मंडीः करसोग के छोटे से गांव से तालुक्क रखने वाले बुद्धि प्रकाश ने गांव के सरकारी स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की. इसके बाद 12वीं की परीक्षा शिमला के विकासनगर में स्थित सरस्वती विद्यामन्दिर से पास की. बुद्धि प्रकाश ने बचपन में ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर बड़ी नौकरी का सपना देखा था. जिसे पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की और आज सफलता बुद्धि प्रकाश के कदम को चूम रही है.
पिता लीलाधर और माता राम प्यारी को जैसे ही बेटे की सफलता की सूचना मिली तो पूरा घर में मानों जश्न में डूब गया. न केवल परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल हो गया. बुद्धि प्रकाश ने नेशनल इंस्टिट्यूट हमीरपुर से इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी. इस बीच में ही बुद्धि प्रकाश का चयन बिजली बोर्ड सहायक अभियंता के लिए हुआ है.
बुद्धि प्रकाश ने अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने परिवारवालों को दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में मेरा चयन सहायक अभियंता विद्युत बोर्ड में हुआ है. मेरी प्राम्भिक शिक्षा गांव के स्कूल मेहंडी से हुई है. उन्होंने कहा कि बीटेक करने के बाद से ही इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी. सरकार जहां भी मुझे सेवा का अवसर देगी मैं पूरी सेवा-भावना के साथ जनहित के लिए कार्य करुंगा.
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