मंडी: चुनाव आयोग की मंडी लोकसभा सीट के लिए गठित टीम के अधिकारी सुरेश लखावत ने सोमवार को मंडी में सहायक व्यय पर्यवेक्षकों की बैठक ली. बैठक में टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए. बैठक में चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों के खर्च पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव करवाया जा सके. चुनावी खर्चों को नियमित लिखने की हिदायत देते हुए अधिकारी ने कहा कि चुनाव व्यय नियंत्रण में निर्वाचन आयोग के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें. उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने दायित्वों का पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करने को कहा है.
सहायक व्यय पर्यवेक्षक फ्लाईंग स्क्वायड, वीडियो सर्विलेंस व स्टेटिक निगरानी टीमों के साथ आपसी समन्वय से काम करेंगे और उम्मीदवारों के चुनावी खर्चे पर नजर रखेंगे. चुनावी रैलियों में प्रत्याशियों के खर्चे का आंकलन करने के लिए वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी, जिससे खर्चे का अनुमान लगाया जा सके. लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के लिए अधिकतम व्यय सीमा 70 लाख है. केंद्रीय व्यय पर्यवेक्षक ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि चुनाव व्यय से जुड़ी और चुनाव के दौरान रिश्वत के लेन-देन संबंधी शिकायत उनसे फोन के माध्यम से या व्यक्तिगत तौर पर की जा सकती है.
बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए 22 अप्रैल से हिमाचल प्रदेश में नामांकन भरने की प्रकिया शुरू हो गई है. चुनाव आयोग प्रत्याशियों के नामांकन भरने के बाद खर्च की निगरानी करना शुरू कर देगा. इसके लिए चुनाव निर्वाचन आयोग ने टीमों का गठन कर लिया है. नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही ये टीमें सक्रिय हो जाएंगी. टीमें प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर चेक पोस्ट स्थापित कर वाहनों की जांच करेंगी. चुनाव निर्वाचन आयोग द्वारा गठित ये टीमें वीडियोग्राफी कर जांच करेंगी.
वहीं, निर्वाचन आयोग ने लोगों से अपील की है कि घर से बाहर अपने साथ 50 हजार रुपये से अधिक की नकदी, चेक व गहनों के कागजात साथ रखें. इसके अलावा बड़ी मात्रा में कपड़े और अन्य चीजों को ले जाते समय उनसे जुड़े दस्तावेज भी साथ रखें. चेकिंग के दौरान जांच टीम को पैन कार्ड, व्यापार पंजीकरण प्रमाण पत्र, नकदी की निकासी दर्शाती बैंक पासबुक दिखाना अनिर्वाय होगा अन्यथा संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई हो सकती है.