कुल्लू: पिछले तीन सप्ताह से बंद पड़ा रोहतांग दर्रा शनिवार को फिर बहाल कर दिया गया है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सात दिन की कड़ी मेहनत के बाद बर्फ से लकदक दर्रे को बहाल करने में सफलता हासिल की है. बीआरओ ने मशीनरी से दिसंबर में पांच फीट ऊंची बर्फ की दीवार काटकर रोहतांग दर्रे के दोनों छोर को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया.
रविवार को वाहनों को लाहौल और मनाली की तरफ आने-जाने की इजाजत मिल सकती है. वहीं, लाहौल घाटी में फंसे लोग रोहतांग होते हुए कुल्लू-मनाली पहुंच सकेंगे और घाटी में फंसी सेब की करीब 500 पेटियों को भी बाहर निकाला जा सकेगा.
बीआरओ ने खून जमा देने वाली ठंड और बर्फीली हवाओं को चुनौती देते हुए पांच फुट तक बर्फ की चादर को हटाया है. बीआरओ नवंबर से अब तक चार बार रोहतांग को बहाल कर चुका है. इस समय कोकसर और मढ़ी से आगे तापमान माइनस ने नीचे पहुंच चुका है. रोहतांग दर्रा बहाल होने से प्रशासन की दिक्कत बढ़ गई है. कोकसर और मढ़ी में स्थापित रेस्क्यू पोस्ट के जवानों की भी सतर्क रहना होगा. बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि शनिवार शाम को दर्रे के दोनों छोर आपस में जोड़ दिए हैं. रविवार को वाहन दर्रा के आर-पार हो सकते हैं.
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