मंडीः कबीर साहेब आश्रम दान बग्गी में सदगुरु कबीर साहेब का 501वां अंतर्ध्यान दिवस के मौके पर दीपोत्सव सत्संग व भंडारे का आयोजन किया गया. सोमवार को आयोजित इस कार्यक्रम में कबीर जागु मंदिर डेराबस्सी से पुज्य गुरदेव गुरुदयाल साहेब ने बतौर मुख्यातिथि पहुंचे और कार्यक्रम की अध्यक्षता छतीसगढ़ से आए हुए परम संत डॉ. रोहित साहेब ने की.
कार्यक्रम की शुरुआत पुज्य गुरुदेव के द्वारा दीप प्रज्वलित करने के उपरांत की गई. उसके बाद उपस्थित संतो व संगत ने 501 दीप प्रज्वलित कर कबीर साहेब को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
इस पावन अवसर पर गुरुदयाल साहेब ने कहा कि कबीर साहेब की शिक्षा आज भी प्रासंगिक है क्योंकि सद्गुरु कबीर साहेब की हर एक साखी मानव जीवन को सार्थक करने के लिए उपयोगी है. उन्होंने कहा कि कबीर साहेब ने हर जन मानुष झुठे आडम्बरों से दूर रहने का संदेश दिया है. कबीर साहेब काशी के लहरतारा तालाब में एक कमल पुष्प पर अवतरित हुए और मगहर में जब शरीर को छोड़ा तो भी कमल पुष्प बनकर अंतर्ध्यान हो गए थे.
छतीसगढ़ से आए हुए डॉ. रोहित साहेब ने कहा कि कबीर साहेब ने दुनिया के भर्म को तोड़ा है. धारणा है कि जो व्यक्ति मगहर में मृत्यु को प्राप्त करता है, उसे गधे की योनी में जाना पड़ता है. कबीर साहेब ने लोगों के इस भ्रम को तोड़ने के लिए स्वयं मगहर में अपने शरीर का त्याग किया, जिससे लोगों का भ्रम समाप्त हो जाए भक्ति से ही मोक्ष मिलता है.
डॉ. रोहित साहेब ने कहा कि कबीर साहेब के अंतर्ध्यान होने के बाद हिंदुओ ने मंदिर और मुसलमानों ने मंझार बनाया है. जिसका आज भी मगहर में साक्षात प्रमाण है. इस मौके पर महंत दीनदयाल साहेब व पाठी मनी राम ने भी अपनी वाणी से संगत को निहाल किया.
इस अवसर पर गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान बुद्धि सिंह बबलू ने आई हुई संगत का आभार व्यक्त किया. इस मौके पर कबीर मंदिर हराबाग जोगिंद्र नगर,कबीर मंदिर टारना, कबीर मंदिर पुलघराट मंडी और कबीर आश्रम दान बग्गी की संगत ने भाग लिया.