मंडी: हिमाचल प्रदेश पुलिस बीबीएमबी की सुरक्षा को CISF यानी सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स को देने बिल्कुल भी नहीं देना चाहती. इसके लिए हिमाचल पुलिस ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर इस मामले पर गंभीरता दिखाने का आह्वान किया है. यह बात डीजीपी संजय कुंडू ने आज थर्ड बटालियन पंडोह में पत्रकारों के सवालों के जबाव में कही. बता दें कि केंद्र सरकार की पावर मिनिस्ट्री ने बीबीएमबी यानी भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के बीएसएल प्रोजेक्ट की सुरक्षा का जिम्मा हिमाचल पुलिस से छीनकर सीआईएसएफ को देने का निर्णय लिया है. इसकी प्रक्रिया भी जारी हो गई है और जल्द ही हिमाचल पुलिस की फोर्स को इस प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया जाएगा. जब से यह प्रोजेक्ट बना है तब से यानी 40 वर्षों से अधिक समय से इस प्रोजेक्ट की सुरक्षा हिमाचल पुलिस ही करती आ रही है.
पुलिस विभाग में प्रोजेक्ट की सुरक्षा के लिए 235 पद भरे जाते थे, जोकि अब पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे. डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि इस संदर्भ में राज्य सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस निर्णय पर हस्तक्षेप करें और प्रोजेक्ट की सुरक्षा हिमाचल पुलिस के पास ही रहने दी जाए. बीते 40 वर्षों में जब बड़े से बड़े थ्रेट इस प्रोजेक्ट पर आए तो हिमाचल पुलिस ने इसकी कड़ी सुरक्षा की. पुलिस मौजूदा समय में भी इसकी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से चाक चौबंद है. इसलिए सुरक्षा नहीं हटाई जानी चाहिए.
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हिमाचल में बने प्रोजेक्ट पर हिमाचल की कोई निगरानी नहीं रहेगी: बीएसएल प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश की भूमि पर बना है और यहीं के संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मंडी जिले में पंडोह के पास इस परियोजना का बांध है जहां से ब्यास नदी के पानी को सुंदरनगर पहुंचाने के बाद सलापड़ ले जाया गया है. सलापड़ में बिजली उत्पादन होता है. इसकी सुरक्षा हिमाचल पुलिस के जवान कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में वैसे ही हिमाचल की हिस्सेदारी न के बराबर है. प्रोजेक्ट के अंदर क्या कुछ चल रहा होता था, इसकी जानकारी राज्य सरकार को पुलिस के माध्यम से मिलती रहती थी, लेकिन अब वो भी नहीं मिल पाएगी. ऐसे में बड़ा सवाल अब यह है कि क्या राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट पर अपनी सुरक्षा कायम रख पाएगी या नहीं.
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