मंडी: मंडी शहर के विश्वकर्मा चौक पर सड़क पर दरक चुकी पहाड़ी का मलबा अभी भी खतरनाक बना हुआ है. यहां पर 50 दिन बाद ही आंशिक तौर पर यातायात बहाल हुआ था, मगर फिर ऊपर पहाड़ी से मलबा आ गया है. मगर वहीं, दूसरी ओर शहर को जोड़ने के लिए नया व खुला चौड़ा अतिरिक्त पुल होने के बावजूद इस तंग व खतरनाक मार्ग से होकर यातायात को मोड़ दिया गया है. जिससे हमेशा कोई अनहोनी होने का डर बना रहता है.
विश्वकर्मा चौक पर ट्रैफिक: विश्वकर्मा चौक पर शहर में प्रवेश के लिए छोटी गाड़ी भी मोड़ से निकल नहीं पा रही है. मोड़ पर से गाड़ियों को बार बार पीछे करके निकालना पड़ रहा है. इससे यहां पर यातायात बाधित हो रहा है, लंबी लाइनें लग रही हैं. यही नहीं सड़क पर उपर से पानी आ रहा है और यह सड़क पूरी तरह से टूट गई है. मलबा बड़ी-बड़ी चट्टानों के साथ जो सड़क पर आया है. वह खतरनाक बन गया है. कभी भी किसी भी वाहन या पैदल राहगीर पर यह कहर ढा सकता है.
पुलिस और PWD पर लगाए आरोप: रामनगर मंडी के पूर्व पार्षद अवनिंदर सिंह, समाजसेवी भवानी सिंह, महेंद्र राणा, सेवानिवृत अधीक्षण अभियंता जगेश वैद्य समेत दर्जनों लोगों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पुलिस व पीडब्ल्यूडी इस मामले में पूरी तरह से लापरवाही बरत रहा है. पुलिस के छोटे बड़े अधिकारी कर्मचारी तो सीधे नए पुल से वाहन गुजार रहे हैं, लेकिन आम जनता को पुराने पुल व विश्वकर्मा चौक से जहां पर पहाड़ी दरकी है, उससे होकर भेजा जा रहा है.
सीएम के पास देंगे शिकायत: स्थानीय लोगों ने बताया कि 23 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंडी आ रहे हैं और वह इस संबंध में उनसे शिकायत करेंगे, ताकि इस आफत से उन्हें छुटकारा मिल जाए. शहर में होते हुए भी विश्वकर्मा चौक की इस खतरनाक सड़क में कई-कई फुट गहरे गड्ढे पड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर लोक निर्माण विभाग ने दो दिन में इन्हें ठीक नहीं किया तो रामनगर के युवा व अन्य लोग खुद इन गढ्ढों को भरेंगे, ताकि प्रशासन व लोक निर्माण विभाग को एक सबक मिल सके. साथ में मुख्यमंत्री को ये जानकारी भी दी जाएगी कि किस तरह से प्रशासन जिला मुख्यालय में काम कर रहा है.