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मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने रिकॉर्ड किया कायम, 52 संक्रमित महिलाओं की करवाई सुरक्षित डिलीवरी

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Published : Nov 28, 2020, 6:56 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 9:25 PM IST

कोरोना के चलते अप्रैल महीने में लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक को डेडिकेटिड कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था. अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीवानंद चौहान ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के मामले में अस्पताल ने शानदार काम किया है.

Safe delivery of 52 corona infected women at Medical College Nerchowk
फोटो.

सुंदरनगर: कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी के मामले में लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक ने शानदार काम किया है. यह अस्पताल हिमाचल का इकलौता अस्पताल है जहां कोरोनाकाल में 52 कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी हुई है.

बता दें कि कोरोना के चलते अप्रैल महीने में इस अस्पताल को डेडिकेटिड कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था. श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीवानंद चौहान ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के मामले में अस्पताल ने शानदार काम किया है.

Safe delivery of 52 corona infected women at Medical College Nerchowk
फोटो.

यह प्रदेश का इकलौता अस्पताल है जहां कोविड-19 से पीड़ित महिलाओं की डिलीवरी करवाई गई हैं. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में 52 डलीवरी हुई हैं उनमें 20 कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी नार्मल और 32 महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी हुई है. सभी मामलों में जच्चा-बच्चा बिल्कुल सुरक्षित हैं.

हालांकि डिलीवरी के बाद 2 नवजात बच्चों में भी कोरोना के लक्षण मिले थे, जो बाद में ठीक हो गए. उन्होंने कहा कि इस काम में अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों व अन्य सभी सहयोगियों ने बेहतरीन काम किया है. डॉ. जीवानंद चौहान ने कहा कि कोरोनाकाल में प्रदेश के किसी भी अस्पताल में से नेरचौक अस्पताल में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज भर्ती हुए हैं और सबसे ज्यादा कोविड मरीज इस अस्पताल से ठीक भी हुए हैं.

उन्होंने कहा कि इसमें खास बात ये है कि लोगो ने समय पर कोरोना जांच करवाई और वे समय रहते अस्पताल पहुंचे. रोग का जल्द पता लगने से उनका इलाज हो सका, जिससे उन्होंने कोरोना की जंग जीती है. डॉ. जीवानंद चौहान ने कहा कि नेरचौक अस्पताल मंडी के साथ साथ कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और लाहौल-स्पिति के अलावा चंबा के पांगी क्षेत्र के मरीजों को सेवाएं दे रहा है.

सुंदरनगर: कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी के मामले में लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक ने शानदार काम किया है. यह अस्पताल हिमाचल का इकलौता अस्पताल है जहां कोरोनाकाल में 52 कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी हुई है.

बता दें कि कोरोना के चलते अप्रैल महीने में इस अस्पताल को डेडिकेटिड कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था. श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीवानंद चौहान ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के मामले में अस्पताल ने शानदार काम किया है.

Safe delivery of 52 corona infected women at Medical College Nerchowk
फोटो.

यह प्रदेश का इकलौता अस्पताल है जहां कोविड-19 से पीड़ित महिलाओं की डिलीवरी करवाई गई हैं. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में 52 डलीवरी हुई हैं उनमें 20 कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी नार्मल और 32 महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी हुई है. सभी मामलों में जच्चा-बच्चा बिल्कुल सुरक्षित हैं.

हालांकि डिलीवरी के बाद 2 नवजात बच्चों में भी कोरोना के लक्षण मिले थे, जो बाद में ठीक हो गए. उन्होंने कहा कि इस काम में अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों व अन्य सभी सहयोगियों ने बेहतरीन काम किया है. डॉ. जीवानंद चौहान ने कहा कि कोरोनाकाल में प्रदेश के किसी भी अस्पताल में से नेरचौक अस्पताल में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज भर्ती हुए हैं और सबसे ज्यादा कोविड मरीज इस अस्पताल से ठीक भी हुए हैं.

उन्होंने कहा कि इसमें खास बात ये है कि लोगो ने समय पर कोरोना जांच करवाई और वे समय रहते अस्पताल पहुंचे. रोग का जल्द पता लगने से उनका इलाज हो सका, जिससे उन्होंने कोरोना की जंग जीती है. डॉ. जीवानंद चौहान ने कहा कि नेरचौक अस्पताल मंडी के साथ साथ कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और लाहौल-स्पिति के अलावा चंबा के पांगी क्षेत्र के मरीजों को सेवाएं दे रहा है.

Last Updated : Dec 9, 2020, 9:25 PM IST
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