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बारिश के लिए महादेव की शरण में पहुंचे लोग, यज्ञ में पहली आहुति डलते ही आसमान से बरसा पानी

सोमवार को यज्ञ में आहुति के समय ही बारिश शुरू हो गई. बारिश के शुरू होते ही लोगों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाने शुरू कर दिए. पूर्णाहुति से पहले श्रद्धालुओं ने अशनी मंदिर के साथ बहने वाली खड्ड से मंदिर तक दोनों ओर से लंबी कतारों में खड़े होकर शिव मंदिर में जलहेरी को भरा.

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Published : Jun 24, 2019, 8:51 PM IST

Updated : Jun 24, 2019, 10:00 PM IST

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करसोग: जिला मंडी के करसोग में एक माह बाद इंद्रदेव मेहरबान हुए हैं. लंबे समय से चल रहे सूखे से परेशान लोगों को बारिश के लिए आखिर में भोलेनाथ की शरण लेनी पड़ी थी. बारिश के लिए लोगों ने अशनी में स्थित शिव मंदिर में तीन दिन का पाठ रखा गया था.

सोमवार को यज्ञ में आहुति के समय ही बारिश शुरू हो गई. बारिश के शुरू होते ही लोगों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाने शुरू कर दिए. पूर्णाहुति से पहले श्रद्धालुओं ने अशनी मंदिर के साथ बहने वाली खड्ड से मंदिर तक दोनों ओर से लंबी कतारों में खड़े होकर शिव मंदिर में जलहेरी को भरा. इस दौरान वाद्ययंत्रों के साथ श्रद्धालु हर-हर महादेव के उच्चारण कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भजन कीर्तन भी चल रहा था.

मंदिर में हवन यज्ञ में भाग लेते लोग

पंडित हंसराज शर्मा का कहना है रुद्रापाठ भगवान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. जब भी कभी क्षेत्र में किसी भी तरह की प्राकृतिक विपदा आती है. अशनी मंदिर में रुद्रा पाठ करने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है. करसोग में एक माह से बारिश न होने से लोग परेशान थे. हालत ये थी कि पेयजल स्त्रोत भी पूरी तरह से सूख गए थे. खेतों में फसलें भी सूखने लगी थीं. बारिश के लिए हा-हा-कार मच गई थी. ऐसे में भगवान शिव को खुश करने के लिए अशनी मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया गया था.

शिव भगवान कभी नहीं करते निराश
करसोग में जब भी बारिश नहीं होती है. चारों ओर से लोग वाद्ययंत्रों के साथ हर-हर महादेव के उच्चारण करते हुए मंदिर में पहुंचते हैं. इसके बाद सभी लोग जलहेरी भरने के बाद यज्ञ में आहुति डालते हैं और इसी दौरान आसमान में घनघोर बादल घिर आते हैं और झमाझम बरसात शुरू हो जाती है.

करसोग: जिला मंडी के करसोग में एक माह बाद इंद्रदेव मेहरबान हुए हैं. लंबे समय से चल रहे सूखे से परेशान लोगों को बारिश के लिए आखिर में भोलेनाथ की शरण लेनी पड़ी थी. बारिश के लिए लोगों ने अशनी में स्थित शिव मंदिर में तीन दिन का पाठ रखा गया था.

सोमवार को यज्ञ में आहुति के समय ही बारिश शुरू हो गई. बारिश के शुरू होते ही लोगों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाने शुरू कर दिए. पूर्णाहुति से पहले श्रद्धालुओं ने अशनी मंदिर के साथ बहने वाली खड्ड से मंदिर तक दोनों ओर से लंबी कतारों में खड़े होकर शिव मंदिर में जलहेरी को भरा. इस दौरान वाद्ययंत्रों के साथ श्रद्धालु हर-हर महादेव के उच्चारण कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भजन कीर्तन भी चल रहा था.

मंदिर में हवन यज्ञ में भाग लेते लोग

पंडित हंसराज शर्मा का कहना है रुद्रापाठ भगवान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. जब भी कभी क्षेत्र में किसी भी तरह की प्राकृतिक विपदा आती है. अशनी मंदिर में रुद्रा पाठ करने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है. करसोग में एक माह से बारिश न होने से लोग परेशान थे. हालत ये थी कि पेयजल स्त्रोत भी पूरी तरह से सूख गए थे. खेतों में फसलें भी सूखने लगी थीं. बारिश के लिए हा-हा-कार मच गई थी. ऐसे में भगवान शिव को खुश करने के लिए अशनी मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया गया था.

शिव भगवान कभी नहीं करते निराश
करसोग में जब भी बारिश नहीं होती है. चारों ओर से लोग वाद्ययंत्रों के साथ हर-हर महादेव के उच्चारण करते हुए मंदिर में पहुंचते हैं. इसके बाद सभी लोग जलहेरी भरने के बाद यज्ञ में आहुति डालते हैं और इसी दौरान आसमान में घनघोर बादल घिर आते हैं और झमाझम बरसात शुरू हो जाती है.


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Date: Mon, Jun 24, 2019, 4:24 PM
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ऐसे खुश हुए महादेव, यज्ञ पूर्ण होते हो झमाझम हुई बारिश
करसोग में एक महीने बाद हुई बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली हैं। सब्जियों सहित सेब के लिए किसान और बागवान कर रहे थे बारिश का इंतजार
करसोग
करसोग में एक माह बाद इंद्र देव मेहरबान हुए है। लंबे समय से चल रहे सूखे से परेशान लोगों को बारिश के लिए आखिर में भोलेनाथ की शरण लेनी पड़ी। इसके लिए अशनी में स्थित शिव मंदिर में तीन दिन का पाठ रखा गया था। सोमवार को यज्ञ में आहुति के समय ही बारिश शुरू हो गई। लोगों ने हर हर महादेव के उच्चारण के साथ झमाझम बारिश का स्वागत किया
 पूर्णाहुति से पहले श्रद्धालुओं ने अशनी मंदिर के साथ बहने वाली खड्ड से मंदिर तक दोनों ओर से लंबी कतारों में खड़े होकर शिव मंदिर में जलहेरी को भरा। इस दौरान वाद्ययंत्रों के साथ श्रद्धालु हर हर महादेव के उच्चारण कर रहे थे,  वहीं दूसरी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भजन कीर्तन भी चल रहा था। यहां दिन पहले रुद्रा पाठ शुरू हुआ था। पंडित  हंसराज शर्मा का कहना है रुद्रापाठ भगवान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। उनका कहना है कि जब भी कभी क्षेत्र में किसी भी तरह की प्राकृतिक विपदा आती है। अशनी मंदिर में रुद्रा पाठ करने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है। करसोग में एक माह से बारिश न होने से लोग परेशान थे। हालत ये थी कि पेयजल स्त्रोत भी पूरी तरह से सूख गए थे। खेतों में फसलें भी सूखने लगी थी। बारिश न होने से क्षेत्र में बारिश के लिए हाहाकार मच गई थी। ऐसे में भगवान शिव को खुश करने के लिए अशनी मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया गया। 
शिव भगवान ने कभी निराश नहीं किया:
करसोग में जब भी बारिश नहीं होती है। चारों ओर से लोग वाद्ययंत्रों के साथ हर हर महादेव के उच्चारण करते हुए मंदिर में पहुंचते है। इसके बाद सभी लोग जलहेरी भरने के बाद यज्ञ में आहूति डालते हैं और इसी दौरान आसमान में घनघोर बादल धिर आते हैं और झमाझम बरसात शुरू हो जाती है।
Last Updated : Jun 24, 2019, 10:00 PM IST
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