करसोग: हरियाणा और तमिलनाडु सरकार हैल्थ सोसायटी में काम कर रहे कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल दे रही है. इसी तर्ज पर हिमाचल में भी कर्मचारी रेगुलर पे स्केल की मांग कर रही हैं. ये कर्मचारी 20 से 25 सालों से सोसायटी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
बता दें कि वीरभद्र सरकार ने फरवरी 2016 में हेल्थ सोसायटी में काम कर रहे करीब 1500 कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल देने की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन तीन साल से अधिक का समय बीतने पर भी इन कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल नहीं दिया गया, जबकि इस बीच भाजपा सरकार को सत्ता में आए हुए पौने दो साल का समय हो गया है
हेल्थ सोसायटी के कर्मचारी दोनों सरकारों से रेगुलर पे स्केल की अधिसूचना को लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि दोनों ही सरकारों में कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हुई.
सरकार की इस अनदेखी से इस साल हैल्थ सोसायटी के तहत एड्स कंट्रोल सोसायटी, एनआरएचएम व आरएनटीसीपी सोसायटी के करीब 15 कर्मचारी 20 से 25 साल की सेवाएं देने के बाद रेगुलर पे स्केल के इंतजार में रिटायर हो जाएंगे. ऐसे में सोसायटी को बहुमूल्य समय देने के बाद भी इन कर्मचारियों को खाली हाथ ही घर जाना होगा.
हर महीने 18 हजार का नुकसान
हैल्थ सोसायटी में काम कर रहे कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल न मिलने के कारण हर महीने करीब 18 हजार का नुकसान झेलना पड़ रहा है. हैल्थ सोसायटी के तहत कार्य कर रहे कर्मचारियों को वर्तमान में प्रति माह 18 हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है. अगर सरकार रेगुलर पे स्केल देती तो इन कर्मचारियों को प्रति महीने नियमित कर्मचारी की तरह 36 हजार वेतन मिलता.
2016 में जारी अधिसूचना के आधार पर आरकेएस,आईजीएमसी शिमला, मेडिकल कॉलेज नाहन व टांडा ने अपने कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल दिया जा रहा है, लेकिन एनआरएचएम, आरएनटीसीपी व एड्स
सोसाइटी कर्मचारियों को ही रेगुलर पे स्केल नहीं दिया जा रहा है
ये कर्मचारी नियमित कर्मचारियों की तरह सरकार की ओर से चलाई गई जनकल्याण की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. इसमें टीबी मुक्त हिमाचल, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, एड्स कंट्रोल, जननी सुरक्षा योजना, सहायता राशि सीधे खातों में डालना, वित्त का प्रबंधन व अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जागरूकता कार्यक्रम शामिल है.
हरियाणा और तमिलनाडु में रेगुलर पे स्केल
हरियाणा और तमिलनाडु सरकार हैल्थ सोसायटी के तहत काम कर रहे कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल दे रही है. इसी तर्ज पर हिमाचल में भी कर्मचारी रेगुलर पे स्केल की मांग कर रहे हैं. ये कर्मचारी 20 से 25 सालों से सोसायटी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन मंहगाई के इस दौर में इन्हें सिर्फ 18 हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है.
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार का कहना है कि अधिसूचना को क्यों लागू नहीं किया गया है. इस बारे में अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी.