करसोग: जिला मंडी के करसोग में एक माह बाद इंद्रदेव मेहरबान हुए हैं. लंबे समय से चल रहे सूखे से परेशान लोगों को बारिश के लिए आखिर में भोलेनाथ की शरण लेनी पड़ी थी. बारिश के लिए लोगों ने अशनी में स्थित शिव मंदिर में तीन दिन का पाठ रखा गया था.
सोमवार को यज्ञ में आहुति के समय ही बारिश शुरू हो गई. बारिश के शुरू होते ही लोगों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाने शुरू कर दिए. पूर्णाहुति से पहले श्रद्धालुओं ने अशनी मंदिर के साथ बहने वाली खड्ड से मंदिर तक दोनों ओर से लंबी कतारों में खड़े होकर शिव मंदिर में जलहेरी को भरा. इस दौरान वाद्ययंत्रों के साथ श्रद्धालु हर-हर महादेव के उच्चारण कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भजन कीर्तन भी चल रहा था.
पंडित हंसराज शर्मा का कहना है रुद्रापाठ भगवान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. जब भी कभी क्षेत्र में किसी भी तरह की प्राकृतिक विपदा आती है. अशनी मंदिर में रुद्रा पाठ करने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है. करसोग में एक माह से बारिश न होने से लोग परेशान थे. हालत ये थी कि पेयजल स्त्रोत भी पूरी तरह से सूख गए थे. खेतों में फसलें भी सूखने लगी थीं. बारिश के लिए हा-हा-कार मच गई थी. ऐसे में भगवान शिव को खुश करने के लिए अशनी मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया गया था.
शिव भगवान कभी नहीं करते निराश
करसोग में जब भी बारिश नहीं होती है. चारों ओर से लोग वाद्ययंत्रों के साथ हर-हर महादेव के उच्चारण करते हुए मंदिर में पहुंचते हैं. इसके बाद सभी लोग जलहेरी भरने के बाद यज्ञ में आहुति डालते हैं और इसी दौरान आसमान में घनघोर बादल घिर आते हैं और झमाझम बरसात शुरू हो जाती है.