करसोग: सिविल अस्पताल करसोग में डॉक्टरों की भारी कमी को लेकर लोग अब सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं. लोगों ने अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भरने की मांग की है. लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अस्पताल में डॉक्टर्स के पद जल्द नहीं भरे गए तो करसोग की जनता एक बड़ा आंदोलन करेगी.
बता दें कि करसोग विधानसभा क्षेत्र की 1.25 लाख की आबादी के लिए ये केवल एक ही सिविल अस्पताल है, जहां दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों से लोग इलाज करवाने के लिए आते हैं. अस्पताल में डॉक्टरों के 11 पद खाली हैं. अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से गरीब लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल मंडी या आईजीएमसी शिमला जाना पड़ता है. वहीं, पिछले दिनों सरकार ने यहां से एक सीनियर डॉक्टर का भी तबादला कर दिया है, जिससे लोगों में काफी रोष पनप रहा है.
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सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने कहा कि करसोग अस्पताल में रोजाना औसतन 500 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, इसमें मुश्किल से 250 मरीज की देखे जाते हैं बाकी सभी मरीजों को बिना दवाई लिखाए ही मंडी या फिर शिमला इलाज के लिए जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद नहीं भरे तो करसोग की जनता आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन करेगी और भूख हड़ताल पर बैठने से भी पीछे नहीं हटेगी.
चौहान ने कहा कि आज तक कभी अस्पताल की इतने खराब हालात नहीं देखे. जिस कारण अब यहां की जागरूक जनता, महिला मंडल व युवक मंडलों ने निर्णय लिया है कि जब तक सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद नहीं भरे जाते, तब तक ये सभी लोग अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण ऑफिस आए और मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा, जिसे अब उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा.
बता दें कि शुक्रवार को लोगों ने सिविल अस्पताल करसोग के पास धरना प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर की. लोगों ने एसडीएम ऑफिस पहुंचकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा.
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