मंडी: हिमाचल में 412 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद है. 8 दिसंबर को मतगणना के दिन ही पता चल पाएगा कि जनता ने हाथ का साथ दिया है या देवभूमि में कमल खिलाया है. हिमाचल में कांगड़ा के बाद मंडी दूसरा जिला है, जहां सबसे अधिक विधानसभा सीट है. कांगड़ा जिले में 15 विधानसभा सीट है, तो मंडी जिले में 10 विधानसभा सीट है. पिछले कुछ विधानसभा के नतीजों के अनुसार मंडी को जिसने साध लिया, समझिए सत्ता की चाबी उसे मिल गई. साल 2017 में मंडी की 10 सीटों में से 9 सीटों पर कब्जा जमाया था. आइए जानते हैं पिछले कुछ चुनावों में मंडी जिले में किस पार्टी को कितनी सीटें मिली थीं और उस साल किसकी सरकार बनी थी. (Himachal Assembly Election 2022)
मंडी जिले में 10 विधानसभा सीट: मंडी जिले के अंतर्गत मंडी सदर, जोगिंदर नगर, द्रंग विधानसभा सीट, करसोग (सु.) विधानसभा सीट, सरकाघाट विधानसभा सीट, धर्मपुर विधानसभा सीट, सुंदरनगर विधानसभा सीट, सराज विधानसभा सीट, बल्ह विधानसभा सीट और नाचन विधानसभा सीटें आती हैं. सत्ता के लिए मंडी जिले को साधना बहुत जरूरी होता है. पिछले कुछ चुनावों को आंकड़े यही बताते हैं कि, जिस साल मंडी में जिस पार्टी की सीटें ज्यादा आई प्रदेश में सरकार उसी पार्टी की बनी. (assembly seats in Mandi district)
साल 2003 विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें: साल 2003 में सूबे में कांग्रेस की सरकार बनी थी. इस साल मंडी जिले से कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आईं थी, जबकि भाजपा के खाते में महज 2 सीटें आई थीं. इस साल एक सीट एचवीसी (हिमाचल विकास कांग्रेस) के खाते में गई थी जबकि एक सीट पर एलएमपीएच ने कब्जा जमाया था.
2007 में किस पार्टी को कितनी सीटें: साल 2017 में हिमाचल में भाजपा की सरकार बनी थी. इस साल मंडी जिले से कांग्रेस के खाते में 3 सीटें आई थी, जबकि भाजपा ने 6 सीटों पर कब्जा जमया था. साल 2003 में मंडी जिले में एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीच मिली थी. साल 2007 में मंडी जिले में कांग्रेस को 3 सीटों का नुकसान हुआ, जबकि भाजपा को पिछले चुनाव के मुकाबले 4 सीटों का फायदा हुआ. वहीं, इस साल एचवीसी को एक और एलएमपीएच को एक-एक सीट का नुकसान हुआ. इस साल निर्दलीय प्रत्याशी की भी जीत हुई. (Himachal Pradesh elections result 2022)
2012 में किस पार्टी के खाते में कितनी सीटें: साल 2012 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी. साल 2012 में मंडी जिले की जनता ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों राजनीतिक दलों को बराबर सीटें दी थी. इस साल कांग्रेस ने पांच सीटों पर कब्जा जमया था तो वहीं भाजपा को भी पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इस साल जनता ने मंडी जिले में न तो निर्दलीय और न ही किसी अन्य दल के प्रत्याशियों पर भरोसा जताया. साल 2012 में भाजपा को एक सीट का नुकसान हुआ, जबकि कांग्रेस पिछले सात के मुकाबले 2 अधिक सीटें जीतने में कामयाब हुई. (Himachal Pradesh poll result)
साल 2017 विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें: साल 2017 में हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी. इस साल मंडी जिले की जनता ने हाथ का साथ नहीं दिया. मंडी जिले की 10 सीटों में से 9 सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई. वहीं, इस साल एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी. 2017 में जोगिंदरनगर से प्रकाश राणा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी. इस साल जिले में बीजेपी को सीटों का लाभ हुआ, जबकि कांग्रेस को पांच सीटों का नुकसान हुआ. साल 2017 में जनता ने एक निर्दलीय प्रत्याशी पर भी अपना भरोसा जताया. (Himachal Pradesh elections Exit Polls) (BJP won 10 seats in Mandi district in 2017)
2022 का सियासी समीकरण: 2017 विधानसभा चुनाव में मंडी जिले में बीजेपी ने 9 सीटों पर जीत हासिल की थी. एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी. दरअसल प्रकाश राणा ने वर्ष 2017 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को 6635 मतों से हराकर, बड़ा सियासी उलट फेर किया था. एक तरह से देखें तो अभी मंडी जिले की सभी 10 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. वर्तमान में मुख्यमंत्री भी मंडी जिले से ही हैं. ऐसे में इस साल यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर इस साल बीजेपी सभी 10 सीटों को बचाने में कामयबा हो पाती है या नहीं. वहीं यह भी देखना दिलचस्प होगा कि मंडी संसदीय क्षेत्र से अभी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सांसद हैं. ऐसे में कांग्रेस इस जिले से इस बार कितनी सीटें निकाल पाती है.
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