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कृषि प्रशिक्षु यूनियन के सदस्यों की गुहार, कहाः गरीब छात्रों के भविष्य की चिंता करे सरकार

कृषि प्रशिक्षु यूनियन हिमाचल प्रदेश ने शुक्रवार को कंसा चौक मैदान में एक बैठक का आयोजन किया.कृषि यूनियन के सदस्यों ने सरकार से अपने भविष्य को लेकर गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि अभिवावकों ने अपने बच्चों को बहुत ही गरीबी से निकालकर और कर्ज लेकर पढ़ाई करने के लिए बाहर भेजा था. ताकि बच्चे पढ़कर आएं और नौकरियां कर सकें. लेकिन सरकार की इस आईसीएआर वाली शर्त के बाद उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है.

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Published : Apr 2, 2021, 9:01 PM IST

Agricultural Trainee Union Himachal Pradesh
फोटो.

मंडी: कृषि प्रशिक्षु यूनियन हिमाचल प्रदेश ने शुक्रवार को कंसा चौक मैदान में एक बैठक का आयोजन किया. इसमें कृषि यूनियन के सदस्यों ने सरकार से अपने भविष्य को लेकर गुहार लगाई है. इस बैठक की अध्यक्षता यूनियन प्रधान संजय नायक और यूनियन अध्यक्ष पवन नायक ने की.

आईसीएआर से डिग्री होना जरूरी

बैठक में कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश 2017 से कृषि प्रसार अधिकारी के पद के लिए आईसीएआर से डिग्री होना जरूरी कर दिया गया है, लेकिन जिन्होंने 2017 से पहले डिग्री यूजीसी से की है उनका भविष्य खराब हो गया है.

वीडियो.

गरीब छात्रों की मेहनत पर फिरा पानी

उन्होंने कहा कि अभिवावकों ने अपने बच्चों को बहुत ही गरीबी से निकालकर और कर्ज लेकर पढ़ाई करने के लिए बाहर भेजा था, ताकि बच्चे पढ़कर आएं और नौकरियां कर सकें, लेकिन सरकार की इस आईसीएआर वाली शर्त के बाद उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है.

बच्चों की डिग्रियां कागज बन गई हैं. यूनियन के सदस्यों ने कहा की अगर सरकार उनकी इस मांग को पूरा नहीं करती है तो वे धरना प्रदर्शन और विरोध कर सरकार के खिलाफ हड़ताल भी करेंगे.
ये भी पढ़ेंः हरियाणा के पूर्व एमएलए से जुड़े मामले में हिमाचल HC ने मांगा रिकॉर्ड

मंडी: कृषि प्रशिक्षु यूनियन हिमाचल प्रदेश ने शुक्रवार को कंसा चौक मैदान में एक बैठक का आयोजन किया. इसमें कृषि यूनियन के सदस्यों ने सरकार से अपने भविष्य को लेकर गुहार लगाई है. इस बैठक की अध्यक्षता यूनियन प्रधान संजय नायक और यूनियन अध्यक्ष पवन नायक ने की.

आईसीएआर से डिग्री होना जरूरी

बैठक में कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश 2017 से कृषि प्रसार अधिकारी के पद के लिए आईसीएआर से डिग्री होना जरूरी कर दिया गया है, लेकिन जिन्होंने 2017 से पहले डिग्री यूजीसी से की है उनका भविष्य खराब हो गया है.

वीडियो.

गरीब छात्रों की मेहनत पर फिरा पानी

उन्होंने कहा कि अभिवावकों ने अपने बच्चों को बहुत ही गरीबी से निकालकर और कर्ज लेकर पढ़ाई करने के लिए बाहर भेजा था, ताकि बच्चे पढ़कर आएं और नौकरियां कर सकें, लेकिन सरकार की इस आईसीएआर वाली शर्त के बाद उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है.

बच्चों की डिग्रियां कागज बन गई हैं. यूनियन के सदस्यों ने कहा की अगर सरकार उनकी इस मांग को पूरा नहीं करती है तो वे धरना प्रदर्शन और विरोध कर सरकार के खिलाफ हड़ताल भी करेंगे.
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