सुंदरनगर: शिमला जिला के सिविल अस्पताल रोहड़ू में मंगलवार को चिकित्सक के साथ हुई मारपीट मामले में मेडिकल ऑफिसर संघ मंडी ने रोष व्यक्त किया है. संघ के प्रधान डॉ. जितेंद्र रुड़की और सचिव विशाल जम्वाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग में कोई उपलब्धि नहीं है.
डॉ. जितेंद्र रुड़की ने टांडा मेडिकल कॉलेज की 18 एनेस्थीसिया की सीटें एमसीआई से रद्द होने, कोरोना योद्धाओं के वेतन कम करने, मेडिकल कॉलेज का कार्यभार ज्वाइंट डायरेक्टर/एडिशनल डायरेक्टर को देने, एमसीएच और डीएम के लिए हर वर्ष नियम बदलने जैसे फैसलों पर रोष व्यक्त किया है.
डॉ. जितेंद्र ने कहा कि अगर यही हल रहा तो आने वाले वक्त में कोई बच्चा डॉक्टर नहीं बनना चाहेगा और न ही वह सरकारी नौकरी पर लगेगा. उन्होंने कहा कि जितने भी अस्पताल है उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर की बहुत कमी है, फिर भी डॉक्टर्स बहुत काम कर रहे हैं.
मंडी जिला इकाई ने मांग कि है कि रोहड़ू में डॉक्टर से मारपीट करने वालों को गिरफ्तार किया जाए और मेडीपर्सन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए. वहीं, मेडिकल ऑफिसर्स को एडहॉक पर ही रखें. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानेगी तब तक वह काले बिले लगा कर विरोध करते रहेंगे.