मंडीः अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में रजवाड़ा शाही खत्म होने के बाद पहली दफा चोला नाटी का आयोजन किया गया. हालांकि शिवरात्रि महोत्सव में पिछली बार देव नाटी का आयोजन किया गया था, लेकिन चोला नाटी का आयोजन रियासती दौर खत्म होने के बाद पहली बार ही किया गया.
करीब 7 दशक बाद यह आयोजन किया गया, जिसके हजारों लोग गवाह बने. चोला नाटी में देवलु पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए. वहीं देवी देवताओं ने भी देवलुओं के साथ नृत्य किया।. तलवारों को हाथों में लिए देव धुनों पर नाचते देवलुओं का नजारा देखते ही बन रहा था.
इस चोला नाटी में 200 के करीब देवलुओं ने पारंपरिक वेशभूषा में हिस्सा लिया. इसके साथ ही 150 बजंतरियों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों से माहौल को देवमय कर दिया. बता दें कि हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी मंडी में देव समाज के अपने नियम और कायदे हैं.
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में देव समाज की विभिन्न गतिविधियां देखने को मिलती हैं. इस बार सर्व देवता सेवा समिति ने शिवरात्रि महोत्सव को अलग अंदाज में मनाने के लिए कई अनूठी पहल की है. इसी में यह भी एक पहल थी.
सर्व देवता सेवा समिति के अध्यक्ष पंडित शिवपाल ने कहा कि रियासत दौर में चोला नाटी काफी प्रसिद्ध थी. इस बार एक बार फिर यह आयोजन किया गया है, जिसमें देवलुओं के साथ देवी देवताओं ने नृत्य किया.