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लॉकडाउन से बढ़ी बल्ह घाटी के किसानों की मुश्किलें, करोड़ों का टमाटर हो सकता है तबाह

लॉकडाउन के कारण जिला मंडी के किसान काफी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि इस जिला से करोड़ों का टमाटर हिमाचल के साथ अन्य राज्यों में भेजा जाता है. खेती करने के लिए उनके पास मदजूर तो हैं, लेकिन लॉकडाउन के बीच फसल को मंडियों तक पहुंचाने का कोई साधन नजर नहीं आ रहा है. इसके लिए किसानों ने हिमाचल सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

farmers of himachal affected in lockdown
लॉकडाउन में प्रभावित हिमाचल के किसान
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Published : Apr 30, 2020, 9:01 PM IST

Updated : May 1, 2020, 9:32 AM IST

मंडीः लॉकडाउन की अवधी बढ़ने के कारण देश भर के किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इसी के साथ बल्ह घाटी के किसानों की भी करोड़ों की टमाटर की पैदावार पर लॉकडाउन के बीच बराबाद होने का खतरा मंडरा रहा है.

बता दें कि टमाटर की खेती के लिए पिछले कई वर्षों से मिनी पंजाब कहे जाने वाली बल्ह घाटी से करोड़ों रुपयों का टमाटर प्रदेश और अन्य राज्यों में बेचने के लिए भेजा जाता है.

वहीं, टमाटर की फसल पर फरवरी से अगस्त माह तक काम किया जाता है. टमाटर की खेती के लिए किसान बैंकों से लोन लेकर किराए पर लिए हुए खेतों में खेती करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के बीच अगर टमाटर की फसल मंडियों में न पहुंच पाई, तो किसानों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. ऐसे में किसानों को मदद की अंतिम उम्मीद अब सरकार से ही है.

वीडियो

टमाटर उगाने वाले किसानों का कहना है कि जून माह के पहले हफ्ते में उनकी टमाटर की फसल तैयार होने वाली है. टमाटर उत्पादक किसान सतीश कुमार सैनी और अमित कुमार का कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से वह टमाटर की खेती कर रहे हैं और जून माह में उनकी टमाटर की फसल तैयार होने वाली है.

इस वर्ष कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने उनकी चिंता बढ़ा दी है. कृषि करने के लिए मजदूर तो उनके पास हैं, लेकिन फसल तैयार होने पर उनकी फसल को मंडियों में पहुंचाने और उसे बेचने को लेकर समस्या आएगी.

पढ़ेंः किन्नौर के पिरी रेंज में लैंडस्लाइड, बगीचे तबाह होने से बागवानों को लाखों का नुकसान

मंडीः लॉकडाउन की अवधी बढ़ने के कारण देश भर के किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इसी के साथ बल्ह घाटी के किसानों की भी करोड़ों की टमाटर की पैदावार पर लॉकडाउन के बीच बराबाद होने का खतरा मंडरा रहा है.

बता दें कि टमाटर की खेती के लिए पिछले कई वर्षों से मिनी पंजाब कहे जाने वाली बल्ह घाटी से करोड़ों रुपयों का टमाटर प्रदेश और अन्य राज्यों में बेचने के लिए भेजा जाता है.

वहीं, टमाटर की फसल पर फरवरी से अगस्त माह तक काम किया जाता है. टमाटर की खेती के लिए किसान बैंकों से लोन लेकर किराए पर लिए हुए खेतों में खेती करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के बीच अगर टमाटर की फसल मंडियों में न पहुंच पाई, तो किसानों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. ऐसे में किसानों को मदद की अंतिम उम्मीद अब सरकार से ही है.

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टमाटर उगाने वाले किसानों का कहना है कि जून माह के पहले हफ्ते में उनकी टमाटर की फसल तैयार होने वाली है. टमाटर उत्पादक किसान सतीश कुमार सैनी और अमित कुमार का कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से वह टमाटर की खेती कर रहे हैं और जून माह में उनकी टमाटर की फसल तैयार होने वाली है.

इस वर्ष कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने उनकी चिंता बढ़ा दी है. कृषि करने के लिए मजदूर तो उनके पास हैं, लेकिन फसल तैयार होने पर उनकी फसल को मंडियों में पहुंचाने और उसे बेचने को लेकर समस्या आएगी.

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Last Updated : May 1, 2020, 9:32 AM IST
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