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Kullu River Rafting: कुल्लू में फिर शुरू होगी रिवर राफ्टिंग, ब्यास नदी में रेकी करेगी तकनीकी कमेटी, नया स्ट्रेच बनाने में लगेगा समय - हिमाचल न्यूज

कुल्लू जिले में आपदा के बीत जाने के बाद एक बार फिर से रिवर राफ्टिंग शुरू होने जा रही है. आपदा के समय में साहसिक गतिविधियों पर लगाई रोक को 15 सितंबर को हटाया जाएगा. जिसके बाद कुल्लू की ब्यास नदी में फिर से रिवर राफ्टिंग शुरू होगी, लेकिन इस बार ये रिवर राफ्टिंग काफी चुनौतीपूर्ण भी रहेगी. (Kullu River Rafting) (New stretch will made for river rafting in Kullu)

River rafting in Kullu
कुल्लू में फिर शुरू होगी रिवर राफ्टिंग
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 6, 2023, 8:54 AM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के चलते जहां हजारों करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं, करोड़ों रुपए का पर्यटन कारोबार भी ठप हो गया है. ऐसे में अब एक बार फिर सरकार पर्यटन गतिविधियों को शुरू करने जा रही है, ताकि पर्यटन कारोबारियों को इसका फायदा मिल सके. मगर खराब मौसम के चलते हालात बुरी तरह से बिगड़े हैं. जिन्हें संभालने के लिए सरकार को भी खासा वक्त लगने वाला है.

कुल्लू में शुरू होगी रिवर राफ्टिंग! हिमाचल प्रदेश 15 सितंबर से हिमाचल प्रदेश में साहसिक गतिविधियों पर लगी रोक को खोल दिया जाएगा. जिला कुल्लू में रिवर राफ्टिंग की गतिविधियां भी शुरू हो जाएगी. जुलाई महीने में ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते, जहां राफ्टिंग पॉइंट बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, तो वहीं, नदी में भी भारी मलबा जमा हो गया है. ऐसे में अब राफ्टिंग संचालकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना होगा.

राफ्टिंग स्ट्रेच के लिए ब्यास नदी में होगी रेकी: जिला कुल्लू में विभिन्न स्थानों पर रिवर राफ्टिंग की गतिविधियां आयोजित करवाई जाती हैं. ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते अब एक बार फिर से पर्यटन विभाग को राफ्टिंग का स्ट्रेच तैयार करना होगा. पहले ब्यास नदी में जहां से राफ्ट गुजरती थी, वहां पर या तो मलबा आ गया है या फिर लैंडस्लाइड के चलते वह स्ट्रेच क्षतिग्रस्त हो गया है. इसके लिए अब पर्यटन विभाग द्वारा तैयारी कर ली गई है. पर्यटन विभाग द्वारा तकनीकी कमेटी का गठन किया जाएगा. कुछ दिनों के बाद तकनीकी कमेटी द्वारा फिर से ब्यास नदी में राफ्टिंग स्ट्रेच बनाने के लिए रेकी की जाएगी. वहीं, अगर यह स्ट्रेच सही पाया गया तो 15 सितंबर से रिवर राफ्टिंग की गतिविधियां शुरू कर दी जाएंगी.

River rafting in Kullu
कुल्लू में रिवर राफ्टिंग

चुनौतियों से भरी होगी रिवर राफ्टिंग: जिला कुल्लू पर्यटन विभाग ने इस बारे में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली को राफ्टिंग स्ट्रेच पास करने के लिए पत्र लिखा है. संस्थान के द्वारा कमेटी का गठन किया जाएगा और उसके बाद राफ्टिंग स्ट्रेच की जांच की जाएगी. स्ट्रेच की जांच करने के बाद नए सिरे से अधिसूचना जारी की जाएगी. ब्यास नदी में अब जगह-जगह बड़े-बड़े पत्थर हैं और नदी ने भी अब रुख मोड़ दिया है. जिसके चलते राफ्टिंग करना भी अब आसान नहीं होगा.

इन साइट्स पर होगी रिवर राफ्टिंग: जिला कुल्लू में पर्यटन विभाग द्वारा रिवर राफ्टिंग के लिए तीन साइट का चयन किया गया है. जिनमें रायसन, बरेली और पिरडी में राफ्टिंग करवाई जाती है. पिरडी से झिड़ी वाली साइट 14 किलोमीटर की दूर पर है. इसके अलावा बबेली से वैष्णो माता मंदिर तक भी 4 किलोमीटर रूट पर राफ्टिंग करवाई जाती है. रायसन से एलपीएस साइट में भी 2 किलोमीटर तक राफ्टिंग करवाई जाती है. जिला कुल्लू में वर्तमान में 400 गाइड, 115 एजेंसी रजिस्टर हैं. इसके अलावा 450 से अधिक राफ्ट पर्यटन विभाग के पास रजिस्टर है. वहीं, जिला कुल्लू में रिवर राफ्टिंग के कारोबार से 5 हजार से अधिक युवक जुड़े हुए हैं.

कारोबारियों की पर्यटन विभाग से मांग: रिवर राफ्टिंग का कारोबार कर रहे सुरेश शर्मा, दिनेश कुमार, महेंद्र सिंह का कहना है कि जुलाई माह में रिवर राफ्टिंग का कारोबार दो माह के लिए बंद कर दिया जाता है और अब 15 सितंबर को यह रोक हटा दी जाएगी. ऐसे में पर्यटन विभाग को जल्द से जल्द नया स्ट्रेच तय करने की दिशा में काम करना होगा, ताकि यहां पर रिवर राफ्टिंग की गतिविधियां आयोजित हो सके. जिला कुल्लू पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि नदी में राफ्टिंग करने के लिए अब काम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही मनाली से तकनीकी टीम ब्यास नदी की जांच करेगी और उनकी रिपोर्ट के बाद नदी में राफ्टिंग शुरू की जाएगी.

ये भी पढे़ं: रिवर राफ्टिंग करते हुए हो जाइए सावधान, कुल्लू में 9 सालों में 10 सैलानी गंवा चुके हैं जान

ये भी पढे़ं: River rafting in Kullu: रिवर राफ्टिंग पर पर्यटन विभाग की कड़ी नजर, बबेली और पिरडी में 15 राफ्ट संचालकों को थमाए गए

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के चलते जहां हजारों करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं, करोड़ों रुपए का पर्यटन कारोबार भी ठप हो गया है. ऐसे में अब एक बार फिर सरकार पर्यटन गतिविधियों को शुरू करने जा रही है, ताकि पर्यटन कारोबारियों को इसका फायदा मिल सके. मगर खराब मौसम के चलते हालात बुरी तरह से बिगड़े हैं. जिन्हें संभालने के लिए सरकार को भी खासा वक्त लगने वाला है.

कुल्लू में शुरू होगी रिवर राफ्टिंग! हिमाचल प्रदेश 15 सितंबर से हिमाचल प्रदेश में साहसिक गतिविधियों पर लगी रोक को खोल दिया जाएगा. जिला कुल्लू में रिवर राफ्टिंग की गतिविधियां भी शुरू हो जाएगी. जुलाई महीने में ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते, जहां राफ्टिंग पॉइंट बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, तो वहीं, नदी में भी भारी मलबा जमा हो गया है. ऐसे में अब राफ्टिंग संचालकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना होगा.

राफ्टिंग स्ट्रेच के लिए ब्यास नदी में होगी रेकी: जिला कुल्लू में विभिन्न स्थानों पर रिवर राफ्टिंग की गतिविधियां आयोजित करवाई जाती हैं. ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते अब एक बार फिर से पर्यटन विभाग को राफ्टिंग का स्ट्रेच तैयार करना होगा. पहले ब्यास नदी में जहां से राफ्ट गुजरती थी, वहां पर या तो मलबा आ गया है या फिर लैंडस्लाइड के चलते वह स्ट्रेच क्षतिग्रस्त हो गया है. इसके लिए अब पर्यटन विभाग द्वारा तैयारी कर ली गई है. पर्यटन विभाग द्वारा तकनीकी कमेटी का गठन किया जाएगा. कुछ दिनों के बाद तकनीकी कमेटी द्वारा फिर से ब्यास नदी में राफ्टिंग स्ट्रेच बनाने के लिए रेकी की जाएगी. वहीं, अगर यह स्ट्रेच सही पाया गया तो 15 सितंबर से रिवर राफ्टिंग की गतिविधियां शुरू कर दी जाएंगी.

River rafting in Kullu
कुल्लू में रिवर राफ्टिंग

चुनौतियों से भरी होगी रिवर राफ्टिंग: जिला कुल्लू पर्यटन विभाग ने इस बारे में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली को राफ्टिंग स्ट्रेच पास करने के लिए पत्र लिखा है. संस्थान के द्वारा कमेटी का गठन किया जाएगा और उसके बाद राफ्टिंग स्ट्रेच की जांच की जाएगी. स्ट्रेच की जांच करने के बाद नए सिरे से अधिसूचना जारी की जाएगी. ब्यास नदी में अब जगह-जगह बड़े-बड़े पत्थर हैं और नदी ने भी अब रुख मोड़ दिया है. जिसके चलते राफ्टिंग करना भी अब आसान नहीं होगा.

इन साइट्स पर होगी रिवर राफ्टिंग: जिला कुल्लू में पर्यटन विभाग द्वारा रिवर राफ्टिंग के लिए तीन साइट का चयन किया गया है. जिनमें रायसन, बरेली और पिरडी में राफ्टिंग करवाई जाती है. पिरडी से झिड़ी वाली साइट 14 किलोमीटर की दूर पर है. इसके अलावा बबेली से वैष्णो माता मंदिर तक भी 4 किलोमीटर रूट पर राफ्टिंग करवाई जाती है. रायसन से एलपीएस साइट में भी 2 किलोमीटर तक राफ्टिंग करवाई जाती है. जिला कुल्लू में वर्तमान में 400 गाइड, 115 एजेंसी रजिस्टर हैं. इसके अलावा 450 से अधिक राफ्ट पर्यटन विभाग के पास रजिस्टर है. वहीं, जिला कुल्लू में रिवर राफ्टिंग के कारोबार से 5 हजार से अधिक युवक जुड़े हुए हैं.

कारोबारियों की पर्यटन विभाग से मांग: रिवर राफ्टिंग का कारोबार कर रहे सुरेश शर्मा, दिनेश कुमार, महेंद्र सिंह का कहना है कि जुलाई माह में रिवर राफ्टिंग का कारोबार दो माह के लिए बंद कर दिया जाता है और अब 15 सितंबर को यह रोक हटा दी जाएगी. ऐसे में पर्यटन विभाग को जल्द से जल्द नया स्ट्रेच तय करने की दिशा में काम करना होगा, ताकि यहां पर रिवर राफ्टिंग की गतिविधियां आयोजित हो सके. जिला कुल्लू पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि नदी में राफ्टिंग करने के लिए अब काम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही मनाली से तकनीकी टीम ब्यास नदी की जांच करेगी और उनकी रिपोर्ट के बाद नदी में राफ्टिंग शुरू की जाएगी.

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