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मंडी की लेडी कोरोना वॉरियर्स: कोरोना पॉजिटिव मरीजों की देखभाल करने में पहले डर लगा, फिर... - lockdown in mandi

मंडी में महिला कोरोना वॉरियर्स अपना किरदार शिद्दत से निभा रही हैं. ईटीवी भारत को कोरोना काल में खतरों की खिलाड़ी महिलाओं ने बताया पहले डर लगा, लेकिन बाद में सब कुछ सामान्य जैसा हो गया. सावधानियां बरत कर फर्ज निभाया जा सकता है.

lady corona warriors of mandi
मंडी में लेडी कोरोना वॉरियर्स
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Published : May 21, 2020, 10:43 PM IST

Updated : May 22, 2020, 10:48 AM IST

मंडी: कोरोना संकट काल में महिला कोरोना वॉरियर्स भी अपना किरदार बखूबी निभा रही हैं.अपना घर परिवार छोड़कर स्वास्थ्य विभाग में तैनात चाहे महिला डॉक्टर हो या नर्स कोरोना संक्रमण के दौर में सेवा का फर्ज नहीं छोड़ रही. फ्रंट लाइन में दिन रात काम कर रही इन महिलाओं की जितनी तारीफ की जाए कम है. ईटीवी भारत ने जानने का प्रयास किया किया कि कोरोना के दौर में महिला कोरोना वॉरियर्स अपनी ड्यूटी किस तरह निभा रही हैं.

खतरों की खिलाड़ी

कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक खतरा संक्रमित मरीजों के उपचार करने वाले डॉक्टर्स, नर्स व संभावितों के सैंपल लेने वाले डॉक्टर व स्टाफ को रहता है, हालांकि इससे बचाव के लिए सभी पीपीई किट पहनते हैं, लेकिन जरा सी भी चूक भारी साबित हो सकती है. जिले में नेरचौक मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है. यहां अब तक कई कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. यहां से ठीक होकर भी कोरोना मरीज घर वापस लौटे हैं. इन मरीजों का उपचार करने वाले डॉक्टर्स, नर्स व यहां काम करने वाले स्टाफ की मानें तो खतरा तो होता है, लेकिन कुछ सावधानियां बरत कर खतरे को टाला जा सकता है.

वीडियो रिपोर्ट.

पहली बार तो लगा डर

कोविड-19 अस्पताल में काम कर चुकी स्टाफ नर्स मीना ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले दाखिल किए गए चार मरीजों का उपचार किया. मेडिकल कॉलेज लाने की सूचना पर पहले डर तो लगा. परिजन भी कोरोना वार्ड में ड्यूटी को लेकर चिंतित हुए, लेकिन अपना कर्त्तव्य से पीछे नहीं हटना था. ऐसे में सभी तरह की सावधानियां बरतते हुए कोरोना वार्ड में ड्यूटी दी. ड्यूटी के दौरान कई चुनौतियां भी सामने आईं, जिनका सामना करते हुए अपना फर्ज निभाया. वहीं, वार्ड सिस्टर राधा ने बताया कि उन्होंने अपनी परिवार की तरह इन मरीजों का भी ख्याल रखा. सभी सावधानियां बरतकर अपनी ड्यूटी दी.सात दिन ड्यूटी देने के बाद 14 दिन क्वारंटाइन रहकर परिवार से मिलना हुआ.

डॉक्टरों का साथ दिया

वहीं, कोविड-19 अस्पताल के कोरोना वार्ड में महिला सफाई कर्मचारियों ने भी डॉक्टरों के साथ-साथ काम किया. कोरोना वार्ड में संक्रमण के खतरे के बीच ड्यूटी देने वाली महिला सफाई कर्मचारी की मानें तो पहले डर लगा, लेकिन डॉक्टर्स को अंदर जाते देख सारा डर समाप्त हो गया. वहीं, कोरोना संक्रमण का अधिक खतरा संभावित मरीज का सैंपल लेने वाले डॉक्टर व स्टाफ को भी रहता है, लेकिन संक्रमण के खतरे के बीच जोनल अस्पताल में तैनात महिला माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ कीर्ति परमार व उनका स्टाफ यह काम कर रहा है. उनका कहना है कि यह खतरे का काम तो है, लेकिन सावधानियां बरती जाए तो कोई डर नहीं है, हालांकि स्टाफ को कई चीजों को लेकर आशंका रहती है, लेकिन उन्हें प्रशिक्षित किया गया है.

सभी को सलाम

यह तो हमने सिर्फ मंडी में महिला कोरोना वॉरियर्स की कहानी आप तक पहुंचाई, लेकिन देश में बड़ी संख्या में महिलाएं कोरोना से जंग जीतने के लिए दिन-रात काम करके देश को कोरोना मुक्त करने में लगी हैं. ऐसी सभी कोरोना वॉरियर्स महिलाओं को हमारा सलाम.

मंडी: कोरोना संकट काल में महिला कोरोना वॉरियर्स भी अपना किरदार बखूबी निभा रही हैं.अपना घर परिवार छोड़कर स्वास्थ्य विभाग में तैनात चाहे महिला डॉक्टर हो या नर्स कोरोना संक्रमण के दौर में सेवा का फर्ज नहीं छोड़ रही. फ्रंट लाइन में दिन रात काम कर रही इन महिलाओं की जितनी तारीफ की जाए कम है. ईटीवी भारत ने जानने का प्रयास किया किया कि कोरोना के दौर में महिला कोरोना वॉरियर्स अपनी ड्यूटी किस तरह निभा रही हैं.

खतरों की खिलाड़ी

कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक खतरा संक्रमित मरीजों के उपचार करने वाले डॉक्टर्स, नर्स व संभावितों के सैंपल लेने वाले डॉक्टर व स्टाफ को रहता है, हालांकि इससे बचाव के लिए सभी पीपीई किट पहनते हैं, लेकिन जरा सी भी चूक भारी साबित हो सकती है. जिले में नेरचौक मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है. यहां अब तक कई कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. यहां से ठीक होकर भी कोरोना मरीज घर वापस लौटे हैं. इन मरीजों का उपचार करने वाले डॉक्टर्स, नर्स व यहां काम करने वाले स्टाफ की मानें तो खतरा तो होता है, लेकिन कुछ सावधानियां बरत कर खतरे को टाला जा सकता है.

वीडियो रिपोर्ट.

पहली बार तो लगा डर

कोविड-19 अस्पताल में काम कर चुकी स्टाफ नर्स मीना ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले दाखिल किए गए चार मरीजों का उपचार किया. मेडिकल कॉलेज लाने की सूचना पर पहले डर तो लगा. परिजन भी कोरोना वार्ड में ड्यूटी को लेकर चिंतित हुए, लेकिन अपना कर्त्तव्य से पीछे नहीं हटना था. ऐसे में सभी तरह की सावधानियां बरतते हुए कोरोना वार्ड में ड्यूटी दी. ड्यूटी के दौरान कई चुनौतियां भी सामने आईं, जिनका सामना करते हुए अपना फर्ज निभाया. वहीं, वार्ड सिस्टर राधा ने बताया कि उन्होंने अपनी परिवार की तरह इन मरीजों का भी ख्याल रखा. सभी सावधानियां बरतकर अपनी ड्यूटी दी.सात दिन ड्यूटी देने के बाद 14 दिन क्वारंटाइन रहकर परिवार से मिलना हुआ.

डॉक्टरों का साथ दिया

वहीं, कोविड-19 अस्पताल के कोरोना वार्ड में महिला सफाई कर्मचारियों ने भी डॉक्टरों के साथ-साथ काम किया. कोरोना वार्ड में संक्रमण के खतरे के बीच ड्यूटी देने वाली महिला सफाई कर्मचारी की मानें तो पहले डर लगा, लेकिन डॉक्टर्स को अंदर जाते देख सारा डर समाप्त हो गया. वहीं, कोरोना संक्रमण का अधिक खतरा संभावित मरीज का सैंपल लेने वाले डॉक्टर व स्टाफ को भी रहता है, लेकिन संक्रमण के खतरे के बीच जोनल अस्पताल में तैनात महिला माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ कीर्ति परमार व उनका स्टाफ यह काम कर रहा है. उनका कहना है कि यह खतरे का काम तो है, लेकिन सावधानियां बरती जाए तो कोई डर नहीं है, हालांकि स्टाफ को कई चीजों को लेकर आशंका रहती है, लेकिन उन्हें प्रशिक्षित किया गया है.

सभी को सलाम

यह तो हमने सिर्फ मंडी में महिला कोरोना वॉरियर्स की कहानी आप तक पहुंचाई, लेकिन देश में बड़ी संख्या में महिलाएं कोरोना से जंग जीतने के लिए दिन-रात काम करके देश को कोरोना मुक्त करने में लगी हैं. ऐसी सभी कोरोना वॉरियर्स महिलाओं को हमारा सलाम.

Last Updated : May 22, 2020, 10:48 AM IST
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