शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में गग्गल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं. साथ ही मामले की सुनवाई साल के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर 2024 को तय की है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि वन भूमि का तबादला करने से जुड़ी मंजूरी केंद्र सरकार के पास लंबित है.
इसके अलावा हवाई अड्डे के विस्तार का मामला भी प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग कमेटी के पास लंबित है साथ ही पर्यावरण संबंधी सेवाओं के लिए एक पूर्व-आवश्यक कार्य के रूप में तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता रिपोर्ट यानी टीईएफआर (टेक्नो इकोनॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट) भी अभी तक नहीं मिली है. टीईएफआर पर्यावरण संबंधी सेवाओं के लिए एक पूर्व आवश्यक दस्तावेज है और सिर्फ ये रिपोर्ट मिलने के बाद ही केंद्र सरकार वन मंजूरी की अनुमति देने के लिए आगे बढ़ सकती है.
हाई कोर्ट ने पाया कि किसी भी हवाई अड्डे के निर्माण/विकास के लिए बाधा सीमा सतह सर्वेक्षण यानी बैरियर बाउंड्री सरफेस सर्वे एक पूर्व अपेक्षित शर्त है. यह सर्वे भी सक्षम प्राधिकारी के पास विचाराधीन है. हाईकोर्ट ने इन खामियों को दूर करने से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. यहां गौरतलब है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता की तरफ से दिए आश्वासन को वापस लेने की इजाजत नहीं दी थी.
कोर्ट को दिए आश्वासन में एडवोकेट जनरल ने स्पष्ट रूप से कहा था कि सरकार किसी को भी भूमि से बेदखल नहीं करेगी. यह भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन उचित मुआवजा और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 11(1) के तहत जारी अधिसूचना का हिस्सा है. सुनवाई के बाद एडिशनल एडवोकेट जनरल ने अदालत से विभिन्न औपचारिकताएं पूरी करने के अतिरिक्त समय की प्रार्थना की और कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से जुड़ी वैधानिक अनुपालना के संबंध में ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया.
सरकार की ओर से कोर्ट के समक्ष पेश 13 नवंबर 2024 विशेष सचिव (पर्यटन और सीए) ने पूरक हलफनामा दायर किया. इसके अवलोकन से पता चलता है कि प्रतिवादी-राज्य ने पहले ही भूमि अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है और कुछ मामलों में पैसे भी दे दिए हैं. हाईकोर्ट ने पाया कि कुछ मामलों में भूमि अधिग्रहण कलेक्टर की तरफ से अवार्ड पारित किया गया है, लेकिन आज तक भारत सरकार द्वारा वन भूमि के डायवर्सन के संबंध में आवश्यक अनुमति प्रदान नहीं की है. फिलहाल, अब मामले की सुनवाई 31 दिसंबर को होगी.
ये भी पढ़ें: IGMC के आउटसोर्स कर्मियों को एक हफ्ते में वेतन जारी करे कॉरपोरेट केयर व शिमला क्लीनवेज, हाईकोर्ट ने दिए सख्त आदेश