शिमला/मंडी: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों आसमान से बरसी आफत के बाद तबाही के निशान दिख रहे हैं. धीरे-धीरे ही सही जिंदगी पटरी पर लौट रही है. इस बार बारिश ने ऐसी तबाही मचाई कि किसी ने अपने आशियाने खोए तो किसी की जिंदगीभर की जमा पूंजी सैलाब में बह गई. इस बीच सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों को फौरी राहत दी जा रही है. जिसपर अब सियासत भी गर्माने लगी है और वार-पलटवार का मोर्चा प्रदेश में सत्ता और विपक्ष के दो सबसे बड़े चेहरों ने संभाल रखा है. ये जंग जयराम ठाकुर बनाम सुखविंदर सुक्खू भी हो गई है.
जयराम ठाकुर ने उठाए थे सवाल- दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर राहत राशि को लेकर कांग्रेस सरकार को घेर रहे हैं. जयराम ठाकुर का कहना है कि कांग्रेस नेता और विधायक हाथ में पैसे लेकर लोगों को बांट रहे हैं. केंद्र की तरफ से मिली राहत राशि को कांग्रेसी विधायकों की पत्नियां और बच्चे ऐसे बांट रहे हैं जैसे यह राशि वो अपने घर से दे रहे हों. प्रदेश के प्रभावितों को बांटी जा रही राहत राशि केंद्र सरकार की देन है, जबकि प्रदेश सरकार की इसमें फूटी कौड़ी भी शामिल नहीं है. जयराम ठाकुर के मुताबिक विधायक तो छोड़िये विधायक की पत्नी और बच्चे बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत राशि बांटते हुए फोटो खिंचवा रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को शर्म आनी चाहिए कि विपदा की इस स्थिति में वो राजनीति करने में लगे हुए हैं. केंद्र सरकार ने 364 करोड़ की राहत राशि प्रदेश को जारी की है. कुल्लू से एक सीपीएस के बेटे फील्ड में जाकर राहत राशि बांट रहे हैं. जयराम ठाकुर ने कहा कि राहत राशि चेक के जरिये दी जाती है, 15 से 25 हजार तक की राशि ही कैश दिया जाता है. अगर कांग्रेस नेता एक लाख रुपये कैश फौरी राहत समझकर बांट रहे हैं तो आंकलन करने के बाद बाकी का पैसा कैसे दिया जाएगा. यदि एक लाख की राशि फौरी राहत के तौर पर दी जा रही है तो बाकी नुकसान का मुआवजा सरकार कब देगी, इस बात को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की जाए.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू का पलटवार- पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के बयान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र से कोई भी राहत राशि नहीं मिली है. केंद्रीय टीम हिमाचल का दौरा करके गई है और अभी भी राहत राशि की पहली किस्त का इंतजार है. जैसे ही केंद्र की तरफ से अंतरिम राहत आएगी तो हम उसे बांटेगे. मुख्यमंत्री ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर से अनुरोध किया कि जब केंद्र से आपदा राहत राशि की पहली किस्त मिलेगी तो वो भी हमारे साथ दिल्ली चलें.
सीएम सुक्खू ने कहा कि जो जयराम ठाकुर पैसे बांटने की बात रह रहे हैं वो राहत नेताओं के द्वारा नहीं बल्कि सरकार के द्वारा दी जा रही है, हमने रिलीफ मैनुअल में बदलाव करते हुए राहत राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये करने के साथ पीड़ित परिवार को दो दिन में राहत राशि देने की पहल की है. अब अगर कोई नेता इस दौरान फोटो खिंचवा लेता है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं. सीएम ने कहा कि राहत राशि बांटने का जिम्मा जिला उपायुक्तों को दिया गया है. डीसी मौके पर जाकर परिवारों को राहत राशि बांट रहे हैं और रसीद कटवा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय मैं जयराम ठाकुर के सवालों का जवाब नहीं देना चाहता क्योंकि आपदा के समय में राजनीति नहीं करनी चाहिए.
राहत पर रार- कुल मिलाकर इन दिनों प्रदेश में आपदा पीड़ित लोगों को दी जा रही राहत पर रार छिड़ गई है. सत्ता और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल निकला है. इससे पहले भी बीजेपी की ओर से चहेतों को राहत राशि बांटने को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए गए थे. वहीं कांग्रेस की ओर से कहा गया कि प्रदेश बीजेपी केंद्र से हिमाचल को राहत दिलाने के लिए पहल करे. सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा है कि आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में वो आपदा राहत राशि को लेकर जानकारी देंगे.
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