करसोग: हिमाचल में 8 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे. इसके साथ ही दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं. वहीं, दोनों दलों के समर्थक भी अपने उम्मीदवार की जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे और चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद जीत का जश्न मनाने का इंतजार कर रहे है. (MLA changes every year in Karsog)
करसोग बदलता हर बार विधायक: इसी कड़ी में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करसोग विधानसभा क्षेत्र में पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों के अंक गणित पर गौर करें तो यहां पिछले 6 चुनाव में किसी भी पार्टी का उम्मीदवार लगातार दूसरी बार विधायक नहीं बना. हालांकि इस बार स्थिति कुछ और है. दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस ने नए योद्धा चुनावी रण में उतारे हैं. इस बार भाजपा ने दीपराज तो कांग्रेस ने महेश राज को चुनावी मैदान में उतारा है. इस बार जो भी चुनाव परिणाम आएंगे दोनों दलों के प्रत्याशियों की पहली जीत या हार होगी. (himachal assembly election 2022)
1993 से कहानी आंकड़ों की जुबानी: करसोग में हर बार चुनाव में अपना विधायक बदला है. पिछले 6 बार हुए चुनाव में किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को दूसरी बार जीतने का मौका नहीं दिया. वर्ष 1993 की बात करें तो कांग्रेस पार्टी से मस्तराम ने 19,371 मत प्राप्त कर 10,227 मतों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल की थी. इसके बाद वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में हिमाचल विकास कांग्रेस के उम्मीदवार मनसाराम ने 13,009 मत लेकर 1,932 मतों के चुनाव जीता था. वहीं ,2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मस्तराम ने 19,124 मत लेकर कर 5,911 मतों के अंतर से जीत प्राप्त की.
2017 में भाजपा जीती: वर्ष 2007 के चुनाव में आजाद उम्मीदवार हीरा लाल ने 19,609 मत हासिल कर 5,527 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए थे. इसके बाद साल 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार मनसाराम ने 18,978 हासिल कर 4,332 मतों के अंतर से चुनाव जीता. वहीं ,वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा भाजपा उम्मीदवार हीरालाल ने 22,102 मत हासिल कर कांग्रेस उम्मीदवार मनसाराम को 4,830 मतों के अंतर से पछाड़ा था.
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