कुल्लू: हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान ने सिन्धु नदी बेसिन की प्रमुख नदी सतलुज का वानिकी गतिविधियों के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ज्ञान सागर नेगी ने की. सागर नेगी ने जल अधिग्रहण क्षेत्रों में वानिकी उपचारों के बारे में अपने विचार व्यक्त किए और कई उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किए.
हिमाचल प्रदेश में जल संरक्षण की विभिन्न प्रौद्योगिकियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. उन्होंने कहा कि नदियों के साथ धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई है, लेकिन मनुष्य के हस्तक्षेप के कारण आज नदियां काफी दूषित होती जा रही है. नदियों के कारण मनुष्य का जीवन चलता है. पर्यावरण का निर्धारण नदियों के बिना पूरा नहीं हो सकता है.
एसडीएम जीवन सिंह नेगी ने कहा कि स्पीति में पिछले कुछ वर्षो में कुछ नालों के जल में काफी कमी पाई गई है. इसके साथ कई बार नालों के कारण भारी नुकसान भी लोगों को उठाना पड़ता है. यहां के पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ रहा है.
बैठक के दौरान सम्पूर्ण सत्रों में उक्त विभागों से आए विभिन्न शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों ने सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पहले भी विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत कार्य किए गए हैं. गैर-सरकारी संस्थाओं और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने सुझाव दिया कि आज के समय में सरकारी कार्यों व योजनाओं में जन-सहभागिता की प्रमुख भूमिका है.