कुल्लू: कुल्लू और लाहौल स्पीति जिले में साल 1962 से लेकर अभी तक मातृभूमि की रक्षा करते हुए 19 जवान शहीद हुए हैं. इन 19 जवानों ने देश की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए, लेकिन प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन (State Government and District Administration) इन शहीद जवानों को भूल गई है.
इन सभी शहीदों को सम्मान दिलाने के लिए बुधवार को कुल्लू जिले की विभिन्न 15 पंचायतों के लोगों ने ढालपुर स्थित रथ मैदान से लेकर उपायुक्त कार्यालय (Deputy Commissioner Office) तक धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग (Deputy Commissioner Kullu Ashutosh Garg) के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन (Memorandum To State Government) भेजकर सभी शहीद जवानों को सम्मान दिलाने की मांग रखी गई है.
इस मौके पर कुल्लू की खराहल घाटी के शहीद जवान बालकृष्ण (Martyr Jawan Balkrishna) के पिता महेंद्र सिंह के अलावा गाहर पंचायत के प्रधान रोहित वत्स धामी, जां पंचायत के प्रधान विजेंद्र शर्मा भी मौजूद रहे. इस दौरान धरने को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिला कुल्लू व लाहौल स्पीति में 1962 से लेकर अभी तक 19 जवान देश सेवा में अपने प्राण गंवा चुके हैं. हैरानी की बात है कि आज तक सरकार और जिला प्रशासन ने इन सभी शहीदों के नाम पर किसी स्थान का नामकरण तक नहीं किया है और न ही किसी शहीद का स्मारक बनाया है.
उन्होंने कहा कि ऐसे में देश के लिए कुर्बान होने वाले शहीदों के इतिहास को कैसे याद रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि कुल्लू और लाहौल स्पीति जैसे छोटे जिलों से देश सेवा की रक्षा करते हुए अपनी कुर्बानी दी है, लेकिन सरकार ने इन सभी की कुर्बानी को भूला दिया है.
सभी लोगों ने कहा कि पिछले काफी सालों से सरकार व प्रशासन से शहीदों के नाम से महाविद्यालय, अस्पताल, बस स्टैंड, ढालपुर और भुंतर चौक का नामकरण करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इन दोनों जिलों के शहीदों को सम्मान न देकर शहीदों के साथ यहां की जनता के साथ भेदभाव कर रही है. वहीं, उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि सभी शहीदों को सम्मान दिया जाए ताकि जिला कुल्लू व लाहौल स्पीति के इन शहीदों की कुर्बानी के बारे में लोग जान सकें.
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