुजारी महंत देवानंद सरस्वती ने कहा कि मध्यप्रदेश स्थित महामृत्युंजय का इतिहास बेहद प्राचीन है. भगवान महामृत्युंजय का मंदिर रीवा का प्रमुख देव स्थान है. इस मंदिर का निर्माण तत्कालीन रीवा नरेश महाराज भाव सिंह ने सन् 1675-1694 के बीच करवाया था.

वीडियो रिपोर्ट.

महामृत्यंजय मंदिर भारत के गिने-चुने मंदिरों में सें एक है. इस मंदिर के अंदर मां पार्वती की मूर्ति भी है. महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि अब तक बाबा भूतनाथ मंदिर में 50 किलो के करीब मक्खन पिंडी में चढ़ चुका है. रोजाना बााबा भूतनाथ के नए-नए रूप में श्रृंगार किया जा रहा है.

बता दें कि बाबा भूतनाथ मंदिर में तारारात्रि से शिवलिंग के उपर से पानी का मटका हटा दिया गया है और मक्खन पिंडी पर चढ़ाया गया है. मक्खन पर रोजाना बाबा के विभिन्न स्वरूपों का श्रृंगार किया जा रहा है. बाबा के विभिन्न भक्तों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

मंडी: ऐतिहासिक बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग का रीवा महामृत्युंजय महादेव के रूप का श्रृंगार किया गया. रीवा महामृत्युंजय महादेव का मंदिर मध्यप्रदेश में स्थित है. महामृत्युंजय महादेव के दर्शनों के लिए भक्तों की कतारें लगी रहीं. पिंडी पर अब तक करीब 50 किलो मक्खन चढ़ाया जा चुका है. मक्खन से बने शिवलिंग की उंचाई करीब तीन फुट तक पहुंच गई है.

बाबा भूतनाथ के पुजारी महंत देवानंद सरस्वती ने कहा कि मध्यप्रदेश स्थित महामृत्युंजय का इतिहास बेहद प्राचीन है. भगवान महामृत्युंजय का मंदिर रीवा का प्रमुख देव स्थान है. इस मंदिर का निर्माण तत्कालीन रीवा नरेश महाराज भाव सिंह ने सन् 1675-1694 के बीच करवाया था.

वीडियो रिपोर्ट.

महामृत्यंजय मंदिर भारत के गिने-चुने मंदिरों में सें एक है. इस मंदिर के अंदर मां पार्वती की मूर्ति भी है. महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि अब तक बाबा भूतनाथ मंदिर में 50 किलो के करीब मक्खन पिंडी में चढ़ चुका है. रोजाना बााबा भूतनाथ के नए-नए रूप में श्रृंगार किया जा रहा है.

बता दें कि बाबा भूतनाथ मंदिर में तारारात्रि से शिवलिंग के उपर से पानी का मटका हटा दिया गया है और मक्खन पिंडी पर चढ़ाया गया है. मक्खन पर रोजाना बाबा के विभिन्न स्वरूपों का श्रृंगार किया जा रहा है. बाबा के विभिन्न भक्तों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

Intro:मंडी। ऐतिहासिक बाबा भूतनाथ मंदिर स्थित शिवलिंग पर चढ़ाए मक्खन पर शुक्रवार को मध्यप्रदेश के रीवा स्थित महामृत्युंजय महादेव के रूप का श्रृंगार किया गया। महामृत्युंजय महादेव के दर्शनों के लिए भक्तों की कतारें लगी रही। पिंडी पर अब तक करीब 50 किलो मक्खन चढ़ाया जा चुका है। जिससे शिवलिंग की उंचाई करीब तीन फुट तक पहुंच गई है।




Body:बाबा भूतनाथ के पुजारी महंत देवानंद सरस्वती ने कहा कि मध्यप्रदेश स्थित महामृत्युंजय का इतिहास बेहद प्राचीन है। भगवान महामृत्यंुजय का मन्दिर रीवा का प्रमुख देव स्थान है। इस मंदिर का निर्माण तत्कालीन रीवा नरेश महाराज भाव सिंह ने सन् 1675-1694 के बीच कराया था। महामृत्यंजय मन्दिर भारत के इने-गिने मन्दिरों में सें एक है। इस मन्दिर के अन्दर ही मां पार्वती की मूर्ति भी है। कहा जाता है कि महामृत्युंजय में जो शिवलिंग है, उसे एक जाति विशेष के लोगों द्वारा भेडाघाट से यहां लाया गया था। महाराज विक्रमादित्य ने जब अपनी राजधानी रीवा में स्थापित की तब उन्होनें इस शिवलिंग की स्थापना किले के प्रांगण में करवाई। आगे चलकर महाराज भाव सिंह ने इसे एक भव्य मंन्दिर का स्वरूप प्रदान किया। महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि अब तक बाबा भूतनाथ मंदिर में 50 किलो के करीब मक्खन पिंडी में चढ़ चुका है। रोजाना बााबा भूतनाथ के नए-नए रूप में श्रृंगार किया जा रहा है।

बाइट - महंत देवानंद सरस्वती, पुजारी बाबा भूतनाथ मंदिर मंडी




Conclusion:बता दें कि बाबा भूतनाथ मंदिर में तारारात्रि से शिवलिंग के उपर से पानी का मटका हटा दिया गया है और मक्खन पिंडी पर चढ़ाया गया है। मक्खन पर रोजाना बाबा के विभिन्न स्वरूपों का श्रृंगार किया जा रहा है। जोकि आकर्षण का केंद्र रहता है। 
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