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जंगल में फैली आग से गौशाला समेत सेब और नाशपाती के 292 पौधे जलकर राख, लाखों का नुकसान

करसोग के कांडी सपनोट पंचायत में घनुफरी के पास आग लगने से वन संपदा समेत लाखों की निजी संपत्ति की नुकसान हुआ है. बगशाड के बीओ कैलाश वर्मा का कहना है कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि जंगल मे आगजनी की घटना पर एफआईआर की दर्ज की जा रही है.

fire in karsog
जंगल में आग लगने से वन सम्पदा जलकर राख
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Published : Apr 13, 2021, 5:34 PM IST

करसोग: मंडी जिला के करसोग उपमंडल की ग्राम पंचायत कांडी सपनोट के तहत घनुफरी के नजदीक जंगल में आग लगने से वन सम्पदा सहित निजी संपत्ति को लाखों का नुकसान हुआ है. सूचना मिलते ही एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और फील्ड अधिकारियों को नुकसान का आंकलन करने के आदेश जारी किए हैं.

सोमवार को घनुफरी के समीप जंगल में लगी आग की लपटें साथ लगती निजी संपत्ति तक पहुंच गई. जिससे एक पक्की गौशाला सहित चार बागवानों के सेब सहित नाशपाती के बगीचे को अपनी चपेट में ले लिया. तेज हवा के साथ उठती आग की लपटों से 292 पौधे जलकर राख हो गए. इसके अलावा गौशाला में रखी गई टीडी में मिली देवदार की लकड़ियां भी जलकर राख हो गई.

fire in karsog
जंगल में आग लगने से वन सम्पदा समेत निजी संपत्ति जलकर राख

इन बागवानों को हुआ नुकसान

गौशाला में आग लगने से टेकराम पुत्र धनीराम के दो पशु भी झुलस गए, जबकि एक गाय जान बचाने के लिए आग के बीच से कूदकर साथ लगते ढांक से गिर गई. इसके अलावा टेकराम का सेब का फलदार बगीचा भी आगजनी की भेंट चढ़ गया, जिसमें सेब के 98 बड़े पौधों सहित 53 पौधे आग की लपटों की वजह पूरी तरह झुलस गए.

इसके अलावा मनीराम पुत्र हरदू के नाशपाती के 57 पौधे जल गए, जिसमें 22 बड़े और 35 छोटे पौधे नष्ट हुए हैं. इसके अलावा एक अन्य बागवान केशवराम पुत्र नरपत के 65 सेब के पौधे आगजनी की भेंट चढ़ गए. चौथे बागवान मायाघर पुत्र मोतीराम के बगीचे में भी आग की वजह से 19 सेब के पौधे जलकर राख हो गए. फील्ड अधिकारियों की टीम मंगलवार को नुकसान का आंकलन करने मौके पर पहुंची है. इस बारे में जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम को सौंपी जाएगी.

60 हेक्टेयर जंगल जला, जांच के आदेश

वन खंड बगशाड़ बीट के तहत घनुफरी में 60 हेक्टेयर जंगल आगजनी की भेंट चढ़ गया है. जिसमें वनस्पति सहित जीवजन्तु भी जलकर अकाल मौत का ग्रास बन गए हैं. यही नहीं जंगल में उगी छोटी पौध भी आग की भेंट चढ़ गई है. वन विभाग ने आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. इस बारे में लोगों से पूछताझ भी की गई है। यही नहीं वन विभाग ने करसोग थाना में एफआईआर भी दर्ज करने के भी निर्देश जारी किए हैं. वहीं, खंड बगशाड के बीओ कैलाश वर्मा का कहना है कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि जंगल मे आगजनी की घटना पर एफआईआर की दर्ज की जा रही है.

क्या कहते हैं एसडीएम करसोग?

एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि ग्राम पंचायत कांडी सपनोट के तहत एक जंगल में लगी आग की वजह से लोगों के फलदार पौधे जल गए हैं. इसके अतिरिक्त एक पक्की गौशाला को भी नुकसान हुआ है। मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया गया। उन्होंने कहा कि रिलीफ केस बनाने के लिए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. इस बारे में जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: आलू बीज का भुगतान न करने पर LPS की कार्रवाई, डिफाल्टर व्यापारियों की 70 लाख की संपत्ति अटैच

करसोग: मंडी जिला के करसोग उपमंडल की ग्राम पंचायत कांडी सपनोट के तहत घनुफरी के नजदीक जंगल में आग लगने से वन सम्पदा सहित निजी संपत्ति को लाखों का नुकसान हुआ है. सूचना मिलते ही एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और फील्ड अधिकारियों को नुकसान का आंकलन करने के आदेश जारी किए हैं.

सोमवार को घनुफरी के समीप जंगल में लगी आग की लपटें साथ लगती निजी संपत्ति तक पहुंच गई. जिससे एक पक्की गौशाला सहित चार बागवानों के सेब सहित नाशपाती के बगीचे को अपनी चपेट में ले लिया. तेज हवा के साथ उठती आग की लपटों से 292 पौधे जलकर राख हो गए. इसके अलावा गौशाला में रखी गई टीडी में मिली देवदार की लकड़ियां भी जलकर राख हो गई.

fire in karsog
जंगल में आग लगने से वन सम्पदा समेत निजी संपत्ति जलकर राख

इन बागवानों को हुआ नुकसान

गौशाला में आग लगने से टेकराम पुत्र धनीराम के दो पशु भी झुलस गए, जबकि एक गाय जान बचाने के लिए आग के बीच से कूदकर साथ लगते ढांक से गिर गई. इसके अलावा टेकराम का सेब का फलदार बगीचा भी आगजनी की भेंट चढ़ गया, जिसमें सेब के 98 बड़े पौधों सहित 53 पौधे आग की लपटों की वजह पूरी तरह झुलस गए.

इसके अलावा मनीराम पुत्र हरदू के नाशपाती के 57 पौधे जल गए, जिसमें 22 बड़े और 35 छोटे पौधे नष्ट हुए हैं. इसके अलावा एक अन्य बागवान केशवराम पुत्र नरपत के 65 सेब के पौधे आगजनी की भेंट चढ़ गए. चौथे बागवान मायाघर पुत्र मोतीराम के बगीचे में भी आग की वजह से 19 सेब के पौधे जलकर राख हो गए. फील्ड अधिकारियों की टीम मंगलवार को नुकसान का आंकलन करने मौके पर पहुंची है. इस बारे में जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम को सौंपी जाएगी.

60 हेक्टेयर जंगल जला, जांच के आदेश

वन खंड बगशाड़ बीट के तहत घनुफरी में 60 हेक्टेयर जंगल आगजनी की भेंट चढ़ गया है. जिसमें वनस्पति सहित जीवजन्तु भी जलकर अकाल मौत का ग्रास बन गए हैं. यही नहीं जंगल में उगी छोटी पौध भी आग की भेंट चढ़ गई है. वन विभाग ने आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. इस बारे में लोगों से पूछताझ भी की गई है। यही नहीं वन विभाग ने करसोग थाना में एफआईआर भी दर्ज करने के भी निर्देश जारी किए हैं. वहीं, खंड बगशाड के बीओ कैलाश वर्मा का कहना है कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि जंगल मे आगजनी की घटना पर एफआईआर की दर्ज की जा रही है.

क्या कहते हैं एसडीएम करसोग?

एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि ग्राम पंचायत कांडी सपनोट के तहत एक जंगल में लगी आग की वजह से लोगों के फलदार पौधे जल गए हैं. इसके अतिरिक्त एक पक्की गौशाला को भी नुकसान हुआ है। मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया गया। उन्होंने कहा कि रिलीफ केस बनाने के लिए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. इस बारे में जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

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