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मंडी बाईपास पर वाहन की टक्कर से मादा तेंदुए की मौत

जिला मंडी के पुलघराट के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने एक तेंदुए को टक्कर मार दी. जिसकी वजह से मादा तेंदुए की मौके पर ही मौत हो गई. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Pradesh News
मृत मादा तेंदुआ.
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Published : Apr 8, 2023, 7:16 PM IST

मंडी: शहर के कांगणी जंगल से होकर गुजरने वाले बाइपास नेशनल हाइवे 21 पर पुलघराट के पास कुदरती जल स्त्रोत के पास बीती रात एक तेज गति वाहन की टक्कर से मादा तेंदुआ मौके पर ही मौत का शिकार हो गया. तेंदुए को टक्कर मारने के बाद वाहन चालक भाग खड़ा हुआ, जबकि इस व्यस्त मार्ग पर गुजर रहे अन्य वाहन चालकों ने जब तड़पते तेंदुए को देखा तो अपने वाहन रोक कर पुलिस व वन विभाग को सूचित किया.

वाहन की टक्कर इतनी जोरदार थी कि तेंदुए की मौके पर ही मौत हो गई. सूचना मिलने पर पुलिस व वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची. मंडी के वन परिक्षेत्राधिकारी RO अमिताभ भारद्वाज ने बताया कि रात को सूचना मिलने के बाद पुलिस की मदद से इस मादा तेंदुए जो मौत को शिकार हो चुका था को अपने कब्जे में लेकर उसका पशु अस्पताल में विशेषज्ञों द्वारा पोस्टमार्टम किया गया.

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मृत मादा तेंदुआ.

पोस्टमार्टम के बाद इसके लिए गठित की गई कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में इसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. उन्होंने बताया कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके इसे टक्कर मारने वाले अज्ञात चालक की तलाश शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि तेंदुए की मौत के सही कारण व उसकी उम्र का पता पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा.

ऐसा माना जा रहा है कि रात के समय यह तेंदुआ जो काफी बड़ा था. पानी पीने के लिए कांगणी जंगल से नीचे सुकेती खड्ड की ओर उतरा था और सड़क पर वाहनों की तेज लाइट में आंखें चुंधिया जाने से तेज गति वाहन की चपेट में आ गया. खाने की तलाश भी अक्सर तेंदुए जंगल से नीचे आ जाते हैं, मगर स्वभाव से बेहद चालाक यह जानवर आमतौर पर वाहनों की चपेट में नहीं आता. इसके सिर पर लगी चोट व निकले खून से यह माना जा रहा है कि वाहन से इसके सिर पर टक्कर लगी है जो मौके पर ही मौत हो जाने का कारण बनी है.

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मृत मादा तेंदुआ.

अब इसका खुलासा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद होगा. यूं भी मंडी शहर का ऑक्सीजन सिलेंडर समझे जाने वाला कांगणी जंगल जिस तरह से अंधाधुंध सरकारी निर्माण कार्यों से छलनी होने लगा है. उससे इस जंगल में रह रहे सारे जानवरों का जीवन खतरे में ही नजर आ रहा है और जानवर शहर की ओर भागने लगे हैं. मंडी शहर के पर्यावरण के लिए यह बहुत बड़ा खतरा है मगर राजनीतिज्ञ, राजनीतिक दल, सरकारें व विभाग आंखें मूंद कर इसे उजाड़ने में लगे हैं.

Read Also- Corona Cases in Himachal: एक्सपर्ट के मुताबिक 'लोगों की लापरवाही से बढ़ रहा कोरोना', टेस्ट करवाने और मास्क पहनने की सलाह

मंडी: शहर के कांगणी जंगल से होकर गुजरने वाले बाइपास नेशनल हाइवे 21 पर पुलघराट के पास कुदरती जल स्त्रोत के पास बीती रात एक तेज गति वाहन की टक्कर से मादा तेंदुआ मौके पर ही मौत का शिकार हो गया. तेंदुए को टक्कर मारने के बाद वाहन चालक भाग खड़ा हुआ, जबकि इस व्यस्त मार्ग पर गुजर रहे अन्य वाहन चालकों ने जब तड़पते तेंदुए को देखा तो अपने वाहन रोक कर पुलिस व वन विभाग को सूचित किया.

वाहन की टक्कर इतनी जोरदार थी कि तेंदुए की मौके पर ही मौत हो गई. सूचना मिलने पर पुलिस व वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची. मंडी के वन परिक्षेत्राधिकारी RO अमिताभ भारद्वाज ने बताया कि रात को सूचना मिलने के बाद पुलिस की मदद से इस मादा तेंदुए जो मौत को शिकार हो चुका था को अपने कब्जे में लेकर उसका पशु अस्पताल में विशेषज्ञों द्वारा पोस्टमार्टम किया गया.

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मृत मादा तेंदुआ.

पोस्टमार्टम के बाद इसके लिए गठित की गई कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में इसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. उन्होंने बताया कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके इसे टक्कर मारने वाले अज्ञात चालक की तलाश शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि तेंदुए की मौत के सही कारण व उसकी उम्र का पता पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा.

ऐसा माना जा रहा है कि रात के समय यह तेंदुआ जो काफी बड़ा था. पानी पीने के लिए कांगणी जंगल से नीचे सुकेती खड्ड की ओर उतरा था और सड़क पर वाहनों की तेज लाइट में आंखें चुंधिया जाने से तेज गति वाहन की चपेट में आ गया. खाने की तलाश भी अक्सर तेंदुए जंगल से नीचे आ जाते हैं, मगर स्वभाव से बेहद चालाक यह जानवर आमतौर पर वाहनों की चपेट में नहीं आता. इसके सिर पर लगी चोट व निकले खून से यह माना जा रहा है कि वाहन से इसके सिर पर टक्कर लगी है जो मौके पर ही मौत हो जाने का कारण बनी है.

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मृत मादा तेंदुआ.

अब इसका खुलासा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद होगा. यूं भी मंडी शहर का ऑक्सीजन सिलेंडर समझे जाने वाला कांगणी जंगल जिस तरह से अंधाधुंध सरकारी निर्माण कार्यों से छलनी होने लगा है. उससे इस जंगल में रह रहे सारे जानवरों का जीवन खतरे में ही नजर आ रहा है और जानवर शहर की ओर भागने लगे हैं. मंडी शहर के पर्यावरण के लिए यह बहुत बड़ा खतरा है मगर राजनीतिज्ञ, राजनीतिक दल, सरकारें व विभाग आंखें मूंद कर इसे उजाड़ने में लगे हैं.

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