कुल्लू: प्रदेश सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में एक गरीब की फरियाद भी नहीं सुनी जा रही है. इससे प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे दावों की पोल खुल रही है. तीर्थन घाटी में एक गरीब कच्चे मकान में गुजर-बसर कर रहा है और सरकारी सुविधाओं ना मिलने पर भी सिस्टम को कोस रहा है.
उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में एक गरीब को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कंडीधार पंचायत के चनालटी गांव के प्रीतम चंद (50) अभी तक सरकार द्वारा गरीबों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. बीपीएल परिवार में चयन न होने से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. वहीं, आय का कोई साधन न होने के कारण वो अपने जर्जर मकान की मरम्मत करने में भी नाकाम हैं.
मिली जानकारी के अनुसार प्रीतम चंद का कच्चा मकान भूस्खलन के कारण ढहने की कगार पर है. मकान को लकड़ी की सपोर्ट दे कर खड़ा रखा गया है. इसके कारण ये कच्चा मकान कभी भी ढह सकता है. इस वजह से प्रीतम चंद खतरे के साये में रहने को मजबूर है.
प्रीतम चंद ने कहा कि उसे अभी तक सरकार की ओर से गरीबों को दी जाने वाली किसी भी सुविधा का लाभ नहीं मिला है. कई बार ग्राम पंचायत के चक्कर लगाए लेकिन उनकी गुहार कोई नहीं सुन रहा है. इस छोटे से कच्चे मकान में अभी तक बिजली, पानी और न ही रसोई गैस है.
प्रीतम चंद ने कहा कि वर्षों पहले अपनी कुल नौ बिस्वा भूमि के एक हिस्से पर एक छोटा सा मकान बनाया था, लेकिन अब यह मकान गिरने वाला है और यहां रहने से अब डर लग रहा है. उन्होंने कहा कि उसे जल्द सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए, ताकि वो गुजर बसर कर सके.
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