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कोरोना काल में खाद्य आपूर्ति विभाग ने 76 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

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Published : Jul 10, 2020, 3:36 PM IST

Updated : Jul 10, 2020, 4:05 PM IST

कर्मचारियों को कोरोना संकट काल में ना निकालने की अपील करने वाली सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में ही 76 डाटा एंट्री ऑपरेटरों को नौकरी से निकाल दिया गया है. जिसके बाद निकाले गए कई कर्मचारियों पर रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है.

Food supply department sacked 76 employees
फोटो

मंडी: कोरोना संकट के दौर में सरकार की कथनी और करनी में अंतर साफ दिखने लगा है. सरकार ने भरोसा दिया था कि कोरोना संकट में किसी को भी नौकरी से निकाला नहीं जाएगा, लेकिन इन आदेशों के बाद भी खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में आउट सोर्स पर सेवाएं दे रहे 76 डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को एक ही झटके में नौकरी से निकाल दिया गया.

ऐसे में पिछले पांच-छह सालों से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे यह लोग बेरोजगार हो गए हैं. कोरोना काल की इस मुश्किल घड़ी में इन लोगों के सामने बिना काम के रोजी रोटी का भी संकट पैदा हो गया है. यही नहीं सरकार की बेरुखी के कारण नौकरी से निकाले गए डाटा एंट्री ऑपरेटरों को परिवार के भविष्य की भी चिंता सताने लगी है. ऐसे में जीवन के बहुमूल्य पांच से छह सालों का कीमती समय विभाग को देने के बाद भी इन आउट सोर्स कर्मचारियों को कुछ हासिल नहीं हुआ.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि आउटसोर्स पर रखे गए यह डाटा एंट्री ऑपरेटर खाद्य आपूर्ति विभाग में उपमंडल स्तर पर खाद्य निरीक्षक कार्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे थे. इन कर्मचारियों ने सरकार की ओर से शुरू की गई हर जनकल्याणकारी योजनाओं को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया था.

यही नहीं कर्मचारियों ने कोविड-19 में भी जान की परवाह किए बिना लोगों को मुफ्त राशन बांटने में भी सरकार का सहयोग किया, लेकिन इसके बावजूद इन कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के बजाए उल्टा नौकरी से ही निकाल दिया है, जो इन कर्मचारियों के साथ एक बड़ा अन्याय है. ऐसे में विभाग से निकाले गए इन कर्मचारियों की नजरें अब फिर से सरकार पर टिकी हैं.

इन योजनाओं को सफल बनाने में दिया योगदान:

विभाग में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे इन कर्मचारियों ने कई योजनाओं को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया. इसमें ई-पीडीएस प्रोजेक्ट, डीबीटीएल (पहल) उज्ज्वला योजना, गृहिणी सुविधा योजना, पीएम किसान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, आत्म निर्भर भारत के अतिरिक्त प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जनमंच कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी सेवाएं प्रदान की है. ऐसे में सरकार की सभी जनकल्याण की योजनाओं में सहयोग करने के नौकरी से निकले गए सभी आउट सोर्स कर्मचारी बहुत निराश हैं.

विभाग से निकाले गए एक कर्मचारी यशवंत ने बताया कि वह खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के खाद्य निरीक्षक कार्यालय करसोग में कार्यरत था. उसे सरकार ने 30 जून को नौकरी से निकाल दिया है.उन्होंने बताया कि उनके साथ अन्य खाद्य निरीक्षक कार्यालय से 76 और डाटा एंट्री ऑपरेटरों को भी नौकरी से निकाला गया है. यशवंत ने बताया कि उन्होंने कोरोना संकट के दौरान भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य किया है. इसलिए सरकार से आग्रह है कि उन्हें फिर से नौकरी पर रखा जाए.

ये भी पढ़ें: NDRF बटालियन के लिए जमीन फाइनल, DIG समेत अन्य अधिकारियों ने किया मुआयना

मंडी: कोरोना संकट के दौर में सरकार की कथनी और करनी में अंतर साफ दिखने लगा है. सरकार ने भरोसा दिया था कि कोरोना संकट में किसी को भी नौकरी से निकाला नहीं जाएगा, लेकिन इन आदेशों के बाद भी खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में आउट सोर्स पर सेवाएं दे रहे 76 डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को एक ही झटके में नौकरी से निकाल दिया गया.

ऐसे में पिछले पांच-छह सालों से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे यह लोग बेरोजगार हो गए हैं. कोरोना काल की इस मुश्किल घड़ी में इन लोगों के सामने बिना काम के रोजी रोटी का भी संकट पैदा हो गया है. यही नहीं सरकार की बेरुखी के कारण नौकरी से निकाले गए डाटा एंट्री ऑपरेटरों को परिवार के भविष्य की भी चिंता सताने लगी है. ऐसे में जीवन के बहुमूल्य पांच से छह सालों का कीमती समय विभाग को देने के बाद भी इन आउट सोर्स कर्मचारियों को कुछ हासिल नहीं हुआ.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि आउटसोर्स पर रखे गए यह डाटा एंट्री ऑपरेटर खाद्य आपूर्ति विभाग में उपमंडल स्तर पर खाद्य निरीक्षक कार्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे थे. इन कर्मचारियों ने सरकार की ओर से शुरू की गई हर जनकल्याणकारी योजनाओं को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया था.

यही नहीं कर्मचारियों ने कोविड-19 में भी जान की परवाह किए बिना लोगों को मुफ्त राशन बांटने में भी सरकार का सहयोग किया, लेकिन इसके बावजूद इन कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के बजाए उल्टा नौकरी से ही निकाल दिया है, जो इन कर्मचारियों के साथ एक बड़ा अन्याय है. ऐसे में विभाग से निकाले गए इन कर्मचारियों की नजरें अब फिर से सरकार पर टिकी हैं.

इन योजनाओं को सफल बनाने में दिया योगदान:

विभाग में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे इन कर्मचारियों ने कई योजनाओं को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया. इसमें ई-पीडीएस प्रोजेक्ट, डीबीटीएल (पहल) उज्ज्वला योजना, गृहिणी सुविधा योजना, पीएम किसान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, आत्म निर्भर भारत के अतिरिक्त प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जनमंच कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी सेवाएं प्रदान की है. ऐसे में सरकार की सभी जनकल्याण की योजनाओं में सहयोग करने के नौकरी से निकले गए सभी आउट सोर्स कर्मचारी बहुत निराश हैं.

विभाग से निकाले गए एक कर्मचारी यशवंत ने बताया कि वह खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के खाद्य निरीक्षक कार्यालय करसोग में कार्यरत था. उसे सरकार ने 30 जून को नौकरी से निकाल दिया है.उन्होंने बताया कि उनके साथ अन्य खाद्य निरीक्षक कार्यालय से 76 और डाटा एंट्री ऑपरेटरों को भी नौकरी से निकाला गया है. यशवंत ने बताया कि उन्होंने कोरोना संकट के दौरान भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य किया है. इसलिए सरकार से आग्रह है कि उन्हें फिर से नौकरी पर रखा जाए.

ये भी पढ़ें: NDRF बटालियन के लिए जमीन फाइनल, DIG समेत अन्य अधिकारियों ने किया मुआयना

Last Updated : Jul 10, 2020, 4:05 PM IST
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