मंडीः निजी बस आपरेटरों द्वारा तीन मई से प्रस्तावित बेमियादी हड़ताल में अब टैक्सी व मैक्सी आपरेटरज भी कूद गए हैं. बुधवार को जिला मंडी टैक्सी एकता संगठन ने केंद्र सरकार के द्वारा लागू नई राष्ट्रीय परमिट नीति का विरोध करते हुए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्रवण मांटा के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया और बढ़ी हुई परमिट फीस को वापस लेने की मांग उठाई.
केंद्र सरकार ने परमिट की फीस को कई गुना बढ़ाया
टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि नई राष्ट्रीय परमिट नीति में केंद्र सरकार ने परमिट की फीस को कई गुना बढ़ा दिया है, जिसे टैक्सी ऑपरेटर अदा नहीं कर सकते हैं. टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि उन्होंने कोरोना काल की आपात स्थिति में भी अपनी सेवाएं दी हैं और सरकार को उन्हें विभिन्न टैक्सों में छूट देनी चाहिए थी. परंतु सरकार उनसे भारी फीस वसूलने की तैयारी कर रही है.
गाड़ी की किस्त निकालना भी हुआ मुश्किल
जिला मंडी टैक्सी एकता संगठन के चेयरमैन सुनील वरवाल का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए परमिट फीस से टैक्सी ऑपरेटरों में काफी रोष है, उन्होंने कहा कि टैक्सी ऑपरेटर बैंकों से कर्ज लेकर गाड़ियां चला रहे हैं. इस समय उन्हें गाड़ी की किस्त निकालना भी मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि टैक्सी ऑपरेटर पिछले डेढ़ साल से बेरोजगार बैठे हैं और उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है.
कोरोना काल में परमिट फीस को बढ़ाना तर्कसंगत नहीं
उन्होंने कहा कि सरकार ने किस फॉर्मूले के तहत परमिट फीस को 500 से बढ़ाकर 15000 कर दिया उनकी समझ से परे है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पहले ही इस व्यवसाय की कमर टूटी हुई है ऊपर से टोकन टैक्स, पैसेंजर टैक्स, बीमा, थर्ड पार्टी बीमा, ग्रीन टैक्स के अलावा दर्जनों तरह के अन्य टैक्स भी सरकार वसूल रही है. अब रही सही कसर कई गुणा परमिट फीस बढ़ा कर पूरी कर दी है.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार टैक्सी ऑपरेटर
टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि यदि 3 मई से पहले सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो सभी टैक्सी ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और इस दौरान जिला में ना तो कोई टैक्सी चलेगी और ना ही बाहर से आने वाली टैक्सियों को जिला में प्रवेश दिया जाएगा.
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