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जनवरी में सामान्य से कम बारिश, किसानों और बागवानों की मुश्किलें बढ़ी

करसोग में बारिश न होने से फसलें मुरझाने लगी है. मौसम विभाग के आंकड़े के मुताबिक जनवरी माह में मंडी जिला में 17.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य से 73 फीसदी कम है. जिस कारण रबि की फसलों पर खतरा मड़राने लगा है. इससे किसानों के सामने अच्छी पैदावार न होने का संकट खड़ा हो गया है. इस साल जनवरी महीने में उपमंडल में बहुत कम बारिश हुई है. जिस कारण जमीन से नमी गायब हो गई है. किसान पिछले कई दिनों से बारिश के इंतजार में है.

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Published : Jan 31, 2021, 5:53 PM IST

मंडी: करसोग में बारिश न होने से फसलें मुरझाने लगी है. मौसम विभाग के आंकड़े के मुताबिक जनवरी माह में मंडी जिला में 17.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य से 73 फीसदी कम है. जिस कारण रबि की फसलों पर खतरा मड़राने लगा है, ऐसे में अब किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें गहरी होने लगी है की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं.

बारिश अच्छी ने होने से कम पैदावार की संभावना

करसोग में मौसम की बेरुखी से हजारों किसानों के चेहरे पर शिकन ला दी है. जनवरी महीने में सामान्य से कम हुई बारिश से अब गेहूं सहित मटर और सरसों की फसल खेतों में मुरझाने लगी है. इससे किसानों के सामने अच्छी पैदावार न होने का संकट खड़ा हो गया है. इस साल जनवरी महीने में उपमंडल में बहुत कम बारिश हुई है. जिस कारण जमीन से नमी गायब हो गई है. किसान पिछले कई दिनों से बारिश के इंतजार में है.

सेब बागवानों की बढी मुश्किलें

यही नहीं इस साल सामान्य से कम बारिश होने से बागवानों की भी मुश्किलें बढ़ गई है. जमीन में नमी न होने से कई बागवान अभी तक सेब के पौधे नहीं लगा पाए है, जबकि पौधे लगाने के बागवानों ने पहले ही गड्ढे तैयार कर दिए हैं. इसके अतिरिक्त जिन बागवानों ने पौधे लगा दिए हैं, इसके लिए भी अब अच्छी बारिश का इंतजार है. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी माह में मंडी जिला में 17.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य से 73 फीसदी कम है. इस अवधि में सामान्य बारिश का आंकड़ा 64.7 मिलीमीटर बारिश का है.

ये भी पढे़ें: कुल्लू के किसान-बागवानों की मांग, बजट में हिमाचल के लिए हो विशेष प्रावधान

2 फरवरी से मौसम में बदलाव की संभावना

इसी तरह अगर प्रदेश की बात की जाए तो 1 से 31 जनवरी तक 37.6 मिलीमीटर बारिश हुई है. यह सामान्य से 58 फीसदी कम है. इस अवधि में प्रदेश भर में सामान्य बारिश का आंकड़ा 89.9 मिलीमीटर बारिश का है. ऐसे में कम बारिश की वजह से फसलों को नुकसान पहुंचा है.

उधर मौसम विभाग ने 2 फरवरी से मौसम के मिजाज में बदलाव आने की संभावना जताई है. इस तरह 5 फरवरी तक प्रदेश के निचले क्षेत्रों में बारिश और माध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी की संभावना जताई है.

5 फरवरी तक प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह का कहना है कि जनवरी महीने में प्रदेश में सामान्य से कम बारिश हुई है. इस दौरान प्रदेश में दो बार बारिश रिकॉर्ड की गई है. उन्होंने कहा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से 2 फरवरी से मौसम खराब रहेगा. ऐसे में 5 फरवरी तक प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना है.

ये भी पढे़ें: माइनस तापमान ने बढ़ाई लाहौल घाटी की मुश्किलें, पेयजल समस्या से जूझ रहे लोग

मंडी: करसोग में बारिश न होने से फसलें मुरझाने लगी है. मौसम विभाग के आंकड़े के मुताबिक जनवरी माह में मंडी जिला में 17.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य से 73 फीसदी कम है. जिस कारण रबि की फसलों पर खतरा मड़राने लगा है, ऐसे में अब किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें गहरी होने लगी है की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं.

बारिश अच्छी ने होने से कम पैदावार की संभावना

करसोग में मौसम की बेरुखी से हजारों किसानों के चेहरे पर शिकन ला दी है. जनवरी महीने में सामान्य से कम हुई बारिश से अब गेहूं सहित मटर और सरसों की फसल खेतों में मुरझाने लगी है. इससे किसानों के सामने अच्छी पैदावार न होने का संकट खड़ा हो गया है. इस साल जनवरी महीने में उपमंडल में बहुत कम बारिश हुई है. जिस कारण जमीन से नमी गायब हो गई है. किसान पिछले कई दिनों से बारिश के इंतजार में है.

सेब बागवानों की बढी मुश्किलें

यही नहीं इस साल सामान्य से कम बारिश होने से बागवानों की भी मुश्किलें बढ़ गई है. जमीन में नमी न होने से कई बागवान अभी तक सेब के पौधे नहीं लगा पाए है, जबकि पौधे लगाने के बागवानों ने पहले ही गड्ढे तैयार कर दिए हैं. इसके अतिरिक्त जिन बागवानों ने पौधे लगा दिए हैं, इसके लिए भी अब अच्छी बारिश का इंतजार है. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी माह में मंडी जिला में 17.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य से 73 फीसदी कम है. इस अवधि में सामान्य बारिश का आंकड़ा 64.7 मिलीमीटर बारिश का है.

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2 फरवरी से मौसम में बदलाव की संभावना

इसी तरह अगर प्रदेश की बात की जाए तो 1 से 31 जनवरी तक 37.6 मिलीमीटर बारिश हुई है. यह सामान्य से 58 फीसदी कम है. इस अवधि में प्रदेश भर में सामान्य बारिश का आंकड़ा 89.9 मिलीमीटर बारिश का है. ऐसे में कम बारिश की वजह से फसलों को नुकसान पहुंचा है.

उधर मौसम विभाग ने 2 फरवरी से मौसम के मिजाज में बदलाव आने की संभावना जताई है. इस तरह 5 फरवरी तक प्रदेश के निचले क्षेत्रों में बारिश और माध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी की संभावना जताई है.

5 फरवरी तक प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह का कहना है कि जनवरी महीने में प्रदेश में सामान्य से कम बारिश हुई है. इस दौरान प्रदेश में दो बार बारिश रिकॉर्ड की गई है. उन्होंने कहा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से 2 फरवरी से मौसम खराब रहेगा. ऐसे में 5 फरवरी तक प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना है.

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