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बंजार की चनौन पंचायत में मनाई गई फागली, लोगों ने देखा मुखौटा नृत्य

उपमंडल बंजार की चनौन पंचायत के गांव मटियाना में फागली(ठुहार) पर्व धूमधाम से मनाया गया. देवता बंगेश्वर के सम्मान में आयोजित पर्व में वाद्य यंत्रों की थाप पर मुखौटों के साथ नृत्य किया जाता है.

देवता बंगेश्वर के सम्मान में पर्व का आयोजन
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Published : Jan 22, 2021, 1:11 PM IST

Updated : Jan 22, 2021, 1:52 PM IST

कुल्लू: उपमंडल बंजार के चनौन पंचायत के तहत आने वाले मटियाना गांव में फागली का आयोजन हर वर्ष बड़ी धूमधाम से किया जाता है. यह पर्व माघ मास के आठ प्रविष्टे को मनाया जाता है. वाद्य यंत्रों की थाप पर मुखौटों के साथ नृत्य किया जाता है. मटियाणा में फागली पर्व देवता बंगेश्वर के सम्मान में मनाई जाता है.

देवता बंगेश्वर के सम्मान में पर्व का आयोजन

देवता बंगेश्वर के सम्मान में आयोजित पर्व में वाद्य यंत्रों की थाप पर मुखौटों के साथ नृत्य किया गया. देवता के कारदारों ने कहा कि फागली में मुखौटे पहन कर नृत्य की परंपरा का निभाया गया. इसके बाद देवता की आज्ञा अनुसार भगवान विष्णु के स्वरूप मढियालों ने विशेष स्थल पर जाकर नृत्य किया. नृत्य करते-करते इसमें मोहिनी रूप का मंचन करते हुए बीठ को भी नचाया गया. फागली के अंत में गूर का खेल हुआ, जिसमें दोनों तरफ से लोगों ने गूर को खींचा.

वीडियो

मान्यता के अनुसार बीठ में लगे नरगिस फूलों को जो व्यक्ति पकड़ता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. मटियाना में इस परंपरा का सदियों से निर्वहन हो रहा है. अंत में सभी लोग मिलकर के एक रस्साकशी का खेल देवता के आदेश अनुसार खेलते हैं और यह खेल बड़ा रोचक होता है.

खेल में दोनों तरफ लोग रस्सी को खींचते हैं और जो अपनी तरफ ज्यादा रस्सी को खींचेगा उन लोगों को विजयी घोषित किया जाता है. फिर देवता की ओर से उन्हें आशीर्वाद दिया जाता है. उसके बाद सभी लोग देवता को पुरातन वाद्य यंत्रों की थाप पर अपने देवालय में लाते हैं और रात्रि को यहां पर भजन संध्या और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.

सोलनः 17 जिला परिषद और 118 पंचायत समिति के लिए मतगणना, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

कुल्लू: उपमंडल बंजार के चनौन पंचायत के तहत आने वाले मटियाना गांव में फागली का आयोजन हर वर्ष बड़ी धूमधाम से किया जाता है. यह पर्व माघ मास के आठ प्रविष्टे को मनाया जाता है. वाद्य यंत्रों की थाप पर मुखौटों के साथ नृत्य किया जाता है. मटियाणा में फागली पर्व देवता बंगेश्वर के सम्मान में मनाई जाता है.

देवता बंगेश्वर के सम्मान में पर्व का आयोजन

देवता बंगेश्वर के सम्मान में आयोजित पर्व में वाद्य यंत्रों की थाप पर मुखौटों के साथ नृत्य किया गया. देवता के कारदारों ने कहा कि फागली में मुखौटे पहन कर नृत्य की परंपरा का निभाया गया. इसके बाद देवता की आज्ञा अनुसार भगवान विष्णु के स्वरूप मढियालों ने विशेष स्थल पर जाकर नृत्य किया. नृत्य करते-करते इसमें मोहिनी रूप का मंचन करते हुए बीठ को भी नचाया गया. फागली के अंत में गूर का खेल हुआ, जिसमें दोनों तरफ से लोगों ने गूर को खींचा.

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मान्यता के अनुसार बीठ में लगे नरगिस फूलों को जो व्यक्ति पकड़ता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. मटियाना में इस परंपरा का सदियों से निर्वहन हो रहा है. अंत में सभी लोग मिलकर के एक रस्साकशी का खेल देवता के आदेश अनुसार खेलते हैं और यह खेल बड़ा रोचक होता है.

खेल में दोनों तरफ लोग रस्सी को खींचते हैं और जो अपनी तरफ ज्यादा रस्सी को खींचेगा उन लोगों को विजयी घोषित किया जाता है. फिर देवता की ओर से उन्हें आशीर्वाद दिया जाता है. उसके बाद सभी लोग देवता को पुरातन वाद्य यंत्रों की थाप पर अपने देवालय में लाते हैं और रात्रि को यहां पर भजन संध्या और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.

सोलनः 17 जिला परिषद और 118 पंचायत समिति के लिए मतगणना, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

Last Updated : Jan 22, 2021, 1:52 PM IST
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