मंडी: वैश्विक कोरोना महामारी के दौर में जिंदगी की रफ्तार ठहर सी गई है. सड़कों पर सन्नाटा है, वाहनों के पहिए थमे हुए हैं. बाजार सात घंटे खुल तो रहे हैं, लेकिन रौनक गायब है. शादी विवाह समेत जरूरी समारोह भी इसी सन्नाटे के बीच हो रहे हैं. इन दिनों शादी विवाह तो हो रहे हैं, लेकिन न बज रहे बैंड बाजा और न ही पक रही धाम. डीजे की तो बात ही दूर है. आखिर कोरोना काल जो है. ऐसे में खुद के साथ दूसरों को भी बचाना जरूरी है.
मंडी जिला मुख्यालय के साथ लगते मझवाड़ के नीरज शर्मा का कहना है कि कज़न की शादी के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली थी. निमंत्रण पत्र भी छपवा लिए गए थे, लेकिन लॉकडाउन में सभी तैयारियां धरी की धरी रह गई. इस बीच बिना किसी बैंड बाजे और धाम के ही चंद लोगों के साथ बारात निकली और सभी रस्मों को निभाते हुए दुल्हन को ले आए. खैर जैसा दौर चल रहा है उस दौर में यह सब जायज भी है, लेकिन कई जगहों पर करवाई एडवांस बुकिंग भी रद्द करनी पड़ी.
ऐसे ही समारोहों व विवाह शादियों के स्थगित व रद्द होने से कई बड़े कारोबारी समेत छोटे व्यापारी खुद बैकफुट पर हैं. शादी विवाह की बात जाए तो बैंक्वेट हॉल के अलावा अन्य बोटी, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफी, किरयाना दुकानदार, डीजे, मजदूर, वेटर, फूल कारोबारी, कपड़ा व्यापारी समेत अन्य की रोजी रोटी पर संकट आन पड़ा है. शादियों व रिटायमेंट का पीक दो महीने का सीजन लॉक डाउन में ही गुजर गया.
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इस सीजन के लिए नए सामान को लाखों की इन्वेस्टमेंट करने वाले कारोबारी अब मायूस हैं. काम पर रखे मजदूर व अन्य लोगों की सैलरी निकालना मुश्किल हो रहा है. जैसे कैसे परिवार चलाने के लिए भुगतान किया जा रहा है. मंडी शहर के विशाल बैंक्वेट हॉल की बात करें तो यहां करीब एक दर्जन से अधिक बुकिंग कैंसिल हुई हैं. प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर इस धंधे सैंकड़ों परिवार जुड़े हैं. जो अब बेकार बैठे हुए हैं.
यही हाल कंफर्ट बैंक्वेट हॉल व होटल के भी हैं. संचालक की मानें तो आउट डोर सर्विस, केटरिंग, टैंट समेत अन्य सभी प्रकार का कामकाज पूरी तरह से ठप है. इन्वेस्टमेंट की चिंता भी सता रही है. बैंक्वेट हॉल संचालकों की मानें तो बीच में कुछ लोगों ने कम लोगों व परमिशन के साथ आयोजन की बात भी कही, लेकिन उन्होंने इस कोरोना संकट को देखते हुए प्रपोजल को स्वीकार नहीं किया.
संचालकों का कहना है कि नुकसान तो हो रहा है, लेकिन इस स्थिति में कुछ किया भी नहीं जा सकता है. बस इंतजार किया जा रहा है तो स्थिति सामान्य आने और प्रशासन से कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति का. कोरोना संकट के बीच शादियां तो हो रही है, लेकिन समारोह से जुडे सभी कारोबार ठप हैं. ऐसे में सैंकड़ों परिवार इस दौर में बेरोजगारी से गुजर रहे हैं. शादी समारोह से जुड़े कारोबारी, व्यापारी व गरीब तबका बस यही उम्मीद लगाए बैठें हैं कि कब कोरोना संकट से देश व दुनिया उभरेगी और स्थिति सामान्य होगी.
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