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कुल्लू के दो गांव आज भी शुद्ध पेयजल से वंचित, आंदोलन की दी चेतावनी

सैंज घाटी के गोष्ठी और टडोरा गांव लोगों को आज तक पीने के लिए शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो सका. जिसके कारण ग्रामीण नाले का गन्दा पानी पीने को मजबूर है. ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द इनकी पेयजलापूर्ति की समस्या को हल किया जाए वरना लोग एकजुट होकर आन्दोलन करेंगे.

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Published : Jun 4, 2021, 3:01 PM IST

कुल्लू: उपमण्डल बंजार में सैंज घाटी की ग्राम पंचायत शांघड़ के लोगों को आजादी के दशकों बाद भी पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. शांघड़ पंचायत में दो गांव ऐसे हैं, जहां के लोगों को आज तक पीने के लिए शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो सका है.

गोष्ठी और टडोरा गांव के लिए वर्षों पूर्व बदयासर नाला से एक पाइपलाइन विभाग द्वारा बिछाई गई थी और मुख्य स्रोत के पास एक टैंक का निर्माण भी किया था, लेकिन अब यह लाइन बदहाल हो चुकी है. इसकी पाइपें जंग खा रही हैं और जगह जगह से टूटी हुई हैं.

नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर

पेयजल भंडारण के लिए जो टैंक बनाया गया था, वह भी खंडहर में तबदील हो चुका है. जिस कारण इन दो गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति में असुविधा और परेशानी हो रही है. यहां के ग्रामीणों को बदयासर नाले की पाइप लाइन से सीधा ही नलों तक पानी पहुंच रहा है और बीच में भंडारण एवं स्वच्छता के लिए कोई भी टैंक नहीं है जिस कारण ग्रामीण नाले का गन्दा पानी पीने को मजबूर हैं और लोगों में बीमार होने का डर बना हुआ है.

समस्या हल ना होने पर आन्दोलन की चेतावनी

ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर वह कई बार अधिकारियों से फरयाद कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई भी समाधान नहीं हुआ है. बरसात के दिनों में तो यह पानी पीने के लायक ही नहीं रहता है. जिस कारण काफी दूर से पानी लाना पड़ता है. ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द इनकी पेयजलापूर्ति की समस्या को हल किया जाए वरना लोग एकजुट होकर आन्दोलन करेंगे.

ये भी पढ़ें: मलबे में दबे मजदूर के लिए पुलिसवाले बने देवदूत, देखें वीडियो

कुल्लू: उपमण्डल बंजार में सैंज घाटी की ग्राम पंचायत शांघड़ के लोगों को आजादी के दशकों बाद भी पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. शांघड़ पंचायत में दो गांव ऐसे हैं, जहां के लोगों को आज तक पीने के लिए शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो सका है.

गोष्ठी और टडोरा गांव के लिए वर्षों पूर्व बदयासर नाला से एक पाइपलाइन विभाग द्वारा बिछाई गई थी और मुख्य स्रोत के पास एक टैंक का निर्माण भी किया था, लेकिन अब यह लाइन बदहाल हो चुकी है. इसकी पाइपें जंग खा रही हैं और जगह जगह से टूटी हुई हैं.

नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर

पेयजल भंडारण के लिए जो टैंक बनाया गया था, वह भी खंडहर में तबदील हो चुका है. जिस कारण इन दो गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति में असुविधा और परेशानी हो रही है. यहां के ग्रामीणों को बदयासर नाले की पाइप लाइन से सीधा ही नलों तक पानी पहुंच रहा है और बीच में भंडारण एवं स्वच्छता के लिए कोई भी टैंक नहीं है जिस कारण ग्रामीण नाले का गन्दा पानी पीने को मजबूर हैं और लोगों में बीमार होने का डर बना हुआ है.

समस्या हल ना होने पर आन्दोलन की चेतावनी

ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर वह कई बार अधिकारियों से फरयाद कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई भी समाधान नहीं हुआ है. बरसात के दिनों में तो यह पानी पीने के लायक ही नहीं रहता है. जिस कारण काफी दूर से पानी लाना पड़ता है. ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द इनकी पेयजलापूर्ति की समस्या को हल किया जाए वरना लोग एकजुट होकर आन्दोलन करेंगे.

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