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कुल्लू में सीटियां व हो हल्ला कर गांव से खदेड़ा टुंडी राक्षस, सुख समृद्धि का लिया आशीर्वाद!

जिला कुल्लू का फागली उत्सव बुधवार को संपन्न हो गया. दोपहर बाद मनाली गांव में देव विधि के अनुसार कार्यक्रम शुरू हुआ.

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Published : Feb 7, 2019, 5:19 PM IST

फागली उत्सव

कुल्लू: जिला कुल्लू का फागली उत्सव बुधवार को संपन्न हो गया. दोपहर बाद मनाली गांव में देव विधि के अनुसार कार्यक्रम शुरू हुआ. ग्रामीणों ने देव प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मान्यता के अनुसार सीटियां व होहल्ला कर राक्षस को गांव से खदेड़ा.


परंपरा के अनुसार गांव की परिक्रमा कर आराध्यदेव ने ग्रामीणों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया. गौर हो कि मनु महाराज के मंदिर ओल्ड मनाली के प्रांगण से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गत रविवार को इस उत्सव की शुरुआत हुई थी. आराध्य देव मनु महाराज ने इस उत्सव के दौरान गांव के लगभग साढ़े तीन सौ घरों की परिक्रमा की.


मान्यता है कि राक्षस के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए घाटी के अराध्यदेव मनु ऋषि ने राक्षस से मानव के बाल की गंध सुंघाने का एक समझौता किया था. आज भी घाटी के लोग एक दूसरे के बाल जलाकर इस अनोखी परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं.


ग्रामीण इस बार भी देवता की आज्ञा मानते हुए ग्यारह दिन तक शाकाहारी बने रहे. ग्रामीणों ने बुधवार को टूंडिया राक्षस को गांव से दूर भगाया।. मान्यता के अनुसार उत्सव के दौरान टूंडिया राक्षस की भी मेहमानबाजी की जाती है ताकि गांव साल भर प्रेत आत्माओं से सुरक्षित रह सके और गांव में सुख समृद्धि का वास हो.

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ग्रामीण डोला राम और मान चंद नेगी ने बताया कि ग्रामीण आज भी देव परंपरा से विश्वास के साथ जुड़े हैं और देव आज्ञा का पालन कर रहे हैं. वहीं, मनु ऋषि के कारदार रघुवीर नेगी ने बताया कि उत्सव के दौरान गांव में लगातार पूजा-पाठ का क्रम चलता रहा. उन्होंने बताया कि उत्सव के दौरान देवता ने हर घर की परिक्रमा की और ग्रामीणों का सालभर के लिए सुख समृद्धि से भरा हो इसका आशीर्वाद भी दिया.

कुल्लू: जिला कुल्लू का फागली उत्सव बुधवार को संपन्न हो गया. दोपहर बाद मनाली गांव में देव विधि के अनुसार कार्यक्रम शुरू हुआ. ग्रामीणों ने देव प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मान्यता के अनुसार सीटियां व होहल्ला कर राक्षस को गांव से खदेड़ा.


परंपरा के अनुसार गांव की परिक्रमा कर आराध्यदेव ने ग्रामीणों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया. गौर हो कि मनु महाराज के मंदिर ओल्ड मनाली के प्रांगण से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गत रविवार को इस उत्सव की शुरुआत हुई थी. आराध्य देव मनु महाराज ने इस उत्सव के दौरान गांव के लगभग साढ़े तीन सौ घरों की परिक्रमा की.


मान्यता है कि राक्षस के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए घाटी के अराध्यदेव मनु ऋषि ने राक्षस से मानव के बाल की गंध सुंघाने का एक समझौता किया था. आज भी घाटी के लोग एक दूसरे के बाल जलाकर इस अनोखी परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं.


ग्रामीण इस बार भी देवता की आज्ञा मानते हुए ग्यारह दिन तक शाकाहारी बने रहे. ग्रामीणों ने बुधवार को टूंडिया राक्षस को गांव से दूर भगाया।. मान्यता के अनुसार उत्सव के दौरान टूंडिया राक्षस की भी मेहमानबाजी की जाती है ताकि गांव साल भर प्रेत आत्माओं से सुरक्षित रह सके और गांव में सुख समृद्धि का वास हो.

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ग्रामीण डोला राम और मान चंद नेगी ने बताया कि ग्रामीण आज भी देव परंपरा से विश्वास के साथ जुड़े हैं और देव आज्ञा का पालन कर रहे हैं. वहीं, मनु ऋषि के कारदार रघुवीर नेगी ने बताया कि उत्सव के दौरान गांव में लगातार पूजा-पाठ का क्रम चलता रहा. उन्होंने बताया कि उत्सव के दौरान देवता ने हर घर की परिक्रमा की और ग्रामीणों का सालभर के लिए सुख समृद्धि से भरा हो इसका आशीर्वाद भी दिया.

मनाली से ग्रामीणों ने भगाया टुंडीया राक्षस
कुल्लू

जिला कुल्लू के अधिकतर गांव में मनाए जाने वाला फागली उत्सव बुधवार देर शाम को ग्रामीणों द्वारा टुंडिया राक्षस को खदेड़ते ही विधिवत संपन्न हो गया। गांव की परिक्रमा कर आराध्यदेव ने ग्रामीणों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया। दोपहर बाद मनाली गांव में देव विधि अनुसार कार्यक्रम शुरू हुआ। ग्रामीणों ने देव परंपरा देव कार्यक्रम में भाग लिया। ग्रामीणों ने देव प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सीटियां व होहल्ला कर राक्षस को गांव से खदेड़ा।

गौर हो कि मनु महाराज के मंदिर ओल्ड मनाली के प्रांगण से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गत रविवार को इस उत्सव की शुरुआत हुई थी। आराध्य देव मनु महाराज ने इस उत्सव के दौरान गांव के लगभग साढ़े तीन सौ घरों की परिक्रमा की।

मान्यता है कि राक्षस के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए घाटी के आराध्यदेव मनु ऋषि ने राक्षस से मानव के बाल की गंध सुंघाने का एक समझौता किया था। आज भी घाटी के लोग एक दूसरे के बाल जलाकर इस अनोखी परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं। ग्रामीण इस बार भी देवता की आज्ञा मानते हुए ग्यारह दिन तक शाकाहारी बने रहे। ग्रामीणों ने बुधवार को टूंडिया राक्षस को गांव से दूर भगाया। मान्यता है कि उत्सव के दौरान टूंडिया राक्षस की भी मेहमानबाजी की जाती है ताकि गांव साल भर प्रेत आत्माओं से सुरक्षित रह सके और गांव में सुख समृद्धि का वास हो।

ग्रामीण डोला राम और मान चंद नेगी ने बताया कि ग्रामीण आज भी देव परंपरा से विश्वास के साथ जुड़े हैं और देव आज्ञा का पालन कर रहे हैं। वहीं, मनु ऋषि के कारदार रघुवीर नेगी ने बताया कि उत्सव के दौरान गांव में लगातार पूजा-पाठ का क्रम चलता रहा। उन्होंने बताया कि उत्सव के दौरान देवता ने हर घर की परिक्रमा की तथा ग्रामीणों का सालभर के लिए सुख समृद्धि से भरा हो इसका आशीर्वाद भी दिया।

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