मंडी: 2020 के शिवरात्रि महोत्सव के दौरान सार्वजनिक स्थान पर जातिगत भेदभाव करने वाले दो लोगों को मंडी की विशेष अदालत नंबर 1 ने 2-2 साल और 10-10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है. यदि जुर्माना अदा नहीं किया जाता तो फिर 2-2 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
27 फरवरी 2020 का मामला: बता दें कि मामला 27 फरवरी 2020 का है. महोत्सव के दौरान लगने वाले सामूहिक भोजन वाले स्थान पर दलित समुदाय से संबंध रखने वाले 2 लोगों को अपने ही गांव के स्वर्ण जाति से संबंध रखने वाले 2 लोगों के कारण सार्वजनिक तौर पर जातिगत भेदभाव और अपमान झेलना पड़ा था. दलित समुदाय के लोग यहां भोजन ग्रहण करने आए हुए थे और इतने में इन्हीं के गांव के 2 अन्य लोग भी यहां भोजन करने पहुंचे और उन्हें उनके स्थान से उठकर किसी दूसरे स्थान पर बैठने को कहा.
14 गवाहों के बयान हुए थे दर्ज: जातिगत शब्दों का इस्तेमाल करते हुए इन्हें सार्वजनिक तौर पर बेईज्जत किया गया और थप्पड़ मारे गए. इस संदर्भ में मामला दर्ज हुआ था और मामले की जांच एएपी मंडी ने की. मामले की पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने की. अदालत में 14 गवाहों के बयान कलमबद्ध किए थे.
जातिगत भेदभाव के मामले सामने आते रहते: बता दें कि मंडी जिले में जातिगत भेदभाव के काफी ज्यादा मामले सामने आते रहते हैं. आज भी जिले के अधिकतर क्षेत्रों में लोगों के साथ जातिगत भेदभाव होता है ,जबकि यह कानूनन अपराध है. अदालत की तरफ से सुनाई गई सजा उन लोगों के किसी सीख से कम नहीं होनी चाहिए जो आधुनिक समाज में भी जाति के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने की रूढ़िवादिता को बढ़ावा दे रहे हैं.
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