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वाटर स्पोर्ट्स हब बनेगा तत्तापानी, सरकार ने अधिकारियों दिए ये निर्देश - वाटर स्पोर्ट्स हब बनेगा तत्तापानी

तत्तापानी को नई पहचान दिलाने के लिए क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जा रहा है. पर्यटकों के निए सतलुज नदी पर बनी झील के किनारे घाट और पार्क का निर्माण भी किया जाएगा और इसके लिए राशि भी स्वीकृत हो चुकी है.

वाटर स्पोर्ट्स का हब बनेगा तत्तापानी.
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Published : Nov 25, 2019, 5:03 PM IST

करसोग: जिला मंडी व बिलासपुर की सीमा पर एनटीपीसी की 800 मेगावाट क्षमता को कोल बांध विद्युत परियोजना धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी के लिए सोने की चिड़िया बनने जा रही है. सतलुज नदी पर बनी विद्युत परियोजना के कारण हुए जल भराव से तत्तापानी में बनी झील से नदी के किनारे गर्म पानी के चश्मे जलमग्न हो गए थे. झील बनने के साथ कि तत्तापानी का पौराणिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व कहानी बनकर रह गया है.

तत्तापानी को विश्व के मानचित्र पर नई पहचान दिलाने के लिए क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने अपने प्रयासों में तेजी लाई है. इसी कड़ी में करसोग विधानसभा क्षेत्र के विधायक हीरा लाल, एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर व पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी मान सिंह ने तत्तापानी पहुंचकर टूरिजम विभाग के विभिन्न प्रोजेक्टों की समीक्षा की. टीम ने वाटर स्पोर्ट्स का हब बन रही झील का निरीक्षण भी किया. इस दौरान एसडीएम ने कार्यकर्ताओं को विकसकार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश जारी किए.

Water sports hub वाटर स्पोर्ट्स का हब
वाटर स्पोर्ट्स का हब बनेगा तत्तापानी.

तत्तापानी में बनेगा घाट और पार्क

तत्तापानी को नई पहचान दिलाने के लिए क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है. पर्यटकों के निए सतलुज नदी पर बनी झील के किनारे घाट और पार्क का निर्माण भी किया जाएगा और इसके लिए राशि भी स्वीकृत हो चुकी है. इस घाट के निर्माण से वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और यहां तक पहुंचने के लिए इन दिनों शिमला-करसोग मुख्य मार्ग से लिंक रोड का निर्माण किया जा रहा है. सड़क का निर्माण कार्य अभी प्रगति पर है. सड़क के दोनों तरफ महिलाओं और पुरुषों के लिए स्नानाघर बनाए जाएंगे, जिसका कार्य लोहड़ी पर्व से पहले पूरा कर लिया जाएगा.

तत्तापानी को धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने के साथ-साथ सरकार का मकसद क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स के हब के तौर पर भी विकसित करने भी है. तत्तापानी में गर्म पानी का स्त्रोत होने के कारण पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है. यहां हर साल लोहड़ी के अवसर पर पर्व होता है, जिसमें प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से भी हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं.

वीडियो.

विद्युत परियोजना के बाद तत्तापानी में बनी झील

प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिलों की सीमा में सतलुज नदी पर बिलासपुर में 800 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना बनने के बाद तत्तापानी में जल भराव हो गया. यहां कृत्रिम झील बनने से नदी के किनारे गर्म पानी के प्राकृतिक स्त्रोत जलमग्न हो गए. ड्रिल की सहायता से झील के साथ ही गर्म पानी निकाला गया है. यहां लोगों ने नहाने के लिए चश्मे बनाए गए हैं.
वर्ष 2000 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने सतलुज नदी पर कोल बांध विद्युत परियोजना का नींव पत्थर रखकर शुभारंभ किया था. कोल डैम परियोजना से हिमाचल सहित दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान आदि राज्य की बिजली दी जा रही है.

तत्तापानी में बनेगा वाटर स्पोर्ट्स का हब: एसडीएम

एसडीम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि टूरिज्म के विभिन्न प्रोजेक्टों की समीक्षा के लिए टीम ने तत्तापानी जाकर निरीक्षण किया. इस टीम में विधायक हीरालाल सहित पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशाषी अभियंता भी साथ थे. एसडीम का कहना है कि तत्तापानी अच्छे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित हो, इसके लिए क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जा रहा है, जिसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रयासों में तेजी लाने को कहा है.

ये भी पढ़ें: 32 मील-ज्वाली मार्ग पर खाई में गिरी निजी बस, 25 लोग घायल 6 की हालत गंभीर

करसोग: जिला मंडी व बिलासपुर की सीमा पर एनटीपीसी की 800 मेगावाट क्षमता को कोल बांध विद्युत परियोजना धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी के लिए सोने की चिड़िया बनने जा रही है. सतलुज नदी पर बनी विद्युत परियोजना के कारण हुए जल भराव से तत्तापानी में बनी झील से नदी के किनारे गर्म पानी के चश्मे जलमग्न हो गए थे. झील बनने के साथ कि तत्तापानी का पौराणिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व कहानी बनकर रह गया है.

तत्तापानी को विश्व के मानचित्र पर नई पहचान दिलाने के लिए क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने अपने प्रयासों में तेजी लाई है. इसी कड़ी में करसोग विधानसभा क्षेत्र के विधायक हीरा लाल, एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर व पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी मान सिंह ने तत्तापानी पहुंचकर टूरिजम विभाग के विभिन्न प्रोजेक्टों की समीक्षा की. टीम ने वाटर स्पोर्ट्स का हब बन रही झील का निरीक्षण भी किया. इस दौरान एसडीएम ने कार्यकर्ताओं को विकसकार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश जारी किए.

Water sports hub वाटर स्पोर्ट्स का हब
वाटर स्पोर्ट्स का हब बनेगा तत्तापानी.

तत्तापानी में बनेगा घाट और पार्क

तत्तापानी को नई पहचान दिलाने के लिए क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है. पर्यटकों के निए सतलुज नदी पर बनी झील के किनारे घाट और पार्क का निर्माण भी किया जाएगा और इसके लिए राशि भी स्वीकृत हो चुकी है. इस घाट के निर्माण से वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और यहां तक पहुंचने के लिए इन दिनों शिमला-करसोग मुख्य मार्ग से लिंक रोड का निर्माण किया जा रहा है. सड़क का निर्माण कार्य अभी प्रगति पर है. सड़क के दोनों तरफ महिलाओं और पुरुषों के लिए स्नानाघर बनाए जाएंगे, जिसका कार्य लोहड़ी पर्व से पहले पूरा कर लिया जाएगा.

तत्तापानी को धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने के साथ-साथ सरकार का मकसद क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स के हब के तौर पर भी विकसित करने भी है. तत्तापानी में गर्म पानी का स्त्रोत होने के कारण पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है. यहां हर साल लोहड़ी के अवसर पर पर्व होता है, जिसमें प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से भी हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं.

वीडियो.

विद्युत परियोजना के बाद तत्तापानी में बनी झील

प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिलों की सीमा में सतलुज नदी पर बिलासपुर में 800 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना बनने के बाद तत्तापानी में जल भराव हो गया. यहां कृत्रिम झील बनने से नदी के किनारे गर्म पानी के प्राकृतिक स्त्रोत जलमग्न हो गए. ड्रिल की सहायता से झील के साथ ही गर्म पानी निकाला गया है. यहां लोगों ने नहाने के लिए चश्मे बनाए गए हैं.
वर्ष 2000 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने सतलुज नदी पर कोल बांध विद्युत परियोजना का नींव पत्थर रखकर शुभारंभ किया था. कोल डैम परियोजना से हिमाचल सहित दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान आदि राज्य की बिजली दी जा रही है.

तत्तापानी में बनेगा वाटर स्पोर्ट्स का हब: एसडीएम

एसडीम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि टूरिज्म के विभिन्न प्रोजेक्टों की समीक्षा के लिए टीम ने तत्तापानी जाकर निरीक्षण किया. इस टीम में विधायक हीरालाल सहित पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशाषी अभियंता भी साथ थे. एसडीम का कहना है कि तत्तापानी अच्छे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित हो, इसके लिए क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जा रहा है, जिसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रयासों में तेजी लाने को कहा है.

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Intro:सतलुज नदी पर बनी इस परियोजना के कारण हुए जल भराव से तत्तापानी में बनी झील से नदी के किनारे गर्म पानी के चश्मे जलमग्न हो गए थे। झील बनने के साथ कि तत्तापानी का पौराणिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व कहानी बनकर रह गया है। अब तत्तापानी को विश्व के मानचित्र पर नई पहचान दिलाने के लिए इस क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जा रहा है।Body:वाटर स्पोर्ट्स का हब बनेगा तत्तापानी, सरकार ने प्रयासों में लाई तेजी, अधिकारियों ने की समीक्षा
करसोग
हिमाचल में बिलासपुर और मंडी जिलों की सीमा पर एनटीपीसी की 800 मेगावाट क्षमता को कोल बांध विद्युत परियोजना अब धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी के लिए सोने की चिड़िया बनने जा रही है। सतलुज नदी पर बनी इस परियोजना के कारण हुए जल भराव से तत्तापानी में बनी झील से नदी के किनारे गर्म पानी के चश्मे जलमग्न हो गए थे। झील बनने के साथ कि तत्तापानी का पौराणिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व कहानी बनकर रह गया है। अब तत्तापानी को विश्व के मानचित्र पर नई पहचान दिलाने के लिए इस क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अपने प्रयासों में तेजी लाई है। इसी कड़ी में करसोग विधान सभा क्षेत्र के विधायक हीरा लाल सहित एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर व पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी मान सिंह ने तत्तापानी पहुंचकर टूरिजम विभाग के विभिन्न प्रोजेक्टों की समीक्षा की। इस टीम ने वाटर स्पोर्ट्स का हब बन रही झील का भी निरीक्षण किया। एसडीएम ने इस दौरान विकसकार्यों में तेजी लाए जाने के भी निर्देश जारी किए।

तत्तापानी में बनेगा घाट और पार्क:
तत्तापानी की नई पहचान दिलाने के लिए इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। इसके लिए यहां सतलुज नदी पर बनी झील के किनारे घाट और पार्क का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए राशि भी स्वीकृत हो चुकी है। इस घाट का निर्माण होने से वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यहां तक पहुंचने के लिए इन दिनों एक पक्की सड़क का निर्माण किया जा रहा है। ये कार्य अभी प्रगति पर है। इसी सड़क के दोनों महिलाओं और पुरुषों के लिए स्नानागार बनाए जाएंगे। जिसका कार्य भी लोहड़ी पर्व से पहले पूरा कर लिया जाएगा। ऐसे में सरकार का मकसद तत्तापानी को धार्मिक पर्यटन स्थल के साथ इस क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स के हब के तौर पर भी विकसित करने का है। तत्तापानी में गर्म पानी के स्त्रोत होने के कारण पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। यहां हर साल लोहड़ी के अवसर पर पर्व होता है। जिसमें प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से भी हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते है।

विद्युत परियोजना के बाद तत्तापानी में बनी झील:
प्रदेश के बिलासपुर और मंडी जिलों की सीमा में सतलुज नदी पर बिलासपुर में 800 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना बनने के बाद तत्तापानी में जल भराव हो गया। यहां कृत्रिम झील बनने से नदी के किनारे गर्म पानी के प्राकृतिक स्त्रोत जलमग्न हो गए। अब ड्रिल की सहायता से झील के साथ ही गर्म पानी निकाला गया है। अब यहां लोगों ने नहाने के लिए चश्मे बनाए हैं। सतलुज नदी पर कोल बांध विद्युत परियोजना का शुभारंभ साल 2000 में देश के तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने नींव का पत्थर रख कर किया था। कोल डैम परियोजना से हिमाचल सहित दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान आदि राज्य की बिजली दी जा रही है।

तत्तापानी में बनेगा वाटर स्पोर्ट्स का हब: एसडीएम
एसडीम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि टूरिज्म के विभिन्न प्रोजेक्टों की समीक्षा के लिए टीम ने तत्तापानी जाकर निरीक्षण किया। इस टीम में विधायक हीरालाल सहित पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशाषी अभियंता भी साथ थे। उनका कहना है कि तत्तापानी अच्छे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित हो, इसके लिए इस क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रयासों में तेजी लाने को कहा है।
Conclusion:एसडीम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि टूरिज्म के विभिन्न प्रोजेक्टों की समीक्षा के लिए टीम ने तत्तापानी जाकर निरीक्षण किया। इस टीम में विधायक हीरालाल सहित पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशाषी अभियंता भी साथ थे। उनका कहना है कि तत्तापानी अच्छे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित हो, इसके लिए इस क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रयासों में तेजी लाने को कहा है।
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