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कुल्लू में डॉक्टरों ने किया रोष प्रदर्शन, बंद रहे निजी अस्पताल और क्लीनिक - प्रदर्शन

डॉक्टरों की सरकार से मांग है कि डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया जाए ताकि डॉक्टर भयमुक्त वातावरण में मरीजों का इलाज कर सकें.

कुल्लू में डॉक्टरों ने किया रोष प्रदर्शन
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Published : Jun 17, 2019, 5:39 PM IST

कुल्लू: बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा के विरोध में जिला कुल्लू में भी कुल्लू चिकित्सक संघ ने रोष रैली निकाली. इस दौरान जिले के सभी अस्पतालों और क्लीनिक्स में भी हड़ताल की गई. वहीं जिला मुख्यालय ढालपुर में भी डॉक्टरों ने काले बैज लगा कर अपना रोष प्रकट किया.

डॉक्टरों की सरकार से मांग है कि डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया जाए ताकि डॉक्टर भयमुक्त वातावरण में मरीजों का इलाज कर सकें. कुल्लू में आयोजित रोष प्रदर्शन में भाग लेने पहुंचे डॉ. ओमपाल ने कहा कि बंगाल में डॉक्टरों के साथ हिंसा हुई, वहीं प्रदेश में भी बीते दिन मंडी जिला में एक डॉक्टर पर हमला किया गया और अभद्र व्यवहार किया गया. जिससे देशभर के डॉक्टर में काफी रोष बना हुआ है.

डॉ. ओमपाल ने कहा कि डॉक्टर मरीजों की सेवा के लिए अस्पताल में काम करते हैं, लेकिन अगर बार-बार उनके ऊपर इस तरह के हमले और अभद्र व्यवहार होता रहेगा तो वह कैसे मरीज की जान को सुरक्षित रख पाएंगे.

कुल्लू में डॉक्टरों ने किया रोष प्रदर्शन
वहीं डॉक्टर अभिलाषा ने बताया कि जब भी मरीज अस्पताल में आता है तो डॉक्टर दिन रात उसे बचाने की कोशिश में जुटा रहता है, लेकिन अगर किसी भी मामले को लेकर डॉक्टर के साथ मारपीट की जाए तो वह कैसे मरीज का इलाज कर पाएगा.

जिले के सभी डॉक्टरों ने मांग की है कि डॉक्टर पर हमला करने वालों के विरुद्ध कड़े से कड़ा कानून पारित किया जाए और दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने वाले डॉक्टर को सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई जाए, ताकि डॉक्टर अपना फर्ज सही तरीके से निभा सकें.

कुल्लू: बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा के विरोध में जिला कुल्लू में भी कुल्लू चिकित्सक संघ ने रोष रैली निकाली. इस दौरान जिले के सभी अस्पतालों और क्लीनिक्स में भी हड़ताल की गई. वहीं जिला मुख्यालय ढालपुर में भी डॉक्टरों ने काले बैज लगा कर अपना रोष प्रकट किया.

डॉक्टरों की सरकार से मांग है कि डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया जाए ताकि डॉक्टर भयमुक्त वातावरण में मरीजों का इलाज कर सकें. कुल्लू में आयोजित रोष प्रदर्शन में भाग लेने पहुंचे डॉ. ओमपाल ने कहा कि बंगाल में डॉक्टरों के साथ हिंसा हुई, वहीं प्रदेश में भी बीते दिन मंडी जिला में एक डॉक्टर पर हमला किया गया और अभद्र व्यवहार किया गया. जिससे देशभर के डॉक्टर में काफी रोष बना हुआ है.

डॉ. ओमपाल ने कहा कि डॉक्टर मरीजों की सेवा के लिए अस्पताल में काम करते हैं, लेकिन अगर बार-बार उनके ऊपर इस तरह के हमले और अभद्र व्यवहार होता रहेगा तो वह कैसे मरीज की जान को सुरक्षित रख पाएंगे.

कुल्लू में डॉक्टरों ने किया रोष प्रदर्शन
वहीं डॉक्टर अभिलाषा ने बताया कि जब भी मरीज अस्पताल में आता है तो डॉक्टर दिन रात उसे बचाने की कोशिश में जुटा रहता है, लेकिन अगर किसी भी मामले को लेकर डॉक्टर के साथ मारपीट की जाए तो वह कैसे मरीज का इलाज कर पाएगा.

जिले के सभी डॉक्टरों ने मांग की है कि डॉक्टर पर हमला करने वालों के विरुद्ध कड़े से कड़ा कानून पारित किया जाए और दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने वाले डॉक्टर को सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई जाए, ताकि डॉक्टर अपना फर्ज सही तरीके से निभा सकें.

Intro:डॉक्टरों पर हो रहे हमले के चलते कुल्लू में डॉक्टरों ने किया रोष प्रदर्शन
कुल्लू में बंद रहे निजी अस्पताल व क्लीनिक

नोट: वीडियो मेल से भेजा गया है।


Body:देशभर में डॉक्टरों पर बढ़ रहे हमले के विरोध में जिला कुल्लू में भी जिला कुल्लू चिकित्सक संघ द्वारा रोष रैली का आयोजन किया गया। वहीं सभी डॉक्टरों द्वारा अपने अस्पताल व क्लीनिक में भी हड़ताल रखी गई। जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में भी डॉक्टरों ने काले बेच लगा कर अपना रोष प्रकट किया। वहीं सरकार से मांग रखी कि डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया जाए ताकि डॉक्टर भयमुक्त वातावरण में मरीजों का इलाज कर सके। कुल्लू में आयोजित रोष प्रदर्शन में भाग लेने पहुंचे डॉ ओमपाल ने कहा कि बंगाल में भी डॉक्टर पर एक भीड़ ने हमला कर दिया जिससे उनकी हालत काफी खराब बनी रही। वहीं प्रदेश में भी बीते दिन मंडी जिला में एक डॉक्टर पर हमला किया गया और अभद्र व्यवहार किया गया। जिससे देशभर के डॉक्टर में काफी रोष बना हुआ है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर मरीज की सेवा में अस्पताल में कार्य कर रहे हैं लेकिन अगर बार बार उनके ऊपर इस तरह के हमले व अभद्र व्यवहार होता रहेगा। तो वह कैसे मरीज की जान को सुरक्षित रख पाएंगे।


Conclusion:वही डॉक्टर अभिलाषा ने बताया कि जब भी मरीज अस्पताल में आता है तो डॉक्टर दिन रात उसे बचाने की कोशिश में जुटा रहता है। वही डॉक्टर के आने के बाद मरीज के तीमारदार भी राहत महसूस करते हैं और उन्हें यह लगता है कि अब मरीज ठीक हो जाएगा। लेकिन अगर किसी भी मामले को लेकर डॉक्टर के साथ मारपीट की जाए तो वह कैसे मरीज का इलाज कर पाएगा। तो ऐसे में सरकार से मांग है कि डॉक्टर पर हमला करने वालों के विरुद्ध कड़े से कड़ा कानून पारित किया जाए और दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने वाले डॉक्टर को सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई जाए। ताकि डॉक्टर अपना फर्ज सही तरीके से निभा सके।
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