मंडी: सुंदरनगर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-21 चंडीगढ़ मनाली (National Highway-21 Chandigarh Manali) के किनारे खड़े पेड़ हादसों को न्योता दे रहे हैं. आलम यह है कि आए दिन इन दशकों पुराने खतरनाक पेड़ों से टहनियां टूट कर हाईवे से गुजरने वाली गाड़ियों और आसपास के रिहायशी इलाकों को अपनी चपेट में ले रही हैं. इससे क्षेत्र के वार्ड नंबर-4 सलाह में लगातार खतरा बना हुआ है.
वहीं, तेज आंधी और बरसात में इन पेड़ों के हाईवे पर गिरने से ट्रैफिक भी बाधित होता आया है. हैरानी की बात यह है कि एनएच-21 के साथ मौजूद लगभग 30 पेड़ों को काटने और अन्य पेड़ों की छंटाई के आदेश डीसी मंडी (DC Mandi) द्वारा 2019 में जारी कर दिए गए थे, लेकिन वन विभाग की सुस्त और लचर कार्यप्रणाली के कारण कभी भी इन जानलेवा पेड़ों से कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
पेड़ों को काटने के लिए विभाग की औपचारिकताएं लोगों पर भारी पड़ रही हैं. बता दें कि इन पेड़ों के साथ नेशनल हाईवे-21 चंडीगढ़ मनाली के अलावा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) और अन्य रिहायशी इलाका भी मौजूद है.
नगर परिषद सुंदरनगर (Municipal Council Sundernagar) के वार्ड नंबर-4 सलाह के पार्षद शिव सिंह सेन ने कहा कि उनका वार्ड नेशनल हाईवे-21 (National Highway-21 ) के साथ सटा हुआ है और इसमें 70-80 पुराने सफेदा के पेड़ हैं. उन्होंने कहा कि इन पेड़ों से अपने आप गिरने वाली टहनियों से कई बार हादसे भी हो चुके हैं. इसको लेकर स्थानीय लोगों की मांग पर डीसी मंडी द्वारा 2019 में आदेश भी जारी कर दिए गए थे, लेकिन आज दिन तक मौके पर कुछ नहीं हो पाया है. शिव सिंह सेन ने प्रशासन और विभाग से जल्द से जल्द इन खतरनाक पेड़ों को काटने और छंटाई करने की मांग की है.
मामले पर एसडीएम सुंदरनगर धर्मेश कुमार (SDM Sundernagar Dharmesh Kumar) ने कहा कि नेशनल हाईवे के साथ मौजूद पेड़ों से नुकसान पहुंचाने का मामला संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि इन पेड़ों के कारण किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए संबंधित विभाग से बात कर ली गई है. धर्मेश कुमार ने कहा कि इन पेड़ों को कटवाने का टेंडर लग चुका है और जल्द ही इन पेड़ों को कटवा दिया जाएगा.
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