लाहौल स्पीति: तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने स्नो फेस्टिवल के 'राइंक जातर' में शिरकत. इस दौरान मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि जिला लाहौल स्पीति में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा. नृत्य, गायन, वादन हमारी संस्कृति का अंग है. कृषि को छोड़ना नहीं बल्कि बागवानी व पर्यटन से जोड़ना है ताकि हम लाहौल के सौंदर्य से देश दुनियां को रूबरू करवा सकें.
होम स्टे पर देंगे खास बल
अगले वर्ष के उत्सवों में पर्यटन विकास के लिए क्लस्टर बनाकर होम सटे का पंजीकरण कर के पर्यटकों को हर होम स्टे में ठहराएंगे. यह उत्सव जनसहभागिता से मनाया जा रहा है जिसमें सरकार की ओर से कोई खर्च नहीं किया जा रहा. भविष्य में स्नो फेस्टिवल को उदन से शुरू कर के 90 दिनों तक चलाएंगे.
यहां की संस्कृति से करवाया जाएगा अवगत
उदन, हालडा, योर, आदि पारम्परिक उत्सवों को लिखित साहित्य के रूप में लिपिबद्ध किया जाएगा. लाहौल घाटी में आने वाले पर्यटकों को पारंपरिक व्यंजन चिलड़ा, मन्ना, सिड्डू परोसे जाएंगे और यहां के खान पान व रहन सहन से अवगत करवाया जाएगा. सड़क व दूरसंचार की स्थिति को अधिक बेहतर कर के जिओ के नेटवर्क से पूरे लाहौल को जोड़ा जाएगा. शांशा नाले में पुल की हालत व सड़क की हालत बेहतर की जाएगी.
24 घंटे बिजली की सुविधा से जोड़ेंगे
गर्मियों में ट्राइबल फेस्टिवल सिस्सु से शुरू कर पूरे घाटी में आयोजन करेंगे और लद्दाख में जिस तरह सांस्कृतिक पर्यटन है, उसी तरह यहां भी करेंगे. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष हर घर को 24 घंटे बिजली की सुविधा से जोड़ेंगे. केलांग अस्पताल में शुरुआती तौर पर इसी वर्ष यह सुविधा हो जाएगी. पहली बार साहसिक खेलों के लिए हमारी सरकार ने नीति बनाई है.
सांस्कृतिक प्रस्तुतिओं के लिए प्रत्येक महिला मंडल को 10 हजार व रानीका जातर आयोजन समिति के लिए 21,000 देने की भी घोषणा की. इस अवसर टीएसी सदस्य पुष्पा, पीओआइटीडीपी रमन व तहसीलदार अनिल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
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