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नाले में गिरे बैल को टीम ने किया रेस्कयू, 7 दिन तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

पिछले कई दिनों से नाले में गिरे एक बैल को रेस्कयू टीम ने बाहर निकालने में सफलता हासिल की है. मणिकर्ण में कसोल के साथ लगते जयनाला में एक सप्ताह पहले यह बैल करीब 60 मीटर गहरे नाले में जा गिरा था. लिटल रेवेल एडवेंचर सर्च एंड रेस्क्यू के डायेक्टर शिवा राम ने बताया कि यहां नाले में गिरे एक बैल को रेस्क्यू करने में उन्हें पूरे 7 दिन का वक्त लग गया.

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Published : Apr 29, 2021, 1:12 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू कि मणिकर्ण घाटी में लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है. पिछले कई दिनों से नाले में गिरे एक बैल को रेस्कयू टीम निकालने में लगी हुई थी. कड़ी मशक्कत के बाद रेस्कयू टीम ने बैल को नाले से निकालने में सफलता हासिल की है.

60 मीटर गहरे नाले में गिरा था बैल

बता दें कि मणिकर्ण में कसोल के साथ लगते जयनाला में एक सप्ताह पहले यह बैल करीब 60 मीटर गहरे नाले में जा गिरा था. लिटल रेवेल एडवेंचर सर्च एंड रेस्क्यू के डायेक्टर शिवा राम ने बताया कि यहां नाले में गिरे एक बैल को रेस्क्यू करने में उन्हें पूरे 7 दिन का वक्त लग गया. इस अभियान में कटागला, कसोल के लोगों के साथ मनाली ATOA की टीम ने भी मदद की.

शिवा राम के मुताबिक, उनकी टीम ने बैल को रेस्क्यू करने की कोशिश शुरू की, लेकिन बैल ऐसी जगह गिरा था. जहां पहुंचना बहुत ही मुश्किल था. उनकी टीम अब तक 15 गायों को सुरक्षित रेस्क्यू कर चुकी है, लेकिन यह रेस्क्यू सबसे कठिन रेस्क्यू में से एक था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

सातवें दिन हुआ रेस्क्यू

लिटिल रेवेल एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड सर्च रेस्क्यू टीम के सदस्य मोहिन्द्र सिंह ने बताया कि बैल के प्राण बचाने के लिए उसे ऊपर से ही घास डाली जा रही थी, इसके साथ-साथ उस तक पहुंचने की कोशिश भी की जा रही थी. आखिरकार रस्सियों के सहारे बैल को सातवें दिन सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में 18 प्लस 31 लाख लोगों का 1 मई से होगा टीकाकरण, जानें कितनी तैयार है जयराम सरकार

कुल्लू: जिला कुल्लू कि मणिकर्ण घाटी में लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है. पिछले कई दिनों से नाले में गिरे एक बैल को रेस्कयू टीम निकालने में लगी हुई थी. कड़ी मशक्कत के बाद रेस्कयू टीम ने बैल को नाले से निकालने में सफलता हासिल की है.

60 मीटर गहरे नाले में गिरा था बैल

बता दें कि मणिकर्ण में कसोल के साथ लगते जयनाला में एक सप्ताह पहले यह बैल करीब 60 मीटर गहरे नाले में जा गिरा था. लिटल रेवेल एडवेंचर सर्च एंड रेस्क्यू के डायेक्टर शिवा राम ने बताया कि यहां नाले में गिरे एक बैल को रेस्क्यू करने में उन्हें पूरे 7 दिन का वक्त लग गया. इस अभियान में कटागला, कसोल के लोगों के साथ मनाली ATOA की टीम ने भी मदद की.

शिवा राम के मुताबिक, उनकी टीम ने बैल को रेस्क्यू करने की कोशिश शुरू की, लेकिन बैल ऐसी जगह गिरा था. जहां पहुंचना बहुत ही मुश्किल था. उनकी टीम अब तक 15 गायों को सुरक्षित रेस्क्यू कर चुकी है, लेकिन यह रेस्क्यू सबसे कठिन रेस्क्यू में से एक था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

सातवें दिन हुआ रेस्क्यू

लिटिल रेवेल एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड सर्च रेस्क्यू टीम के सदस्य मोहिन्द्र सिंह ने बताया कि बैल के प्राण बचाने के लिए उसे ऊपर से ही घास डाली जा रही थी, इसके साथ-साथ उस तक पहुंचने की कोशिश भी की जा रही थी. आखिरकार रस्सियों के सहारे बैल को सातवें दिन सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

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