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Kullu Flood: कुल्लू में बाढ़ के बाद तबाही के निशान, चपेट में आए 600 से ज्यादा भवन, अवैध कब्जा धारकों को नहीं मिलेगी राहत राशि

जिला कुल्लू में बाढ़ में कई लोग बेघर हुए हैं. कइयों के आशियाने तबाह हुए तो, कई लोगों की रोजी रोटी कमाने का जरिया ही बर्बाद हो गया. कुल्लू जिला प्रशासन नष्ट हुए और क्षतिग्रस्त हुए भवनों की लिस्ट बना ली गई है. जिसकी जिला प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. अब उसी आधार पर प्रभावितों को राहत राशि जारी की जा रही है. (Disaster Relief Fund for Kullu Flood Affected)

Disaster After Kullu Flood.
कुल्लू में बाढ़ के बाद आपदा.
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Published : Aug 4, 2023, 1:25 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में जुलाई माह में आई भारी बाढ़ के चलते करोड़ों की संपत्ति नष्ट हो गई. सैकड़ों लोगों के मकान भवन व होटल भी इसकी चपेट में आ गए. ऐसे में अब कुल्लू जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए भवनों की रिपोर्ट तैयार की गई है. प्रशासन द्वारा 600 से अधिक होटल, मकान और भवन के क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट तैयार की गई है. वहीं, इसमें 221 भवन ऐसे हैं, जो सरकारी भूमि पर बने हुए थे. अब उन भवन मालिकों को नियमों के अनुसार किसी भी प्रकार की राहत देने का कानून में कोई प्रावधान नहीं है, जिसके चलते 221 भवन के मालिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

सरकारी भूमि पर 221 भवन: मिली जानकारी के अनुसार जिला कुल्लू में सरकारी भूमि पर 164 भवन पूरी तरह से तबाह हो गए और 57 भवनों को भी क्षति पहुंची है. इनमें से अधिकतर भवन अब रहने लायक नहीं है और यह सभी भवन सरकारी भूमि पर पाए गए हैं. अब इन सभी भवन मालिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं कि अब वे किस प्रकार फिर से अपना आशियाना खड़ा कर पाएंगे.

Disaster After Kullu Flood.
कुल्लू में 221 भवन का सरकारी भूमि पर हुआ था निर्माण.

अवैध कब्जा धारकों को सिर्फ 15 हजार: प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार राहत मैनुअल में इन भवनों के लिए सिर्फ 15 हजार रुपए की राशि देने का प्रावधान है, जो उन्हें दे दिया गया है. इसके अलावा आपदा के समय राशन बर्तन व तिरपाल सहित अन्य सामग्री भी दी गई हैं. जिन लोगों का भवन मिलकियत भूमि में था, उन्हें सरकार की ओर से 1 लाख रुपए और राहत सामग्री दी गई है. इसके अलावा उन्हें आगामी समय में भी राहत मिलने की उम्मीद है. क्योंकि आपदा के समय घर तबाह होने पर सरकार द्वारा 1 लाख 45 हजार रुपए की राशि देने का प्रावधान है. वहीं, जिन लोगों के भवन सरकारी भूमि पर थे, उन्हें 15 हजार रुपये के अलावा अब कुछ भी नहीं मिलने वाला है.

Disaster After Kullu Flood.
कुल्लू की बाढ़ में बहे कई घर.

प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल्लू उपमंडल में ही सरकारी भूमि पर बने 40 से अधिक ऐसे भवन हैं, जो बाढ़ और लैंडस्लाइड की चपेट में आ गए. इसके अलावा बंजार, मनाली, आनी उपमंडल में भी कई ऐसे भवन हैं, जो सरकारी भूमि पर बने हुए थे. प्रशासन की ओर से भी अब यही तर्क दिया गया है कि सरकारी जमीन पर जिन लोगों ने कब्जा कर भवन बनाए थे, उन्हें आपदा में राहत मैन्युल के अनुसार जो प्रावधान था, उसी के तहत ही राहत राशि व अन्य सामग्री दी गई है.

अवैध भवनों को नहीं मिलेगी राहत राशि: राजस्व मामलों के जानकार दुर्गा राम, निमत राम का कहना है कि कई बार लोग अवैध भवन तैयार कर देते हैं और उसमें बिजली पानी का कनेक्शन भी जुगाड़ से ले लेते हैं, लेकिन जब आपदा के दौरान ऐसे भवन बाढ़ की भेंट चढ़ते हैं, तो सबसे पहले जमीन का खसरा नंबर, जमाबंदी व अन्य राजस्व रिकॉर्ड खंगाले जाते हैं. मिल्कियत भूमि के खसरा नंबर राजस्व विभाग में अंकित होते हैं. कोर्ट में भी किसी भवन से संबंधित केस चलता है, तो भवन का रिकॉर्ड, तहसील पटवार, सर्कल खसरा नंबर से ही तय किया जाता है. जुलाई माह में बाढ़ के चलते कई जगह पर तबाही हुई. ऐसे में जिन लोगों ने नदी नालों के किनारे सरकारी भूमि पर कब्जा कर अपने भवन बनाए थे. वह बुरी तरह से नष्ट हुए हैं. अब सरकारी नियमों के अनुसार उन्हें कोई भी राहत नहीं मिलने वाली है.

मिल्कियत भूमि मालिकों को 1 लाख से ज्यादा: वहीं, जिला कुल्लू राजस्व अधिकारी डॉ. गणेश ठाकुर ने बताया कि जिला कुल्लू में सरकारी भूमि पर 164 भवन पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और 57 भवन को भी नुकसान हुआ है. कब्जे में पाए गए इन भवनों के तबाह होने पर 15 हजार रुपए दिए गए हैं. इसके अलावा जो भवन मिल्कियत भूमि में है उन्हें 1 लाख 45 हजार रुपए दिए जा रहे हैं.

Disaster After Kullu Flood.
कुल्लू में बाढ़ की चपेट में आए 600 से अधिक मकान, भवन और होटल.

एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला का कहना है कि जिला में 600 से अधिक मकान, भवन, होटल व अन्य इमारतें बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. कुल्लू उपमंडल में 40 के करीब भवन बाढ़ से प्रभावित हुए हैं जो सरकारी भूमि में पाए गए हैं. अब सरकार के द्वारा जो भी निर्देश जारी किए जाएंगे. उसी आधार पर प्रभावितों को राहत दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: Himachal Monsoon: हिमाचल में मानसून से तबाही, 41 दिनों में 199 लोगों की मौत, 31 लापता, 8000 घरों को नुकसान

कुल्लू: जिला कुल्लू में जुलाई माह में आई भारी बाढ़ के चलते करोड़ों की संपत्ति नष्ट हो गई. सैकड़ों लोगों के मकान भवन व होटल भी इसकी चपेट में आ गए. ऐसे में अब कुल्लू जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए भवनों की रिपोर्ट तैयार की गई है. प्रशासन द्वारा 600 से अधिक होटल, मकान और भवन के क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट तैयार की गई है. वहीं, इसमें 221 भवन ऐसे हैं, जो सरकारी भूमि पर बने हुए थे. अब उन भवन मालिकों को नियमों के अनुसार किसी भी प्रकार की राहत देने का कानून में कोई प्रावधान नहीं है, जिसके चलते 221 भवन के मालिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

सरकारी भूमि पर 221 भवन: मिली जानकारी के अनुसार जिला कुल्लू में सरकारी भूमि पर 164 भवन पूरी तरह से तबाह हो गए और 57 भवनों को भी क्षति पहुंची है. इनमें से अधिकतर भवन अब रहने लायक नहीं है और यह सभी भवन सरकारी भूमि पर पाए गए हैं. अब इन सभी भवन मालिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं कि अब वे किस प्रकार फिर से अपना आशियाना खड़ा कर पाएंगे.

Disaster After Kullu Flood.
कुल्लू में 221 भवन का सरकारी भूमि पर हुआ था निर्माण.

अवैध कब्जा धारकों को सिर्फ 15 हजार: प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार राहत मैनुअल में इन भवनों के लिए सिर्फ 15 हजार रुपए की राशि देने का प्रावधान है, जो उन्हें दे दिया गया है. इसके अलावा आपदा के समय राशन बर्तन व तिरपाल सहित अन्य सामग्री भी दी गई हैं. जिन लोगों का भवन मिलकियत भूमि में था, उन्हें सरकार की ओर से 1 लाख रुपए और राहत सामग्री दी गई है. इसके अलावा उन्हें आगामी समय में भी राहत मिलने की उम्मीद है. क्योंकि आपदा के समय घर तबाह होने पर सरकार द्वारा 1 लाख 45 हजार रुपए की राशि देने का प्रावधान है. वहीं, जिन लोगों के भवन सरकारी भूमि पर थे, उन्हें 15 हजार रुपये के अलावा अब कुछ भी नहीं मिलने वाला है.

Disaster After Kullu Flood.
कुल्लू की बाढ़ में बहे कई घर.

प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल्लू उपमंडल में ही सरकारी भूमि पर बने 40 से अधिक ऐसे भवन हैं, जो बाढ़ और लैंडस्लाइड की चपेट में आ गए. इसके अलावा बंजार, मनाली, आनी उपमंडल में भी कई ऐसे भवन हैं, जो सरकारी भूमि पर बने हुए थे. प्रशासन की ओर से भी अब यही तर्क दिया गया है कि सरकारी जमीन पर जिन लोगों ने कब्जा कर भवन बनाए थे, उन्हें आपदा में राहत मैन्युल के अनुसार जो प्रावधान था, उसी के तहत ही राहत राशि व अन्य सामग्री दी गई है.

अवैध भवनों को नहीं मिलेगी राहत राशि: राजस्व मामलों के जानकार दुर्गा राम, निमत राम का कहना है कि कई बार लोग अवैध भवन तैयार कर देते हैं और उसमें बिजली पानी का कनेक्शन भी जुगाड़ से ले लेते हैं, लेकिन जब आपदा के दौरान ऐसे भवन बाढ़ की भेंट चढ़ते हैं, तो सबसे पहले जमीन का खसरा नंबर, जमाबंदी व अन्य राजस्व रिकॉर्ड खंगाले जाते हैं. मिल्कियत भूमि के खसरा नंबर राजस्व विभाग में अंकित होते हैं. कोर्ट में भी किसी भवन से संबंधित केस चलता है, तो भवन का रिकॉर्ड, तहसील पटवार, सर्कल खसरा नंबर से ही तय किया जाता है. जुलाई माह में बाढ़ के चलते कई जगह पर तबाही हुई. ऐसे में जिन लोगों ने नदी नालों के किनारे सरकारी भूमि पर कब्जा कर अपने भवन बनाए थे. वह बुरी तरह से नष्ट हुए हैं. अब सरकारी नियमों के अनुसार उन्हें कोई भी राहत नहीं मिलने वाली है.

मिल्कियत भूमि मालिकों को 1 लाख से ज्यादा: वहीं, जिला कुल्लू राजस्व अधिकारी डॉ. गणेश ठाकुर ने बताया कि जिला कुल्लू में सरकारी भूमि पर 164 भवन पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और 57 भवन को भी नुकसान हुआ है. कब्जे में पाए गए इन भवनों के तबाह होने पर 15 हजार रुपए दिए गए हैं. इसके अलावा जो भवन मिल्कियत भूमि में है उन्हें 1 लाख 45 हजार रुपए दिए जा रहे हैं.

Disaster After Kullu Flood.
कुल्लू में बाढ़ की चपेट में आए 600 से अधिक मकान, भवन और होटल.

एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला का कहना है कि जिला में 600 से अधिक मकान, भवन, होटल व अन्य इमारतें बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. कुल्लू उपमंडल में 40 के करीब भवन बाढ़ से प्रभावित हुए हैं जो सरकारी भूमि में पाए गए हैं. अब सरकार के द्वारा जो भी निर्देश जारी किए जाएंगे. उसी आधार पर प्रभावितों को राहत दी जाएगी.

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