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कुल्लू कांड के बाद चुस्त हुआ पुलिस महकमा, डीजीपी ने कहा शांति का पाठ सीखें अधिकारी

कुल्लु थप्पड़ कांड के बाद पुलिस महानिदेशक द्वारा आईपीएस व एचपीएस अधिकारियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाजरी में कहा है कि अधिकारियों व आम जनता के साथ बातचीत करते समय हमेशा शांत रहना चाहिए. किसी उकसावे में नहीं आना चाहिए. ऐसी स्थिति से पुलिस अधिकारियों को सही तरीके से निपटना चाहिए.

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Published : Jun 26, 2021, 10:35 PM IST

DGP Sanjay Kundu (file photo)
डीजीपी संजय कुंडू (फाइल फोटो)

शिमला: कुल्लु थप्पड़ कांड के बाद पुलिस महकमा अब चुस्त हो गया है. डीजीपी संजय कुंडू ने सभी आईपीएस, एचपीएस अधिकारियों से शांति का पाठ सीखने की सलाह दी है.पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू की तरफ से शनिवार को आईपीएस व एचपीएस अधिकारियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है.

पुलिस महानिदेशक (Director General of police) द्वारा जारी एडवाजरी में कहा है कि अधिकारियों व आम जनता के साथ बातचीत करते समय हमेशा शांत रहना चाहिए, चाहे कोई उकसाने का मामला भी हो. ऐसी स्थिति से पुलिस अधिकारियों को सही तरीके से निपटना चाहिए.

पुलिस प्राथमिक कर्तव्य जनता की सेवा करना

डीजीपी का कहना है कि पुलिस अधिकारियों को यह याद रखना चाहिए कि उन्हें राज्य के कल्याण के लिए काम करना हैं और उनका प्राथमिक कर्तव्य जनता की सेवा करना है. कभी भी अधिकारी को कर्तव्य की भावना नहीं खोनी चाहिए. सभी पुलिस अधिकारियों को उनकी कमजोरियों व उनके व्यक्तित्व में कमियों की पहचान करनी चाहिए और इनके निराकरण के लिए वे विभाग के भीतर किसी ऐसे व्यक्ति से मदद ले सकते हैं, जिसके साथ वे सहज हों. इसके अलावा वे पेशेवर की भी मदद ले सकते हैं. क्रोध या अवसाद जैसी समस्याओं का समाधान तभी किया जा सकता है, जब इनसे पीड़ित व्यक्ति इसे स्वीकार करने को तैयार हो जाए.

पुलिस का सारा काम आपसी सहयोग पर निर्भर

ड्यूटी के निर्वहन के दौरान वर्दी में अधिकारी को अशोभनीय आचरण से बचना चाहिए. एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि पुलिस का सारा काम आपसी सहयोग पर निर्भर करता है. सार्वजनिक समारोहों और वीआईपी ड्यूटी के दौरान यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. इसके अलावा पुलिस अधिकारियों को ये भी समझने की जरूरत है कि हिमाचल पुलिस (Himachal Police) में हम सभी पेशेवर सहयोगी हैं, चाहे वह कांस्टेबल हो या अधिकारी हो, एक ही वर्दी पहने सभी एक ही लोकाचार से बंधे हैं.

ये भी पढ़ें- IGMC शिमला का मेकशिफ्ट अस्पताल खाली! कोरोना मरीजों की लगातार कम हो रही संख्या

शिमला: कुल्लु थप्पड़ कांड के बाद पुलिस महकमा अब चुस्त हो गया है. डीजीपी संजय कुंडू ने सभी आईपीएस, एचपीएस अधिकारियों से शांति का पाठ सीखने की सलाह दी है.पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू की तरफ से शनिवार को आईपीएस व एचपीएस अधिकारियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है.

पुलिस महानिदेशक (Director General of police) द्वारा जारी एडवाजरी में कहा है कि अधिकारियों व आम जनता के साथ बातचीत करते समय हमेशा शांत रहना चाहिए, चाहे कोई उकसाने का मामला भी हो. ऐसी स्थिति से पुलिस अधिकारियों को सही तरीके से निपटना चाहिए.

पुलिस प्राथमिक कर्तव्य जनता की सेवा करना

डीजीपी का कहना है कि पुलिस अधिकारियों को यह याद रखना चाहिए कि उन्हें राज्य के कल्याण के लिए काम करना हैं और उनका प्राथमिक कर्तव्य जनता की सेवा करना है. कभी भी अधिकारी को कर्तव्य की भावना नहीं खोनी चाहिए. सभी पुलिस अधिकारियों को उनकी कमजोरियों व उनके व्यक्तित्व में कमियों की पहचान करनी चाहिए और इनके निराकरण के लिए वे विभाग के भीतर किसी ऐसे व्यक्ति से मदद ले सकते हैं, जिसके साथ वे सहज हों. इसके अलावा वे पेशेवर की भी मदद ले सकते हैं. क्रोध या अवसाद जैसी समस्याओं का समाधान तभी किया जा सकता है, जब इनसे पीड़ित व्यक्ति इसे स्वीकार करने को तैयार हो जाए.

पुलिस का सारा काम आपसी सहयोग पर निर्भर

ड्यूटी के निर्वहन के दौरान वर्दी में अधिकारी को अशोभनीय आचरण से बचना चाहिए. एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि पुलिस का सारा काम आपसी सहयोग पर निर्भर करता है. सार्वजनिक समारोहों और वीआईपी ड्यूटी के दौरान यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. इसके अलावा पुलिस अधिकारियों को ये भी समझने की जरूरत है कि हिमाचल पुलिस (Himachal Police) में हम सभी पेशेवर सहयोगी हैं, चाहे वह कांस्टेबल हो या अधिकारी हो, एक ही वर्दी पहने सभी एक ही लोकाचार से बंधे हैं.

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