मंडी : धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को 90 के दशक से लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है. यह विधानसभा क्षेत्र चुनावी रण (political equation of dharampur assembly seat) का कौतूहल बनकर रह गया है. यहां के लोगों में यह धारणा है कि पार्टी चाहे कोई भी हो जीत एक की होगी. 1990 से 2017 तक अलग-अलग राजनीतिक दलों से मंत्री महेंद्र सिंह ने जीत का सिलसिला कायम रखा. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मंत्री महेंद्र सिंह अपनी जगह बेटे रजत ठाकुर (rajat thakur vs chander shekhar )को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे.
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रजत ठाकुर को टिकट मिला तो कार्यकर्ता कुछ नहीं बोले लेकिन बहन वंदना गुलेरिया ने भाई को टिकट मिलने पर परिवार के ही खिलाफ मोर्चा खोल दिया. बाद में मंत्री महेंद्र सिंह बेटी को मनाने में कामयाब रहे और भाई दूज के पर्व पर बहन ने भाई के साथ चलने की बात कही. भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बहन वंदना गुलेरिया भाई रजत ठाकुर के लिए जनमत जुटाने में जुटी हुई है.
धर्मपुर से 5 प्रत्याशी हैं चुनावी मैदान मेंः धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो इस बार यहां से 5 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस पार्टी से चंद्रशेखर, भाजपा से रजत ठाकुर, आम आदमी पार्टी से राकेश मंडोतरा, बहुजन समाज पार्टी से प्रकाश चंद और आजाद प्रत्याशी चंद्रशेखर चुनावी समर में हैं. मुख्य रूप से बात की जाए तो यहां पर कांग्रेस और भाजपा के बीच चुनावी जंग देखने को मिलेगी.
चंद्रशेखर चुनावी रण में महेंद्र सिंह को देते आए हैं कड़ी टक्करः वामपंथ से कांग्रेस विचारधारा में आए चंद्रशेखर चुनावी रण में अपने प्रतिद्वंदी महेंद्र सिंह को कड़ी टक्कर देते आए हैं लेकिन वह भी जीत के तिलिस्म को तोड़ नहीं पाए हैं. कभी निर्दलीय चुनावी रण में ताल ठोकने वाले महेंद्र सिंह चार बार पार्टी बदल कर जीत दर्ज करते आए हैं. कहने को तो यहां पर दोनों ही पार्टियों में एक से बढ़कर एक उम्मीदवार हैं लेकिन महेंद्र सिंह के वोट समीकरण के आगे कोई भी टिक नहीं पाया है.
वर्ष 1990 से लगातार जीतते आए हैं महेंद्र सिंहः वर्ष 1985 में कांग्रेस के नत्था सिंह ने यहां से जीत दर्ज की थी. 1990 के दशक से मंत्री महेंद्र सिंह धर्मपुर से लगातार जीतते आए हैं. इस बार चंद्रशेखर का मुकाबला मंत्री महेंद्र सिंह के बेटे रजत ठाकुर के साथ होने वाला है. कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रशेखर का भी राजनीति में लंबा अनुभव है. तीन बार हार का सामना कर चुके चंद्रशेखर चौथी बार चुनावी मैदान में हैं.
दांव पर सीएम और महेंद्र सिंह की साख: चंद्रशेखर के साथ बड़ा कांग्रेसी तबका है जो उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनावी मैदान में डटा हुआ है. वहीं भाजपा प्रत्याशी रजत ठाकुर की बात की जाए तो पिता महेंद्र सिंह के साथ रजत ठाकुर पिछले 15 सालों से मंडल से लेकर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहे हैं. यही कारण है कि आज भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें सशक्त मानते हुए चुनावी रण में उतारा है. धर्मपुर विधानसभा की यह सीट इन चुनावों में प्रदेश की हॉट सीटों की लिस्ट में आ गई है. धर्मपुर की इस सीट जहां इस बार मंत्री महेंद्र सिंह व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की साख दांव पर है, वहीं कांग्रेस के लिए इस सीट को जितना किसी चुनौती से कम नहीं है.
1990 से महेंद्र सिंह का कब्जा: प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में नंबर दो के नेता महेंद्र सिंह ठाकुर ने धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से सात बार अलग-अलग केंद्रों पर चुनाव लड़ा और हर बार जीत दर्ज की. विरोधी भले ही उनकी जीत पर तंज कसते रहे लेकिन महेंद्र सिंह की जीत असली राज उनका जनता के बीच रहना है. महेंद्र सिंह हर घर में किसी न किसी रूप में सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाते रहे हैं. धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से 1977 में जनता पार्टी से ओमचंद, 1982 में कांग्रेस से भीखम राम, 1985 में कांग्रेस से नत्था सिंह ने चुनाव जीता. वहीं 1990 से 2017 तक अलग-अलग राजनीतिक दलों से मंत्री महेंद्र सिंह ने जीत का सिलसिला कायम रखा है. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में यहां पर 57.68% वोट पड़े थे. मंत्री महेंद्र सिंह ने चंद्रशेखर को 11964 वोटों के मार्जिन से हराया था.
1998 का गणित: धर्मपुर सीट से हिमाचल विकास कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर महेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी और विधायक चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नाथा सिंह को हराया था.
2003 का गणित: लोकतांत्रिक मोर्चा हिमाचल प्रदेश के उम्मीदवार के तौर पर महेंद्र सिंह ने बाजी मारी थी और विधायक चुने गए थे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कर्मवीर को हराया था.
2007 का गणित: महेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार चंद्रशेखर को हराया था.
2012 का गणित : विधानसभा चुनाव में महेंद्र सिंह लगातार दूसरी बार भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए और कुल छठवीं बार विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रशेखर को हराया था. इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार महेंद्र सिंह को 24,029 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के चंद्रशेखर को 22,988 वोट मिले थे. वोट शेयर की बात करें तो भाजपा का वोट शेयर 49.65% और कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 47.5% था.
2017 का गणित : महेंद्र सिंह लगातार सातवीं बार बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े और विधायक चुने गए. उन्होंने एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार चंद्रशेखर को हराया था. इस चुनाव में महेंद्र सिंह को 27,931 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रशेखर को 15,967 वोट मिले थे. वोट शेयर की बात करें तो इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 57.68% और कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 32.97% था.
धर्मपुर विधानसभा सीट पर मतदाता: इस सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या कुल 80721 है. इसमें पुरुष मतदाता 39782 है तो महिला मतदाताओं की संख्या 40939 है. अहम बात यह है कि इस सीट पर पुरुषों के मुकाबले महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा 1704 सर्विस वोटर व अन्य भी हैं. इससे यहां पर कुल वोटरों की संख्या इस बार 82426 है.