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Viral Video: सीएम के गृह जिले में मटमैला पानी पीने को मजबूर लोग, जनमंच में समस्या उठाने के बाद भी पेयजल की परेशानी

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Published : Jul 17, 2019, 3:42 PM IST

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें चौहारघाटी की लटराण पंचायत के कुफरधार गांव के ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हैं.

Viral Video: सीएम के गृह जिले में मटमैला पानी पीने को मजबूर लोग

मंडी: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें चौहारघाटी की लटराण पंचायत के कुफरधार गांव के ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हैं. यहां कुफरधार के बाशिंदों के लिए आईपीएच विभाग द्वारा कोई भी पेयजल योजना नहीं बनाई गई है. ऐसे में ग्रामीणों को जंगल में खड्डे खोद कर बारिश के इकट्ठे किए गए पानी से अपना गुजारा करना पड़ रहा है. इस मटमैले पानी से जहां ग्रामीण अपनी प्यास बुझाते हैं. वहीं, अपने पालतू मवेशियों को भी यही पानी पिलाया जाता है,

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ग्रामीणों का आरोप है कि समस्या को लेकर गत वर्ष थलटूखोड़ में आयोजित जनमंच कार्यक्रम के दौरान उद्योग मंत्री के सामने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था. उस दौरान आईपीएच विभाग ने शीघ्र ही प्रारूप तैयार कर कुफरधार के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने का आश्वासन मंत्री के सामने दिया था, लेकिन जनमंच कार्यक्रम बीत जाने के बाद आईपीएच विभाग फिर से बेखबर हो गए.

ग्रामीणों ने आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से विभाग के इस लापरवाह रवैये पर कड़ा संज्ञान लेने की मांग उठाई है. साथ ही चेतावनी भी दी है कि आईपीएच विभाग अब भी संजीदा होते हुए शुद्ध पेयजल उपलब्ध नही करवाता है तो मजबूरन उन्हें संघर्ष की राह तैयार करनी पड़ेगी.

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वहीं, आईपीएच सब डिविजन पधर के एसडीओ धर्म सिंह रावत ने बताया कि ग्रामीण यहां बरसात में अस्थाई सेड बना कर खेतीबाड़ी करते हैं. विभाग की यहां कोई पेयजल योजना भी नहीं है. जनमंच में ग्रामीणों ने पेयजल मुहैया करवाने की मांग उठाई थी, जिसके लिए एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है. उन्होंने कहा कि धनराशि की स्वीकृति मिलती है तो कार्य शुरू किया जाएगा.

Viral Video: सीएम के गृह जिले में मटमैला पानी पीने को मजबूर लोग, जनमंच में समस्या उठाने के बाद भी पेयजल की परेशानी

मंडी: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें चौहारघाटी की लटराण पंचायत के कुफरधार गांव के ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हैं. यहां कुफरधार के बाशिंदों के लिए आईपीएच विभाग द्वारा कोई भी पेयजल योजना नहीं बनाई गई है. ऐसे में ग्रामीणों को जंगल में खड्डे खोद कर बारिश के इकट्ठे किए गए पानी से अपना गुजारा करना पड़ रहा है. इस मटमैले पानी से जहां ग्रामीण अपनी प्यास बुझाते हैं. वहीं, अपने पालतू मवेशियों को भी यही पानी पिलाया जाता है,

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ग्रामीणों का आरोप है कि समस्या को लेकर गत वर्ष थलटूखोड़ में आयोजित जनमंच कार्यक्रम के दौरान उद्योग मंत्री के सामने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था. उस दौरान आईपीएच विभाग ने शीघ्र ही प्रारूप तैयार कर कुफरधार के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने का आश्वासन मंत्री के सामने दिया था, लेकिन जनमंच कार्यक्रम बीत जाने के बाद आईपीएच विभाग फिर से बेखबर हो गए.

ग्रामीणों ने आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से विभाग के इस लापरवाह रवैये पर कड़ा संज्ञान लेने की मांग उठाई है. साथ ही चेतावनी भी दी है कि आईपीएच विभाग अब भी संजीदा होते हुए शुद्ध पेयजल उपलब्ध नही करवाता है तो मजबूरन उन्हें संघर्ष की राह तैयार करनी पड़ेगी.

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वहीं, आईपीएच सब डिविजन पधर के एसडीओ धर्म सिंह रावत ने बताया कि ग्रामीण यहां बरसात में अस्थाई सेड बना कर खेतीबाड़ी करते हैं. विभाग की यहां कोई पेयजल योजना भी नहीं है. जनमंच में ग्रामीणों ने पेयजल मुहैया करवाने की मांग उठाई थी, जिसके लिए एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है. उन्होंने कहा कि धनराशि की स्वीकृति मिलती है तो कार्य शुरू किया जाएगा.

Viral Video: सीएम के गृह जिले में मटमैला पानी पीने को मजबूर लोग, जनमंच में समस्या उठाने के बाद भी पेयजल की परेशानी
Intro:मंडी। चौहारघाटी की लटराण पंचायत के कुफरधार गांव के ग्रामीण पिछले कई सालों से पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हैं। यहां कुफरधार के बाशिंदों के लिए आईपीएच विभाग द्वारा कोई भी पेयजल योजना नहीं बनाई हुई है। ऐसे में ग्रामीणों को जंगल में खड्डे खोद कर बारिश के इकठ्ठे किए गए पानी से अपना गुजारा करना पड़ रहा है। इस मटमैले पानी से जहां ग्रामीण अपनी प्यास बुझाते हैं। वहीं अपने पालतू मवेशियों को भी यही पानी पिलाया जाता है। जिस कारण गांव में महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। जिसमें कीचड़युक्‍त पानी पीते हुए ग्रामीण दिख रहे हैं।

Body:ग्रामीणों का आरोप है कि समस्या को लेकर गत वर्ष थलटूखोड़ में आयोजित जनमंच कार्यक्रम के दौरान उद्योग मंत्री के सामने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था। उस दौरान आईपीएच विभाग ने शीघ्र ही प्रारूप तैयार कर कुफरधार के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने का आश्वासन मंत्री के सामने दिया था। लेकिन जनमंच कार्यक्रम बीत जाने के बाद आईपीएच विभाग फिर से बेखबर हो गया। यहां गांव के लिए कोई भी योजना आज तक नहीं बन पाई है। ग्रामीणों का कहना है कि मधराण गांव के ग्रामीण बरसात में 6 माह के लिए अपने दोघरे कुफरधार में खेतीबाड़ी और मटर कीैदावार के लिए रिहायश करते हैं। जिन्हें कई सालों से पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 1996 में कुफरधार के लिए विभाग द्वारा पेयजल लाइन बिछाई गई थी। इस दौरान लगभग दो साल तक नियमित रूप से पानी की आपूर्ति भी होती रही। लेकिन उसके बाद इस लाइन की देखरेख और रखरखाव को लेकर विभाग ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिस कारण यहां बिछाई गई पाइप लाइनें भी जंग से खत्म हो चुकी हैं। ग्रामीणों ने आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से विभाग के इस लापरवाह रवैये पर कड़ा संज्ञान लेने की मांग उठाई है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि आईपीएच विभाग अब भी संजीदा होते हुए शुद्ध पेयजल उपलब्ध नही करवाता है तो मजबूरन उन्हें संघर्ष की राह तैयार करनी पड़ेगी।


Conclusion:वहीं, आईपीएच सब डिविजन पधर के एसडीओ धर्म सिंह रावत ने बताया कि कुफरधार में स्थाई तौर पर किसी ग्रामीण की रिहाइश नहीं है। ग्रामीण यहां बरसात में अस्थाई सेड बना कर खेतीबाड़ी करते हैं। विभाग की यहां कोई पेयजल योजना भी नही है। जनमंच में ग्रामीणों ने पेयजल मुहैया करवाने की मांग उठाई थी। जिसके लिए एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है। धनराशि की स्वीकृति मिलती है तो कार्य शुरू किया जाएगा।
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