कुल्लूः लाहौल के यंगथंग गांव के ग्रामीण पहाड़ी दरकने से दहशत में रहने को मजबूर हैं. यहां एक तरफ जहां पहाड़ी से मलबा गांव के आसपास गिर रहा है वहीं, ग्लेशियर के पानी का रिसाव तेजी से होने के कारण जमीन धंसने लगी है.
जिससे लाहौल के उदयपुर क्षेत्र में आने वाले यंगथंग गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. डर के साये में ग्रामीणों ने प्रशासन से जहां समाधान की बात कहा है वहीं, प्रदेश सरकार के ध्यान में भी ये मामला लाया गया है.
ग्रामीणों ने इस संबंध में स्थानीय विधायक एवं कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय को लिखित तौर पर ज्ञापन भी सौंपा है. स्थानीय लोगों को कहना है कि गर्मियों की शुरुआत में ही पहाड़ी से मलबा गिरना शुरू हो गया था. ऐसे में घाटी के तापमान में हुए बदलाव से अधिक गर्मी होने के कारण यहां ग्लेशियर भी तेजी से पिघल रहा है, जिसका असर भी गांव पर पड़ रहा है.
स्थानीय लोगों की मानें तो गांव की जमीन पर ग्लेशियर के पानी का लगातार रिसाव तेजी से हो रहा. ऐसे में दरकती पहाड़ी व धसती जमीन ने ग्रामीणों के दिलों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहाड़ी से मलबा गिरने का दौर इसी तरह जारी रहा तो अगामी समय में गांव का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा. लाहौल-स्पीति के अधिकतर गांव जहां ग्लेशियरों के समीप हैं, वहीं सर्दियों में इन गांवों के ऊपर ग्लेशियरों के गिरने का खतरा बना रहता है.
उधर, स्थानीय विधायक व कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि यंगथंग गांव के ग्रामीण उनसे मिले हैं. ग्रामीणों के माध्यम से ही उन्हें पहाड़ी के दरकने की सूचना मिली है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को इस संबंध में जल्द से जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों को गांव का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है.