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श्रम कानून में फेरबदल वाले बिल के खिलाफ प्रदर्शन, सीटू ने बताया 'काला कानून'

श्रम कानून में फेरबदल के विरोध में मजदूर संगठन मे सीटू के बैनर तले शुक्रवार को जिला मंडी में विरोध-प्रदर्शन किया. मजदूर संगठनों ने इसे काला कानून बताया.

श्रम कानूनों में फेरबदल के विरोध में उतरे मजदूर संगठन
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Published : Aug 2, 2019, 6:20 PM IST

मंडी : श्रम कानून में फेरबदल के विरोध में मजदूर संगठनों ने शुक्रवार को मंडी शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान विभिन्न मजदूर यूनियनों ने मंडी शहर में सीटू के बैनर तले रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की.

सीटू ने एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा. जिसमें श्रम कानून में फेरबदल न करने की मांग की. सीटू के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों के हकों की हिफाजत करने वाले श्रम कानूनों में बदलाव कर बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.

मंडी में श्रम कानूनों के फेरबदल के विरोध में उतरे मजदूर संगठन

भूपेंद्र ने श्रम कानून के नए प्रस्ताव को श्रमिकों के लिए काला कानून बताया है. उन्होंने बताया कि नए प्रस्ताव के तहत 300 से कम मजदूरों वाली कंपनी को ही छंटनी का अधिकार दिया गया है, जो पहले सरकार की देख रेख में था.

सीटू का मानना है कि नए प्रस्ताव के तहत रोजगार की गारंटी को भी समाप्त किया जा रहा है. जिसका प्रभाव देश के साथ-साथ प्रदेश के लाखों मजदूरों पर पड़ेगा. नए श्रम कानून के बिल में मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा में भी बदलाव का प्रावधान है, जो मजदूरों के पक्ष में नहीं है. कंपनियों को अधिकार अधिक दिए जा रहे हैं, जो सही नहीं है.

सीटू ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि मजदूरों के हकों के प्रावधानों को श्रम कानूनों से खत्म न किया जाए. सीटू ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि श्रम कानून में फेरबदल किया जाता है तो आने वाले समय में आंदोलन को तेज किया जाएगा.

मंडी : श्रम कानून में फेरबदल के विरोध में मजदूर संगठनों ने शुक्रवार को मंडी शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान विभिन्न मजदूर यूनियनों ने मंडी शहर में सीटू के बैनर तले रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की.

सीटू ने एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा. जिसमें श्रम कानून में फेरबदल न करने की मांग की. सीटू के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों के हकों की हिफाजत करने वाले श्रम कानूनों में बदलाव कर बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.

मंडी में श्रम कानूनों के फेरबदल के विरोध में उतरे मजदूर संगठन

भूपेंद्र ने श्रम कानून के नए प्रस्ताव को श्रमिकों के लिए काला कानून बताया है. उन्होंने बताया कि नए प्रस्ताव के तहत 300 से कम मजदूरों वाली कंपनी को ही छंटनी का अधिकार दिया गया है, जो पहले सरकार की देख रेख में था.

सीटू का मानना है कि नए प्रस्ताव के तहत रोजगार की गारंटी को भी समाप्त किया जा रहा है. जिसका प्रभाव देश के साथ-साथ प्रदेश के लाखों मजदूरों पर पड़ेगा. नए श्रम कानून के बिल में मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा में भी बदलाव का प्रावधान है, जो मजदूरों के पक्ष में नहीं है. कंपनियों को अधिकार अधिक दिए जा रहे हैं, जो सही नहीं है.

सीटू ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि मजदूरों के हकों के प्रावधानों को श्रम कानूनों से खत्म न किया जाए. सीटू ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि श्रम कानून में फेरबदल किया जाता है तो आने वाले समय में आंदोलन को तेज किया जाएगा.

Intro:मंडी : देश में श्रम कानूनों में फेरबदल के बिल के विरोध में मजदूर संगठनों ने आज मंडी शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान विभिन्न मजदूर यूनियनों ने मंडी शहर में सीटू के बैनर तले रैली निकाली और मोदी सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। सीटू ने एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा और श्रम कानून में फेरबदल न करने की मांग की। Body:सीटू के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों के हकों की हिफाजत करने वाले श्रम कानूनों में बदलाव कर बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने श्रम कानून के नए प्रस्ताव को श्रमिकों के लिए काला कानून बताया। उन्होंने बताया कि नए प्रस्ताव के तहत 300 से कम मजदूरों वाली कंपनी को ही छंटनी का अधिकार दिया गया है। जो पहले सरकार की देखरेख में था। सीटू का मानना है कि नए प्रस्ताव के तहत रोजगार की गारंटी को भी समाप्त किया जा रहा है। जिसका प्रभाव देश के साथ-साथ प्रदेश के लाखों मजदूरों पर पड़ेगा। नए श्रम कानून के बिल में मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा के प्रावधान में भी बदलाव का प्रावधान है। जोकि मजदूरों के पक्ष में नहीं है। कंपनियों को अधिकार अधिक दिए जा रहे हैं। जोकि सही नहीं है। जिसका दस मजदूर यूनियनें विरोध कर रही है। सीटू ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि मजदूरों के हकों के प्रावधानों को श्रम कानूनों से खत्म न किया जाए। सीटू ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि ऐसा किया जाता है तो मजदूर आने वाले समय में आंदोलन को तेज किया जाएगा।

बाइट - भूपेंद्र सिंह, जिला प्रधान, सीटूConclusion:
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