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बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने विद्युत विधेयक का किया विरोध, काले बिल्ले लागाकर किया काम

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Published : Jun 2, 2020, 12:24 AM IST

Updated : Jun 4, 2020, 5:22 PM IST

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद कर्मचारी संघ करसोग के कर्मचारियों ने सोमवार को केंद्रीय कार्यकारिणी के आदेशों पर विद्युत विधेयक 2020 का काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया.

Electricity board employees protest
बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने विद्युत विधेयक का किया विरोध

करसोग/मंडी: हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद कर्मचारी संघ करसोग के कर्मचारियों ने सोमवार को केंद्रीय कार्यकारिणी के आदेशों पर विद्युत विधेयक 2020 का काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया.

कार्यालय में पहुंचते की विधेयक के विरोध में सबसे पहले काले बिल्ले लगाए गए और विरोध के बीच अपना काम शुरू किया. कर्मचारी संघ का कहना है कि संशोधिच विद्युत विधेयक 2020 उपभोक्ता व बिजली कर्मचारी विरोधी है, इसलिए उपभोक्ताओं को भी इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए.

वीडियो

विधुत परिषद कर्मचारी संघ करसोग के प्रधान रूप भारती ने बताया कि यह बिल केंद्र सरकार की ओर से बिजली बोर्डों को निजीकरण की मंशा से लाया जा रहा है. इसके लागू होने पर बिजली वितरण का कार्य निजी हाथों में चला जाएगा. जिससे बिजली बहुत महंगी हो जाएगी, जो आम उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो जाएगी.

कर्मचारियों का कहना है कि क्रॉस सब्सिडी खत्म हो जाने से बिजली की तार में कई गुना वृद्धि हो जाएगी. वहीं, बिजली बोर्ड से राजस्व वाला क्षेत्र निजी हाथों में चले जाने से बिजली बोर्ड का राजस्व कम हो जाएगा. जिसमें करीब 25,000 पेंशनरों की सामाजिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी.

करसोग इकाई के पदाधिकारियों ने प्रबंधन वर्ग से मांग की है कि इस विकट परिस्थितियों में बिजली बोर्ड के कर्मचारी जनता को 24 घंटे बिजली मुहैया करवाने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसलिए ऐसे काले कानून को निरस्त करके बिजली बोर्ड की स्थिति यथावत रखी जाए.

पढ़ें: कोरोना संक्रमण में प्रदेश में सबसे आगे हमीरपुर, लोग नहीं कर रहे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

करसोग/मंडी: हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद कर्मचारी संघ करसोग के कर्मचारियों ने सोमवार को केंद्रीय कार्यकारिणी के आदेशों पर विद्युत विधेयक 2020 का काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया.

कार्यालय में पहुंचते की विधेयक के विरोध में सबसे पहले काले बिल्ले लगाए गए और विरोध के बीच अपना काम शुरू किया. कर्मचारी संघ का कहना है कि संशोधिच विद्युत विधेयक 2020 उपभोक्ता व बिजली कर्मचारी विरोधी है, इसलिए उपभोक्ताओं को भी इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए.

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विधुत परिषद कर्मचारी संघ करसोग के प्रधान रूप भारती ने बताया कि यह बिल केंद्र सरकार की ओर से बिजली बोर्डों को निजीकरण की मंशा से लाया जा रहा है. इसके लागू होने पर बिजली वितरण का कार्य निजी हाथों में चला जाएगा. जिससे बिजली बहुत महंगी हो जाएगी, जो आम उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो जाएगी.

कर्मचारियों का कहना है कि क्रॉस सब्सिडी खत्म हो जाने से बिजली की तार में कई गुना वृद्धि हो जाएगी. वहीं, बिजली बोर्ड से राजस्व वाला क्षेत्र निजी हाथों में चले जाने से बिजली बोर्ड का राजस्व कम हो जाएगा. जिसमें करीब 25,000 पेंशनरों की सामाजिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी.

करसोग इकाई के पदाधिकारियों ने प्रबंधन वर्ग से मांग की है कि इस विकट परिस्थितियों में बिजली बोर्ड के कर्मचारी जनता को 24 घंटे बिजली मुहैया करवाने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसलिए ऐसे काले कानून को निरस्त करके बिजली बोर्ड की स्थिति यथावत रखी जाए.

पढ़ें: कोरोना संक्रमण में प्रदेश में सबसे आगे हमीरपुर, लोग नहीं कर रहे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

Last Updated : Jun 4, 2020, 5:22 PM IST
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