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मंडी में मुख्यमंत्री मधु विकास योजना ने बदली रमेश की जिंदगी, कमा रहे लाखों - Mandi News

मंडी जिले में मधुमक्खी पालन में छोटे से गांव चमाह के रमेश सबके लिए मिसाल बन गए हैं. 2019 से उन्होंने यह काम 70 बक्सों के साथ शुरू किया था. आज उनके पास 300 बक्से हैं. जिससे वह मधुमक्खी पालन कर अपनी आर्थिक स्थिती मजबूत कर रहे है.

Chief Minister Madhu Vikas Yojan
मुख्यमंत्री मधु विकास योजना
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Published : Jul 28, 2020, 8:07 PM IST

मंडी: व्यक्ति अपनी कड़ी मेहनत और लगन के साथ हर असंभव कार्य को भी संभव बना कर अपनी मंजिल पा ही लेता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जिला के पधर उपमंडल के अंतर्गत आने वाली पंचायत डलाह, गांव चमाह के रहने वाले रमेश चंद ने.

रमेश चंद ने हिमाचल प्रदेश सरकार के कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर में सितंबर 2019 में मधुमक्खी पालन का सात दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया. उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के तहत 50 बक्से की एक यूनिट पर आर्थिक सहायता प्राप्त कर मधुमक्खी पालन का कार्य शुरू किया.

रमेश चंद के पास आज लगभग 300 बक्से तैयार हैं जिनमें से 70 बक्सों में मधुमक्खी पालने का कार्य किया जा रहा है.रमेश चंद ने कहा कि मधुमक्खी का शहद एक वर्ष में दो बार ले सकते हैं, जिसमें एक बार में ही लगभग 2 क्विंटल शहद निकल जाता है.

वीडियो.

रमेश चंद ने कहा कि उनके पास एपी सिनिडा मधुमक्खी है जिसका शहद 700 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. रमेश चंद ने कहा कि मुख्यमंत्री मधु विकास योजना से उन्हें बहुत ज्यादा फायदा हुआ है. उन्होंने बेरोजगार युवाओं से भी आग्रह किया है कि वे भी सरकार की इस योजनाओं का लाभ उठाकर व स्वरोजगार को अपनाकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकते हैं.

वहीं. इस बारे में उद्यान विकास अधिकारी डॉक्टर किरण ठाकुर का कहना है कि मुख्यमंत्री मधु विकास योजना का उद्देश्य किसानों को राज्य में मधुमक्खी उत्पादन और मधुमक्खी पालन के लिए प्रोत्साहित करना है. इस योजना के तहत मधुमक्खी पालक को 50 बक्से की एक यूनिट तक आर्थिक सहायता दी जाती है.

इसमें विभाग द्वारा प्रति बक्सा 1600 रुपये या 80 प्रतिशत अनुदान राशि तथा मधुमक्खियों वाली फ्रेम पर भी 80 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाती है. इसके अतिरिक्त मधु पालन में उपयोग में आने वाले औजार यंत्र जैसे वी वेल, क्वीन ट्रैप ,शहद एक्ट्रैक्टर इत्यादि पर 16,000 तक की अनुदान राशि दी जाती है.

ये भी पढ़ें : विश्व हिंदू परिषद ने तैयार की 50 हजार राखियां, सेना के जवानों के लिए भेजी जाएंगी लेह-लद्दाख

मंडी: व्यक्ति अपनी कड़ी मेहनत और लगन के साथ हर असंभव कार्य को भी संभव बना कर अपनी मंजिल पा ही लेता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जिला के पधर उपमंडल के अंतर्गत आने वाली पंचायत डलाह, गांव चमाह के रहने वाले रमेश चंद ने.

रमेश चंद ने हिमाचल प्रदेश सरकार के कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर में सितंबर 2019 में मधुमक्खी पालन का सात दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया. उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के तहत 50 बक्से की एक यूनिट पर आर्थिक सहायता प्राप्त कर मधुमक्खी पालन का कार्य शुरू किया.

रमेश चंद के पास आज लगभग 300 बक्से तैयार हैं जिनमें से 70 बक्सों में मधुमक्खी पालने का कार्य किया जा रहा है.रमेश चंद ने कहा कि मधुमक्खी का शहद एक वर्ष में दो बार ले सकते हैं, जिसमें एक बार में ही लगभग 2 क्विंटल शहद निकल जाता है.

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रमेश चंद ने कहा कि उनके पास एपी सिनिडा मधुमक्खी है जिसका शहद 700 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. रमेश चंद ने कहा कि मुख्यमंत्री मधु विकास योजना से उन्हें बहुत ज्यादा फायदा हुआ है. उन्होंने बेरोजगार युवाओं से भी आग्रह किया है कि वे भी सरकार की इस योजनाओं का लाभ उठाकर व स्वरोजगार को अपनाकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकते हैं.

वहीं. इस बारे में उद्यान विकास अधिकारी डॉक्टर किरण ठाकुर का कहना है कि मुख्यमंत्री मधु विकास योजना का उद्देश्य किसानों को राज्य में मधुमक्खी उत्पादन और मधुमक्खी पालन के लिए प्रोत्साहित करना है. इस योजना के तहत मधुमक्खी पालक को 50 बक्से की एक यूनिट तक आर्थिक सहायता दी जाती है.

इसमें विभाग द्वारा प्रति बक्सा 1600 रुपये या 80 प्रतिशत अनुदान राशि तथा मधुमक्खियों वाली फ्रेम पर भी 80 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाती है. इसके अतिरिक्त मधु पालन में उपयोग में आने वाले औजार यंत्र जैसे वी वेल, क्वीन ट्रैप ,शहद एक्ट्रैक्टर इत्यादि पर 16,000 तक की अनुदान राशि दी जाती है.

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